वर्ल्ड कप की टॉप-10 टीमों की पॉसिबल प्लेइंग इलेवन: इनकी कमजोरी और ताकत भी जानिए…

स्पोर्ट्स डेस्क33 मिनट पहले

टी-20 वर्ल्ड कप का आगाज हो गया है। पहले ही मुकाबले में रविवार को बड़ा उलटफेर देखने को मिला। पहले क्वालिफाइंग मैच में नामीबिया ने श्रीलंका को 55 रनों से हरा दिया। 21 अक्टूबर तक क्वालिफाइंग मुकाबले खेले जाने हैं और इसमे से टॉप-2 टीम सुपर-12 के लिए जाएगी। पिछली बार की तरह इस बार भी वर्ल्ड कप में 16 टीमें हिस्सा ले रही हैं।

हम इस स्टोरी में ग्राफिक्स के जरिए सभी टीमों की फुल स्क्वॉड देखेंगे। साथ ही टॉप-10 टीमों की पॉसिबल प्लेइंग इलेवन और उनकी मजबूती-कमजोरी भी समझने की कोशिश करेंगे।

पहले 16 ग्राफिक्स में सभी टीमों की फूल स्क्वॉड देख लेते हैं…

सबसे पहले श्रीलंका को हराने वाली नामीबिया की टीम

अब नीदरलैंड की टीम देख लेते हैं

आयरलैंड की टीम भी क्वालिफाइंग राउंड खेल रही है

जिम्बाब्वे को भी क्वालिफाइंग राउंड में खेलना पड़ रहा है

UAE को पहले मैच में नीदरलैंड से हार झेलनी पड़ी है

श्रीलंका टूर्नामेंट की शुरुआत में ही उलटफेर का शिका हो गया

अफगानिस्तान की टीम सीधे सुपर-12 का मैच खेलने उतरेगी

बांग्लादेश सुपर-12 में भारत और पाकिस्तान के ग्रुप में है

दो बार की वर्ल्ड चैंपियन को भी क्वालिफाइंग राउंड खेलना पड़ रहा है

इंग्लैंड की टीम ने हाल ही में पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया में सीरीज जीती है

न्यूजीलैंड पिछले टी-20 वर्ल्ड कप की फाइनलिस्ट टीम है

साउथ अफ्रीका सुपर-12 में भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ है

ऑस्ट्रेलिया इस टूर्नामेंट की डिफेंडिंग चैंपियन टीम है

पाकिस्तान की टीम अपना पहला मैच 23 अक्टूबर को भारत के खिलाफ खेलेगी

भारतीय टीम इस बार रोहित शर्मा के रूप में नए कप्तान के साथ उतर रही है

अब आइए टॉप-10 टीमों के ग्राफिक्स के जरिए पॉसिबल प्लेइंग इलेवन और उनका मजबूत पक्ष और कमजोर पक्ष भी जान लेते हैं…

1. ऑस्ट्रेलिया
ताकत: ऑस्ट्रेलिया की इस वर्ल्ड कप में सबसे बड़ी ताकत ये है कि वह अपने घर में खेले रही है। 2015 में भी यह टीम वनडे वर्ल्ड कप अपने घर में जीत चुकी है। वह अपने मैदानों से अच्छी तरह परिचित है। टीम की बल्लेबाजी भी कमाल है। 2021 टी-20 वर्ल्ड के प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट डेविड वार्नर शानदार लय में है। वहीं, मध्यक्रम में ग्लेन मैक्सवेल, मार्कस स्टोइनिस, मिचेल मार्श ऐसे खिलाड़ी हैं जो किसी भी मैच का पासा पलट सकते हैं। टीम के पास मिचेल मार्श, मार्कस स्टोइनिस और ग्लेन मैक्सवेल के रूप में तीन क्वालिटी ऑलराउंडर्स भी हैं।

सिंगापुर में जन्मे टिम डेविड को ऑस्ट्रेलियाई टीम ने अपने साथ जोड़ा है जो फिनिशर की भूमिका निभा सकते हैं।

कमजोरी: लेग स्पिनर एडम जम्पा और एश्टन एगर के अलावा टीम के पास स्पिनर्स के ज्यादा ऑप्शन नहीं है। यह टीम के लिए दिक्कतें पैदा कर सकता है। वहीं, कप्तान एरोन फिंच इस समय फॉर्म में नहीं है और स्टीव स्मिथ पावर हिटिंग करने में लगातार नाकाम हो रहे हैं। उन्होंने इस साल 120 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं।

हाल ही में इंग्लैंड और भारत ने उन्हें टी-20 सीरीज में हराया भी है।

2. न्यूजीलैंड

ताकत: न्यूजीलैंड की टीम हर बड़े टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन करती है। 2021 के वर्ल्ड कप में केन विलियमसन की टीम फाइनल तक पहुंची थी। इस बार स्पिन ऑलराउंडर मिचेल ब्रेसवेल टीम की नई खोज साबित हो सकते हैं। उन्होंने इस साल टी-20 क्रिकेट में 183 की स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं। वहीं, बॉलिंग में उनका इकोनॉमी 6 से भी कम है।

टीम का पेस अटैक कमाल का है। ट्रेंट बोल्ट, लॉकी फर्ग्यूसन और टिम साउदी जैसे अनुभवी तेज गेंदबाज किसी भी टीम के लिए परेशानी खड़ी कर सकते हैं।

कमजोरी: कीवी टीम की सबसे बड़ी कमजोरी सफेद गेंदों के फाइनल में नहीं जीत पाना है। उनके खेल में कंसिस्टेंसी की कमी साफ नजर आती है।न्यूजीलैंड 2015, 2019 के वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल में हार चुका है। वहीं, 2021 टी-20 वर्ल्ड कप फाइनल में भी ये टीम फाइनल के प्रेशर को नहीं झेल पाई थी। हाल ही में अपने घर में ही पाकिस्तान टीम ने न्यूजीलैंड को टी-20 त्रिकोणीय सीरीज में हराया है।

3. साउथ अफ्रीका

ताकत: मध्यक्रम के बल्लेबाज डेविड मिलर शानदार फॉर्म में हैं। वह किसी भी मैच का पासा अकेले अपने दम पर बदलने की क्षमता रखते हैं। उन्होंने इस साल 186.18 की स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं।कगिसो रबाडा की अगुआई में एनरिक नोर्त्या और लुंगी एनगिडी पेस गेंदबाजी को मजबूत बनाते हैं। स्पिन में केशव महाराज और तबरेज शम्सी भी ऑस्ट्रेलिया के बड़े मैदानों में कारगर साबित हो सकते हैं।

कमजोरी: चोट के कारण वर्ल्ड कप से पहले टीम के दो प्रमुख खिलाड़ी रासी वान डर डुसेन और ड्वेन प्रिटोरियस टूर्नामेंट का हिस्सा नहीं बन पाए हैं। वहीं, कप्तान टेम्बा बावुमा का बल्ला भी कुछ खास कमाल नहीं कर पा रहा है। उन्होंने इस साल 10.66 की मामूली औसत से रन बनाए हैं।

4. पाकिस्तान

ताकत: कप्तान बाबर आजम और मोहम्मद रिजवान की सलामी जोड़ी पाकिस्तान की सबसे बड़ी ताकत है। रिजवान टी-20 के नंबर एक बल्लेबाज हैं। शाहीन शाह आफरीदी की अगुआई में तेज गेंदबाजी आक्रमण भी शानदार है। मोहम्मद नवाज और शादाब खान स्पिन ऑलराउंडर हैं। हाल ही में न्यूजीलैंड में खेली त्रिकोणीय सीरीज का खिताब भी पाकिस्तान ने जीता है।

कमजोरी: बल्लेबाजी में बाबर और रिजवान पर अधिक निर्भरता चिंता का विषय है। मध्यक्रम कमजोर होने से पाकिस्तान की बल्लेबाजी में गहराई नहीं है। इफ्तिखार अहमद, हैदर अली, आसिफ अली तेज गति से रन नहीं बना पा रहे हैं। फखर जमान चोट से उबर रहे हैं।

5. इंग्लैंड

ताकत: कप्तान जोस बटलर इस साल IPL में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी थे। उन्होंने 17 मैच में 863 रन बनाए थे। वहीं, सलामी बल्लेबाज एलेक्स हेल्स ने लंबे समय बाद टीम में वापसी की है। वह बिग हिटर हैं। उन्हें ऑस्ट्रेलिया में खेलने का अच्छा अनुभव है। वो बिग बैश लीग भी खेलते हैं। ऐसे में ये खिलाड़ी किसी भी दूसरी टीम के लिए खतरा पैदा कर सकता है। स्पिनर आदिल रशीद और पेसर मार्क वुड मैच का रुख बदलने की क्षमता रखते हैं।

कमजोरी: शानदार फॉर्म में चल रहे जॉनी बेयरस्टो चोट की वजह से टीम का हिस्सा नहीं बन पाए हैं। तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर भी टीम का हिस्सा नहीं हैं। इन दोनों की भरपाई करना बहुत मुश्किल होगा। 2019 में इंग्लैंड की टीम जब वनडे में वर्ल्ड चैंपियन बनी थी तब ये दोनों टीम का हिस्सा थे। जोस बटलर पहली बार ICC टूर्नामेंट में कप्तानी कर रहे हैं। उनके पास अपने आपको साबित करने की चुनौती होगी।

6. बांग्लादेश

ताकत: बांग्लादेश की सबसे बड़ी मजबूती उनके कप्तान शाकिब अल असन हैं। वह दुनिया के टॉप ऑलराउंडर हैं। मौजूदा रैंकिंग में वह दूसरे नंबर पर हैं। इसके अलावा विकेटकीपर बल्लेबाज लिटन दास और मध्यक्रम में अफीफ हुसैन भी अच्छी फॉर्म में हैं। इस टीम के अंदर मजबूत टीमों को भी हराने की काबलियत है।

कमजोरी: बांग्लादेश ने इस साल एक भी टी-20 सीरीज नहीं जीती है। उसे जिम्बाब्वे जैसी कमजोर टीम के खिलाफ भी हाल ही में टी-20 सीरीज 1-2 से गंवानी पड़ी थी।

7. अफगानिस्तान

ताकत: अफगानिस्तान का सबसे मजबूत पक्ष उसकी गेंदबाजी है। राशिद खान, मुजीब उर रहमान, फरीद अहमद मलिक, फजहलहक फारूकी छोटा टोटल भी बचा सकते हैं। टीम के कप्तान मोहम्मद नबी बल्ले और गेंद दोनों से असरदार हैं। वह टी-20 क्रिकेट में दुनिया के नंबर एक ऑलराउंडर हैं।

कमजोरी: अफगानिस्तान की बल्लेबाजी में उतना दम नहीं है। ऑस्ट्रेलिया की तेज और उछाल वाली पिचों पर तेज गेंदबाजी का सामना करना उनके लिए इतना आसान नहीं होगा।

8. भारत

ताकत: भारत की सबसे बड़ी मजबूती उसकी बल्लेबाजी है। रोहित शर्मा, केएल राहुल दुनिया के टॉप सलामी बल्लेबाज माने जाते हैं। दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली ने अपनी फॉर्म वापस पा ली है और टी-20 वर्ल्ड कप में तो यह खिलाड़ी 76 की औसत से रन बनाता है। चौथे नंबर के बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव भी कमाल के फॉर्म में हैं। 2022 में उन्होंने 184.56 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं।हार्दिक पंड्या फिनिशर की भूमिका शानदार तरीके से निभा रहे हैं। भारतीय टीम इस समय टी-20 में नंबर-वन है।

कमजोरी: भारतीय टीम की सबसे बड़ी कमजोरी तेज गेंदबाजी है। डेथ ओवरों में विरोधी टीम पर अंकुश नहीं लगा पाना है। जसप्रीत बुमराह भी टीम में नहीं हैं। उनकी जगह शामिल किए गए मोहम्मद शमी कोरोना से रिकवर होकर आ रहे हैं। 2021 के वर्ल्ड कप के बाद शमी ने एक भी टी-20 मैच नहीं खेला है। ऐसे में बड़ा लक्ष्य देने के बावजूद उसका बचाव नहीं कर पाना टीम की कमजोर कड़ी साबित हो सकती है।

9. श्रीलंका
ताकत: एशिया कप में भारत और पाकिस्तान हरा चुकी श्रीलंका ताकत उनकी स्पिन गेंदबाजी है। टीम के पास हसरंगा और तीक्ष्णा जैसे वर्ल्ड क्लास स्पिन गेंदबाज मौजूद हैं। वहीं, बल्लेबाजी में चरित असलंका, कुशल और भानुका राजपक्षे शानदार फॉर्म में नजर आ रहे हैं।

कमजोरी: टीम में अनुभव की कमी है। वहीं, पहले ही मैच में उन्हें नामीबिया जैसी टीम ने हरा दिया है।

10. वेस्टइंडीज

ताकत: अपने विस्फोटक खेल के लिए मशहूर वेस्टइंडीज की ताकत उनकी आक्रामक बल्लेबाजी है। टीम के सलामी बल्लेबाज काइल मेयर्स, निकोलस पूरन और रोवमेन पॉवेल अपनी आक्रामक बल्लेबाजी से किसी भी समय मैच का रूख बदल सकते हैं।

कमजोरी: वेस्टइंडीज को अपने आखिरी 10 टी-20 मुकाबले में 8 में हार मिली है। आंद्रे रसेल, सुनील नरायण और पोलार्ड जैसे खिलाड़ियों के ना होने से टीम काफी कमजोर हो गई है।

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