क्रिकेट को मिलियन से बिलियन में पहुंचाने वाला मोदी: विजय माल्या की बेटी को पर्सनल असिस्टेंट रखा, प्राइवेट जेट का इस्तेमाल टैक्सी की तरह किया
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नई दिल्ली5 मिनट पहले
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21वीं सदी शुरू होते-होते क्रिकेट मल्टी मिलियन डॉलर स्पोर्ट बन चुका था। अगली चुनौती बिलियन डॉलर क्लब में जाने की थी। लेकिन, 1 मिलियन से 1 बिलियन का सफर हजार गुना का होता है। लगा कि क्रिकेट को वहां तक पहुंचने में लंबा वक्त लगेगा।
तभी एंट्री हुई एक ऐसे कैरेक्टर की जो सफल होने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार दिखता था। उसने 1 साल में ही क्रिकेट को मल्टी बिलियन डॉलर इंडस्ट्री मे तब्दील कर दिया। बात 2008 की है। IPL शुरू हो चुका था और ललित मोदी छा चुके थे।
इसके बाद आगे जो हुआ वह हमारे सामने है। IPL में धांधली की खबरें आईं। फिक्सिंग के आरोप लगे। अरबों की हेरा-फेरी हुई। ललित मोदी पहले आरोपी बने। फिर भगोड़े बने। फिलहाल सुष्सिमिता सेन के होने वाले पति बने हुए हैं।
जाहिर है मोदी ने कामयाबी हासिल करने के लिए तमाम हदें तोड़ी। लेकिन, ऐसा नहीं है कि उन्होंने हद तोड़ने की शुरुआत BCCI में आने या IPL खड़ी करने के बाद की हो। 56 साल के मोदी अपनी पूरी जिंदगी यही करते आए हैं। आप भी पढ़िए मोदी के पांच चुनिंदा कारनामे/हरकतें…
महंगी कारों के शौकीन ललित मोदी के पास मर्सिडीज के अलावा फरारी, एस्टन मार्टिन जैसी कई महंगे ब्रांड की गाड़ियां मौजूद थी।
पिता ने सस्ती कार खरीदने के लिए 5 हजार डॉलर दिए, उससे मर्सिडीज की पहली किश्त चुकाई
ललित मोदी उद्योगपति कृष्ण कुमार मोदी के बेटे हैं। ललित के दादा गूजरमल मोदी ने मोदी ग्रुप बनाया था और मोदीनगर शहर को बसाया था। पैसे की कोई कमी नहीं थी लेकिन कृष्ण कुमार चाहते थे कि बेटा पैसे की इज्जत करे। उन्होंने ललित मोदी को शिमला के बोर्डिंग स्कूल में डाला था। ललित ने अमेरिका में पढ़ने की जिद की। पिता मुश्किल से माने। अमेरिका पहुंचने के बाद ललित की डिमांड और आगे बढ़ी। उन्होंने पिता से कार दिलवाने को कहा। पिता ने पांच हजार डॉलर दिए और कोई सस्ती कार लेने की सलाह दी।
ललित मोदी ने सस्ती कार नहीं खरीदी। उन्होंने मर्सिडीज कार इन्स्टॉलमेंट पर ली और 5 हजार डॉलर पहली किश्त के रूप में चुकाए। वे किस्तों पर कार लेने वाले परिवार के पहले सदस्य बने थे। बाद में वे अमेरिका में 400 ग्राम कोकीन के साथ पकड़े गए थे। उनपर ड्रग पैडलिंग, किडनैपिंग और हमला करने के आरोप भी लगे थे। उस समय मीडिया में चर्चा यह थी कि ललित पारिवारिक प्रभाव के कारण छूटने में सफल रहे थे।
पत्नी मिनल सगरानी के साथ ललित मोदी। मिनल की कैंसर के कारण मौत हो गई।
मां की सहेली से प्यार किया, भारी विरोध के बावजूद शादी की
मोदी अमेरिका से लौटे तो उनकी दोस्ती मां की फ्रेंड मिनल सगरानी से हुई। मिनल उम्र में ललित से करीब 10 साल बड़ी थीं। वे नाइजीरिया में रहने वाले एक सिंधी उद्योगपति की एक्स वाइफ थीं। मोदी ने मिनल से शादी करने की इच्छा जताई। परिवार ने भारी विरोध किया। फिर भी उन्होंने शादी की। शादी के बाद लंबे समय तक परिवार वालों ने उन्हें बिजनेस से दूर रखा। मुंबई में रहने के लिए उन्हें पिता की ओर से एक फिक्स अलाउंस मिलता था।
बाद में ललित बिजनेस में लौटे। 1992 में वे अमेरिकी सिगरेट कंपनी गॉडफ्रे फिलिप्स के भारतीय बिजनेस के एग्जीक्यूटिव डायरेक्ट बने। तब गोडफ्रे फिलिप्स भारत की दूसरी सबसे बड़ी सिगरेट कंपनी थी। आगे चलकर मोदी ने पत्नी मिनल के पिता का घर भी खरीदा और उन्हें भेंट किया। यह कहानी इन्सपायरिंग लग सकती है लेकिन यह भी जान लीजिए कि 2019 में इस घर में आग लग गई थी। आरोप लगे कि इश्योरेंस की मोटी रकम पाने के लिए घर में आग लगवाई गई है।
राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सहित कई राजनेताओं से ललित मोदी के अच्छे संबंध रहे।
क्रिकेट में एंट्री के लिए नाम बदला, नियम बदलवाए
ललित मोदी ने 1993 में मोदी एंटरटेनमेंट नेटवर्क की शुरुआत की। इस कंपनी ने वाल्ट डिज्नी पिक्चर्स और फैशन टीवी के साथ 10 साल का करार किया। कंपनी इनके चैनल को भारत में डिस्ट्रीब्यूट करती थी। इसी दौरान उन्हें वाल्ट डिज्नी के चैनल ESPN को भी डिस्ट्रीब्यूट करने का मौका मिला। ESPN पर भारतीय क्रिकेट टीम के कई मैचों का लाइव टेलिकास्ट होता था। मोदी ने यहीं क्रिकेट की ताकत पहचानी। उन्हें जल्द ही अहसास हो गया कि क्रिकेट का मार्केट उसे उस वक्त चला रहे लोगों की उम्मीद से बहुत ज्यादा है। उनको लगता था कि क्रिकेट के जरिए अरबों की कमाई की जा सकती है। IPL का आइडिया तभी उन्हें आया।
इस आइडिया पर काम करने के लिए मोदी ने खुद क्रिकेट एडमिनिस्ट्रेशन में आने का फैसला किया। पहले वे हिमचाल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन में आए। यहां ज्यादा बात न बनती देख उन्होंने राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन में घुसने का फैसला किया। इसके लिए उन्होंने नागौर से जिला क्रिकेट एसोसिएशन का चुनाव लड़ने का फैसला किया। वे पहले से हिमचाल से जुड़े थे और नियम के तहत एक और राज्य में चुनाव नहीं लड़ सकते थे। इसके लिए उन्होंने अपना नाम ललित कुमार मोदी की जगह सिर्फ ललित कुमार लिखा। वे चुन लिए गए।
फिर वे राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष भी बन गए। उस समय राजस्थान में वसुंधरा राजे की सरकार थी। चुनाव से पहले राजस्थान में एक नया नियम बना। इसके कारण वोट डालने वाले 66 जिला क्रिकेट अधिकारियों को अयोग्य घोषित कर दिया। सिर्फ 32 वोट डले। मोदी जीत गए और अध्यक्ष बन गए।
इसके बाद ललित मोदी IPL के आइडिया के साथ जगमोहन डालमिया के पास गए, लेकिन डालमिया ने घास नहीं डाली। फिर वे डालमिया के प्रतिद्वंद्वी शरद पवार के पास गए। शरद पवार उनके आइडिया से कन्विंस हो गए। बाद में डालमिया को हराकर पवार BCCI अध्यक्ष बने और ललित मोदी को IPL शुरू कराने का जिम्मा मिला।
ललित मोदी बिजनेस डील के लिए सफर करने के अलावा घूमने के भी शौकीन थे। वे प्राइवेट जेट का इस्तेमाल करते थे और एक दिन में कई शहर हो आते थे।
प्राइवेट जेट से सफर करते थे, एक दिन में पांच शहर विजिट कर लेते
मोदी ने IPL चेयरमैन बनने के बाद देश-दुनिया में सफर करने के लिए प्राइवेट जेट रखी। यह चैलेंजर 300 लग्जरी 8 सीटर जेट था। उस समय इस जेट को एक घंटे के लिए चार्टर करने का किराया करीब 3 लाख रुपए था। आरोप है कि मोदी इसे हमेशा अपने लिए उपलब्ध रखवाते थे। उनके करीबी कहते हैं कि वे एक दिन में चार-पांच अलग-अलग कोने में मौजूद शहरों का दौरा भी कर लेते थे। उस समय एयरपोर्ट के लोग पूछते थे कि यह जेट है या टैक्सी। बड़े-बड़े उद्योगपति भी जेट का इस्तेमाल काफी सोच-समझकर करते हैं। मोदी इस लग्जरी प्लेन का इस्तेमाल टैक्सी की तरह करते थे।
भगोड़े उद्योगपति विजय माल्या की बेटी लैला थी मोदी की असिस्टेंट
जब ललित मोदी के IPL घोटाले का खुलासा हुआ तो एक महिला लैला महमूद का नाम भी सामने आया। बाद में पता चला कि यह महिला उद्योगपति विजय माल्या की सौतेली बेटी थी और मोदी के पर्सनल असिस्टेंट के तौर पर काम करती थी।
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