अनीस साजन के नजरिए से: मेरे लिए खुशियां मनाने से ज्यादा बांटने का जरिया है क्रिकेट
43 मिनट पहलेलेखक: दुबई से भास्कर के लिए अनीस साजन
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अनीस साजन।
मेरे लिए क्रिकेट मैच एक जश्न होता है। इस जुनून की शुरुआत भारत-पाकिस्तान के मैच से ही हुई थी, जो कि 2011 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल मैच था। मैंने मोहाली का एमिरेट्स फ्लाइट का टिकट लिया था। साथ में मैच का भी टिकट मिला था। उस दिन मेरी खुशी कई गुना बढ़ गई, जब मालूम हुआ की टीम इंडिया भी उसी होटल ताज में रुकी हुई है, जिसमें मैं ठहरा हुआ था। सोने पे सुहागा ये रहा कि मेरी मुलाकात होटल में जहीर खान और आशीष नेहरा समेत कई खिलाड़ियों से हुई।
भारत ने वह मैच जीता और बाद में फाइनल भी जीता। 23 सितंबर 2018 को भारत-पाक एशिया कप में भिड़े तो मैंने दोस्तों और बिजनेस पार्टनर्स के लिए दुबई स्टेडियम में बॉक्स के टिकट बुक किए थे। लेकिन मैच के कुछ दिन पहले महसूस हुआ कि खेल तो सब के लिए बराबर है। हम भारतीय और पाकिस्तानी तो इस खेल से भावनात्मक रूप से जुड़े होते हैं।
यहीं से मैंने क्रिकेट की खुशी मनाने के साथ-साथ बांटने का भी इरादा किया। फिर एशिया कप के मैच के 100 टिकट अपने वर्कर्स के बीच बांटे, जिसमें दोनों देशों के वर्कर शामिल थे। मैंने लकी ड्रॉ के जरिए उनको चुना। बाकियों के लिए वेयरहाउस में बड़ी स्क्रीन लगवाई। वह मैच काफी मजेदार हुआ। पाकिस्तान ने 237 का स्कोर किया था और भारत ने देखते ही देखते 40वें ओवर में ही सिर्फ एक विकेट के नुकसान पर जीत हासिल कर ली थी।
रोहित शर्मा और शिखर धवन ने पाकिस्तानी गेंदबाजों को विकेट के लिए तरसा दिया। इस खुशी को इस वर्ल्ड कप में मैंने तीन गुना करने का फैसला किया है। 100 टिकट भारत-पाक जैसे हाई डिमांड मैच के बांटे जा चुके हैं। वहीं, 100 टिकट पाक-अफगानिस्तान और फिर 100 टिकट भारत के अगले मैच के बांटने हैं। मैं कोशिश कर रहा हूं कि सेमीफाइनल और फाइनल के भी टिकट वर्कर्स में बांट कर खुशियां बढ़ाई जाएं।
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