CSK टीम का SWOT एनालिसिस: चौथी बार IPL जीतने पर रहेगी धोनी एंड कंपनी की नजर; लेकिन तेज गेंदबाजी में टीम के पास अनुभव की कमी

भोपाल5 घंटे पहले

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CSK टीम का SWOT एनालिसिस: चौथी बार IPL जीतने पर रहेगी धोनी एंड कंपनी की नजर; लेकिन तेज गेंदबाजी में टीम के पास अनुभव की कमी

पिछले साल UAE में खेले गए IPL-13 के दौरान चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) का निराशाजनक प्रदर्शन देखने को मिला था। IPL इतिहास में सबसे ज्यादा 8 फाइनल खेलने वाली धोनी की टीम पहली बार प्ले-ऑफ में जगह बनाने में नाकाम रही। IPL-13 में टीम के खराब प्रदर्शन के पीछे की बड़ी वजह सुरेश रैना का टीम के साथ न होना रहा था। हालांकि, इस साल टीम ने अपनी गलतियों में सुधार किया और दमदार खेल दिखाते हुए पॉइंट्स टेबल में 10 अंकों के साथ दूसरे पायदान पर रही।

इस बार टीम में रैना भी है और मौजूदा प्रदर्शन को देखते हुए लक भी टीम के साथ नजर आ रहा है। पिछले सीजन में टीम की शुरूआत काफी खराब देखने को मिली थी, लेकिन टूर्नामेंट के खत्म होते-होते टीम ने अच्छा खेल दिखाया और लगातार 3 मैच जीते। UAE के मैदानों पर धोनी एंड कंपनी ने 19 मैच खेले हैं, जिसमें 10 जीते और 9 हारे। फेज-2 में CSK चौथी बार खिताब जीतने के लिए मैदान पर उतरेगी।

फेज-2 में चेन्नई के पास वर्ल्ड क्लास बल्लेबाज और दुनिया के टॉप ऑलराउंडर शामिल है। साथ ही धोनी का अनुभव टीम के बहुत काम आ सकता है, लेकिन डेथ ओवर्स के लिए टीम के पास स्पेशलिस्ट बॉलर्स नहीं हैं, जो एक बड़ी परेशानी हो सकती है। ऐसे ही कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं के साथ 2021 सीजन के लिए CSK की टीम का SWOT एनालिसिस करते हैं। यानी टीम की मजबूती (Strength), कमजोरी (Weakness), अवसर (Opportunity) और खतरे (Threat) का विश्लेषण।

स्ट्रेंथ-1 मजबूत बल्लेबाजी और पॉवरफुल फिनिशर
CSK का बैटिंग ऑर्डर काफी मजबूत है। टीम के पास टॉप ऑर्डर में ऋतुराज गायकवाड़, रॉबिन उथप्पा, फाफ डु प्लेसिस और अंबाती रायडू जैसे नाम मौजूद है। ये चारों खिलाड़ी ओपनिंग में अपनी दावेदारी पेश करते हैं। हालांकि टूर्नामेंट के सस्पेंड होने से पहले गायकवाड़ और डु प्लेसिस ने टीम के लिए अच्छा काम किया था।
इसके बाद मिडिल ऑर्डर को मजबूती देने के लिए मिस्टर IPL सुरेश रैना, कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और मोइन अली है मौजूद है। टीम के लिए फिनिशर की भूमिका सैम करन, ड्वेन ब्रावो, रवींद्र जडेजा और शार्दूल ठाकुर निभा सकते हैं।

CSK के पास सैम करन के रूप में एक ऐसा ऑलराउंडर मौजूद हैं, जो किसी भी कंडीशन में मैच जिताने की ताकत रखता हैं। इंग्लैंड दौरे पर शार्दूल ठाकुर ने भी अपनी बैटिंग से ओवल टेस्ट का पासा पलटा था।

स्ट्रेंथ-2 स्पिन गेंदबाजी
3 बार की चैंपियन CSK का स्पिन डिपार्टमेंट काफी अच्छा है। टीम के पास रवींद्र जडेजा, मोइन अली, करण शर्मा, इमरान ताहिर, कृष्णप्पा गौतम, मिचेल सैंटनर और साई किशोर जैसे गेंदबाज मौजूद है। यह बात किसी छिपी नहीं है कि, UAE के मैदानों पर स्पिनर्स को अधिक मदद मिलती है, ऐसे में धोनी के पास इस डिपार्टमेंट में कोई कमी नहीं है।

फेज-2 में चेन्नई को 3 मैच दुबई और 2-2 मुकाबले शारजाह और अबू धाबी में खेलने हैं। शारजाह का मैदान काफी छोटा है और वहां की पिच हमेशा से बल्लेबाजों के लिए स्वर्ग रही है। दुबई में तेज गेंदबाजों के साथ-साथ स्पिनर्स भी काफी असरदार रहते हैं। दुबई की विकेट कभी-कभी चेन्नई के चेपॉक स्टेडियम की तरह व्यवहार करती है, जो धोनी की टीम के लिए अच्छी बात है और अबू धाबी की विकेट तो स्पिन गेंदबाजों के लिए जन्नत मानी जाती है।

कमजोरी: गेंदबाजी में अनुभव की कमी
CSK के पास कहने को तो काफी संतुलित टीम है, लेकिन टीम के बॉलिंग डिपार्टमेंट में अनुभव की कमी साफ रूप से देखी जा सकती है। टीम के पास ड्वेन ब्रावो, दीपक चाहर, शार्दूल ठाकुर, लुंगी एनगिडी और जोश हेजलवुड जैसे गेंदबाज जरूर मौजूद है, लेकिन तेज गेंदबाजी में ब्रावो और हेजलवुड को छोड़ दिया जाए तो चाहर, एनगिडी और ठाकुर के पास ज्यादा अनुभव नहीं है। साथ ही टीम के पास एक स्पेशलिस्ट डेथ बॉलर का न होना बड़ी कमजोरी माना जा सकता है।

टीम के लिए पहले डेथ बॉलर की जिम्मेदारी ब्रावो निभाते, लेकिन बढ़ती उम्र के कारण उनकी बॉलिंग में अब वो दमखम नजर नहीं आता और उनकी हालियां फॉर्म भी अच्छी नहीं रही है। वहीं, हेजलवुड ने भी इंटरनेशनल स्तर पर एक भी टी-20 मैच नहीं खेला है।

अवसर

  • CSK ने लीग में सबसे ज्यादा 8 बार (2008, 2010, 2011, 2012, 2013, 2015, 2018, 2019) फाइनल खेला है। इस दौरान 3 बार (2018, 2011, 2010) खिताब जीता। इस बार टीम के खिलाड़ियों की मौजूदा फॉर्म को देखते हुए टीम का प्ले-ऑफ में जगह बनाने तय माना जा रहा है।
  • फाफ ड्यू प्लेसिस की शानदार फॉर्म बाकी टीमों के लिए मुसीबत का कारण बन सकती है।

खतरा

  • कैप्टन धोनी का डेथ ओवर्स में धीमी बल्लेबाजी करना फेज-2 में टीम के लिए बड़ा खतरा बन सकता है। धोनी की धीमी बैटिंग से टीम के रन-रेट पर काफी फर्क पड़ता है और अन्य खिलाड़ियों पर भी दबाव आता है।
  • फेज-1 में सुरेश रैना ने 7 मैचों में सिर्फ 123 रन बनाने में सफल रहे थे। रैना का बल्ला UAE में भी खामोश रहा तो टीम के लिए प्ले-ऑफ तक पहुंचना आसान नहीं होगा।

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