फुटबॉल वर्ल्ड कप का फाइनल आज: अर्जेंटीना के मेसी दिखाएंगे मैराडोना जैसा करिश्मा या फ्रांस के एम्बाप्पे करेंगे गोल्डन गोल?
स्पोर्ट्स डेस्कएक घंटा पहले
फीफा वर्ल्ड कप में रविवार को फाइनल का महामुकाबला होगा। डिफेंडिंग चैंपियन फ्रांस और मेसी की टीम अर्जेंटीना इस मुकाबले में भिड़ेंगी। दोनों टीमों के वर्ल्ड कप हिस्ट्री में दो बार यह खिताब जीता है। अर्जेंटीना को 36 साल से ट्रॉफी का इंतजार है। आखिरी बार टीम ने डिएगो मैराडोना की कप्तानी में 1986 में वर्ल्ड कप जीता था। इसके बाद से अर्जेंटीना इस ट्रॉफी को नहीं उठा सका है। दूसरी तरफ फ्रांस ने 1998 और 2018 में वर्ल्ड कप जीता। फ्रांस के पास लगातार दूसरी बार वर्ल्ड कप जीतने का मौका है। स्ट्राइकर किलियन एम्बाप्पे गोल्डन बूट के दावेदार हैं।
आगे बढ़ने से पहले पोल में भाग लें।
इससे पहले देखते है कि अब तक कौन कौन सी टीमों से वर्ल्ड कप जीता है…
इस वर्ल्ड कप के टाॅप स्कोरर
दोनो टीमों के बीच हेड टू हेड
फ्रांस और अर्जेंटीना आखिरी बार 2018 वर्ल्ड कप के राउंड ऑफ 16 नॉकआउट मुकाबले में मिले थे। इन दोनों के बीच रोमांचक मैच हुआ था। फ्रांस ने मुकाबला 4-3 से जीता था। इसी वजह से अर्जेंटीना वर्ल्ड कप से बाहर हो गई थी। इस बार अर्जेंटीना अपनी पिछली हार का बदला लेना चाहेगी।
डिफेंडिंग चैंपियन फ्रांस लगातार दूसरी बार फाइनल में पहुंचा
पिछले वर्ल्ड कप की तरह इस बार भी फ्रांस फाइनल में पहुंचा है। 2018 में उसका मुकाबला मोड्रिच की टीम क्रोएशिया से हुआ था। इस बार उसका मुकाबला मेसी की टीम अर्जेंटीना से है। इस वर्ल्ड कप से पहले फ्रांस के बड़े खिलाड़ी जैसे, बेंजेमा, पोग्बा, कांटे और एंकुकु चोटिल हो गए। इसके बावजूद टीम के मैनेजर डिडियर डिस्चेम्पस ने एक संतुलित टीम बनाई और उसे लगातार दूसरी बार वर्ल्ड कप के फाइनल तक लेकर गई। टीम के 36 साल के स्ट्राइकर खिलाड़ी ओलिवर जीरूड ने हैडर से कमाल दिखाया और 4 गोल किए। स्ट्राइकर कीलियन एम्बाप्पे गोल्डन बूट की रेस में है। उनके इस वर्ल्ड कप में 5 गोल है। डिफेंस के मामले में फ्रांस इस टूर्नामेंट में थोड़ा कच्चा दिखा। सेमीफाइनल में मोरक्को के खिलाफ टीम ने पहली क्लीन शीट रखी यानी इस वर्ल्ड कप में ऐसा पहली बार हुआ जब फ्रांस ने गोल नहीं खाया।
फ्रांस का मजबूत पक्ष
फ्रांस की टीम में स्टार फॉरवर्ड प्लेयर किलियन एम्बाप्पे, ओलिविर जिरूड और एंटोनी ग्रीजमैन हैं, जिन्होंने अपने दम पर फ्रांस को फाइनल तक पहुंचाया है। इस टूर्नामेंट में अब तक फ्रांस की टीम ने 6 मैच में 13 गोल दागे हैं, जिनमें से एम्बाप्पे और जिरूड ने मिलकर 9 गोल किए है। वहीं ग्रीजमैन ने अब तक कोई गोल नहीं किया है, लेकिन उन्होंने तीन असिस्ट किए हैं। वह किसी भी समय मैच पलटने की ताकत रखते हैं।
कमजोर पक्ष
फ्रांस का डिफेंस अर्जेंटीना के मुकाबले कमजोर नजर आई हैं। अर्जेंटीना ने इस टूर्नामेंट 3 मैच ऐसे जीते हैं, जिनमें एक भी गोल नहीं खाया है। जबकि फ्रांस टीम इस तरह केवल एक मैच ही जीत पाई है।
अर्जेंटीना छठवीं बार वर्ल्ड कप के फाइनल में
अर्जेंटीना ने वर्ल्ड कप में अब तक 5 फाइनल खेले है। इसमें से उनसे 2 जीते। अर्जेंटीना ने वर्ल्ड कप के पहले एडीशन यानी 1930 में पहला फाइनल खेला था। इसके बाद आखिरी बार 2014 में टीम ने फाइनल खेले था, जिसमे उसे जर्मनी ने 1-0 से हराया था। लियोनल मेसी के पास फुटबॉल की हर बड़ी ट्रॉफी है, लेकिन सिर्फ वर्ल्ड कप उनके ट्रॉफी कैबिनेट में नहीं है।
इस वर्ल्ड कप में अर्जेंटीना को पहले मैच में सऊदी अरब से हार मिली। लेकिन, इसके बाद अर्जेंटीना ने हर मैच में बेहतर प्रदर्शन किया है। टीम हर मैच में पहले से अच्छा गेम खेल रही है। अर्जेंटीना ने सेमीफाइनल में इस वर्ल्ड कप में टीम की सबसे बड़ी जीत हासिल की। उन्होंने क्रोएशिया को 3-0 से हराया।
अर्जेंटीना के लिए मुकाबला मुश्किल होगा क्योंकि इस वर्ल्ड कप में फ्रांस का परफाॅर्मेंस सबसे शानदार रहा है। अर्जेंटीना के मैनेजर लियोनल स्कालोनी को फ्रांस के खिलाफ बेहतर स्ट्रैटर्जी के साथ अपने खिलाड़ियों को मैदान में उतारना होगा।
अर्जेंटीना का मजबूत पक्ष
इस वर्ल्ड कप में अर्जेंटीना के लिए कप्तान लियोनल मेसी और जूलियन अल्वारेज के अलावा एंजो फर्नांडीज टीम की मजबूत ताकत है।.अर्जेंटीना की ओर से इस टूर्नामेंट में अब तक कुल 12 गोल हुए हैं। इसमें इन तीनों प्लेयर ने मिलकर 10 गोल किए हैं। इसमें मेसी ने 5, अल्वारेज ने 4 और फर्नांडीज ने एक गोल किया है। मेसी ने तीन गोल असिस्ट भी किए हैं।
कमजोर पक्ष
अर्जेंटीना की डिफेंस दबाव के समय बिखर जाती है। अगर विपक्षी टीम शुरुआत में ही गोल दाग दे, तो अर्जेंटीना पर बड़ा दबाव बन जाता है। खुद कप्तान मेसी भी इस दबाव में कमजोर नजर आते हैं।
अब जानते है उन खिलाड़ियों जो अपनी टीम के लिए बड़े प्ले मेकर साबित हो सकते है….
दोनों टीमों की संभावित प्लेइंग इलेवन
फ्रांस – ह्यूगो लाॅरिस (गोलकीपर), जूलियस कौंडे, राफेल वराने, इब्राहिमा कोनाटे,थियो हर्नांडेज, एंटोनी ग्रीजमैन,, ऑरेलियन टॉचमनी, यूसुफ फोफाना, ओस्मान डेम्बेले, ओलिवर जीरूड और कीलियन एम्बाप्पे।
अर्जेंटीना – एमिलियो मार्टिनेज, सर्जियो रोमेरो, टागलियाफिको, निकोलस ओटामेंडी, मोलिना, रोड्रिगो डी पॉल, एल पेरेडेस, एंजो फर्नांडेज, एंजल डी मारिया , लियोनल मेसी और जूलियन अल्वारेज।
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