साक्षी मलिक गोल्ड से एक कदम दूर: कॉमनवेल्थ में सेमिफाइनल जीतने पर पति बोले- सोना लाना उसका सपना; रोहतक में देखा LIVE मैच
रोहतकएक घंटा पहले
इंग्लैंड में चल रहे कॉमनवेल्थ गेम में शुक्रवार को हरियाणवी रेसलर साक्षी मलिक एक तरफा जीत हासिल कर फाइनल में पहुंच गई। इसके साथ ही भारत का सिल्वर मेडल पक्का हो गया। साक्षी के पति अर्जुन अवार्डी सत्यव्रत कादियान ने कहा कि कॉमनवेल्थ में गोल्ड जीतना साक्षी का सपना है। उन्हें नहीं लगता कि इस बार कोई अड़चन उनकी राह में आएगी।
साक्षी मलिक तीसरी बार कॉमनवेल्थ गेम्स में गई है। रोहतक की नई अनाज मंडी के पास सुनारिया चौक स्थित साक्षी मलिक की ससुराल में उसके पति, परिवार के बाकी सदस्यों और आसपड़ोस के लोगों ने TV पर लाइव मैच देखा। साक्षी के दांव-पेच और जीत के साथ पूरा घर तालियों से गूंजता रहा।
साक्षी मलिक के ससुराल में मुकाबला देखते हुए
एकतरफा मुकाबला
सत्यव्रत कादियान ने कहा कि वह साक्षी की जीत से काफी खुशी है। उसने इसको लेकर काफी तैयारियां की थी और पूरी स्ट्रेटेजी बनाई थी। चार साल बाद आने वाले कॉमनवेल्थ गेम में भाग लेने वाले खिलाड़ियों का सपना होता है कि वह मेडल जीते। काफी समय बाद साक्षी ने वापसी करते हुए शानदार प्रदर्शन किया। रिंग में इंडिया का झंडा बुलंद करते हुए उसने एकतरफा मुकाबले में जीत हासिल की।
गोल्ड जीतने को तैयार
सत्यव्रत कादियान ने कहा कि साक्षी मलिक का सपना कॉमनवेल्थ गेम में गोल्ड मेडल जीतने का है। वह पहले भी दो बार कॉमनवेल्थ गेम में भाग ले चुकी हैं लेकिन कभी गोल्ड नहीं जीत पाई। इस बार वह पूरी तैयारी के साथ गई है।
साक्षी मलिका का मुकाबला देखते हुए ससुराल वाले
5-6 घंटे अभ्यास
साक्षी मलिक हर रोज 5-6 घंटे अभ्यास करती है। सुबह के समय 2-3 घंटे और शाम के समय 2-3 घंटे मैट पर गुजारती है। इंडिया कैंप में वह लखनऊ में अभ्यास कर रही थी। जब रोहतक आती थी तो यहां अखाड़े में अभ्यास करती। उसने कभी अपने अभ्यास को प्रभावित नहीं होने दिया।
डबल लैग अटैक पसंदीदा दाव
सत्यव्रत कादियान ने बताया कि साक्षी का सबसे पसंदीदा दाव डबल लैग अटैक है। इस दाव से वह अपने प्रतिद्वंद्वी को चित कर देती है। शुक्रवार को सेमीफाइनल में साक्षी की जीत से परिवार में खुशी का माहौल है। सभी साक्षी से गोल्ड की उम्मीद लगाए हुए हैं।
ओलिंपिक में ब्रांज सहित कई मेडल जीते
साक्षी मलिक कॉमनवेल्थ ही नहीं ओलंपिक गेम्स में भी लोहा मनवा चुकी हैं। उसने वर्ष 2016 के ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। इससे पहले 2014 के कॉमनवेल्थ गेम में सिल्वर और 2018 के कॉमनवेल्थ गेम में ब्रॉन्ज मेडल जीत चुकी है। एशियन चैंपियनशिप में तीन ब्रॉन्ज और एक सिल्वर मेडल अपने नाम किया है। अब साक्षी 62 किलोग्राम भार वर्ग में खेलते हुए कॉमनवेल्थ गेम में अपना दम दिखा रही है।
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