वेटलिफ्टर विकास ठाकुर मूसेवाला का फैन: सिल्वर मेडल जीतकर उसी के अंदाज में सेलिब्रेशन; सिंगर की मौत पर 3 दिन नहीं खाया था खाना
विवेक शर्मा2 घंटे पहले
इंग्लैंड के बर्मिंघम में चल रहे कॉमनवेल्थ गेम्स (CWG-2022) में भारत को सिल्वर मेडल दिलाने वाले वेट लिफ्टर विकास ठाकुर सिद्धू मूसेवाला के बहुत बड़े फैन हैं। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मेडल सेरेमनी के दौरान विकास ठाकुर ने मूसेवाला के अंदाज में ही थपकी मारकर जीत सेलिब्रेट की।
मूसेवाला की मौत पर तीन दिन नहीं खाया था खाना
विकास ठाकुर के पिता बृजरात बताते हैं कि विकास सिद्धू मूसेवाला का बड़ा फैन है। उसी के गाने वह ज्यादा सुनता रहा है। जिस दिन मूसेवाला का कत्ल हो गया, उस दिन वह बहुत मायूस हुआ और कम से कम 3 दिन विकास ने खाना तक नहीं खाया। आज भी जब विकास ने सिल्वर मेडल जीता है तो उसने यह जीत मूसेवाला के अंदाज में जांघ पर थापकी मार कर उसे याद करके सेलिब्रेट की।
कॉमनवेल्थ गेम्स में हैट्रिक पूरी की
विकास ठाकुर ने कॉमनवेल्थ गेम्स में अपनी हैट्रिक पूरी की है। साथ ही मां से किया वादा भी पूरा किया। विकास ठाकुर ने अपनी मां से वादा किया था कि मां के जन्मदिवस पर उसका फाइनल होगा और उसी दिन विकास ने मां आशा ठाकुर की झोली में मेडल डाल उनकी मुराद पूरी की। विकास ने पहले 2014 में सिल्वर, 2018 में कांस्य पदक जीता था और अब 2022 में सिल्वर मेडल जीत कर देश का, परिवार का नाम रोशन कर दिया।
पंजाब सरकार ने दी परिवार को बधाई
विकास ठाकुर के कॉमनवेल्थ गेम्स में बेहतरीन प्रदर्शन को देखकर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ट्वीट किया और विकास ठाकुर व उसके परिवार को बधाई दी। यह बधाई अभी सिर्फ ट्वीट पर है। पंजाब के किसी राजनेता ने विकास ठाकुर के पिता को बधाई के लिए फोन या मुलाकात नहीं की। वहीं परिवार का कहना है कि देश के प्रधानमंत्री ने खिलाड़ियों के साथ वीडियो कॉल पर बात करके उन्हें बधाई दी है। इससे खिलाड़ियों का हौंसला बढ़ा है।
बेटे का तोहफा देखकर मां के आंसू छलके
विकास ठाकुर ने मां आशा ठाकुर के जन्मदिन पर मेडल जीतकर उन्हें बर्थडे का तोहफा दिया। बेटे का गिफ्ट देखकर मां के आंसू छलक गए। उन्होंने कहा कि उन्हें विकास पर बहुत गर्व है। मैंने बेटे से एक ही बात कही थी कि मुझे मेरे जन्मदिवस पर गिफ्ट में बस एक मेडल ला देना, चाहे कोई भी हो और उसने वह मुझे दे दिया। विकास शुरू से ही बहुत ही नर्म स्वभाव का रहा है। बचपन से ही उसे लोगों से कुछ अलग करने की लगन रही है।
बधाई देने वालों तांता लगा
विकास ठाकुर की मां आशा ठाकुर ने बताया कि जैसे ही आज फाइनल मैच में विकास ने अपना बेहतरीन प्रदर्शन किया तो पूरा परिवार खुशी से झूम पड़ा। पूरे परिवार ने साथ बैठकर मैच देखा। जीत के बाद पड़ोसियों ने भी घर आकर बधाई दी और खूब मस्ती की। परिवार के लिए आज दीपावली का त्योहार है। पूरा घर विकास की जीत पर जगमगा रहा है। बधाई देने वालों के फोन लगातार आ रहे हैं। पड़ोस में मिठाई भी बांटी गई है।
लुधियाना में जालंधर रोड पर रहता परिवार
विकास ठाकुर के पिता बृजराज ठाकुर रेलवे में सर्विस करते हैं। मां आशा ठाकुर गृहिणी हैं। अभिलाषा विकास की छोटी बहन वकील है। लुधियाना में जालंधर बाइपास के नजदीक एल्डेको होम्स में परिवार रहता है। विकास की शिक्षा पंजाब से ही हुई है। विकास ने नौहरिया मल्ल जैन स्कूल भारत नगर चौक, सीमिट्री रोड से पढ़ाई की। PAU और SDP स्कूल में 12वीं की। वहीं कॉलेज की पढ़ाई खालसा कॉलेज में की।
हिमाचल में नहीं थी सुविधाएं तो आए पंजाब
विकास ठाकुर की मां आशा ठाकुर के मुताबिक, वह मूलरूप से हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले की टौणी देवी तहसील के पटनौण गांव के रहने वाले हैं। हिमाचल में खास सुविधाएं नहीं थी। उनका सपना था कि दोनों बच्चों को बढ़िया शिक्षा मिले। इसलिए बच्चों के भविष्य को देखते हुए वे हिमाचल छोड़ पंजाब में शिफ्ट हुए। विकास लुधियाना की रेलवे कॉलोनी में पला बढ़ा। वहीं के बच्चों के साथ खेलकर बड़ा हुआ।
7 वर्ष की आयु से शुरू कर दी थी प्रक्टिस
विकास ठाकुर के पिता बृजराज बताते हैं कि विकास 3 वर्ष का था, जब हिमाचल से पंजाब आया। उसे बचपन से ही खेलों से लगाव था। परिवार भी चाहता था कि वह खेलों में करियर बनाए। विकास को ग्रुप गेम में जाने की बजाय इन्डिविजुअल गेम में जाने के लिए कहा। पहले विकास को बॉक्सिंग में जाना था, लेकिन लुधियाना में कोई बेहतरीन कोच न होने की वजह से उसे वेटलिफ्टिंग में जाना पड़ा। लुधियाना क्लब में वेटलिफ्टिंग की ट्रेनिंग ली।
घर से करवाई प्रक्टिस की शुरूआत
बृजराज बताते हैं कि विकास जब कभी कोई घर के काम के लिए मना करता था तो सिर्फ उसे इतना ही कहते थे कि अगर काम नहीं करना तो कोई बात नहीं, तुम्हारा कल से क्लब जाना बंद और फिर विकास सभी काम कर देता था। मैंने ही विकास की प्रैक्टिस घर से शुरू करवाई। घर पर 70 किलो का वेट लाकर दिया। वहीं लुधियाना में कोच रहे परवेश शर्मा ने भी उसे खूब मेहनत करवाई। उसी मेहनत का नतीजा आज सभी के सामने है।
मिठाई खिलाकर विकास की मां का मुंह मीठा कराते परिवार के अन्य सदस्य।
विकास ने नया रिकॉर्ड बनाया
पिता बृजराज ने बताया कि आज विकास ने हैट्रिक लगा नया रिकॉर्ड बना दिया है। 2014 से 2022 तक दो सिल्वर मेडल और 1 कांस्य मेडल जीत कर भारत की युवा शक्ति का परचम दुनिया में लहराया है। विकास 9 बार इंडिया में चैंपियन रहा। 35 टूर भारत सरकार ने उसके विदेश में लगवाए हैं। हर टूर पर वह देश के लिए मेडल लेकर आया है। विकास ने आज 197 का अपना रिकॉर्ड तोड़ने के लिए 198 वेट डाला था, लेकिन रिकॉर्ड नहीं टूटा।
सरकार का मिला साथ
पिता बृजराज बताते है कि पंजाब सरकार ने विकास को पूरा सहयोग दिया। 2011 से वह पंजाब के लिए खेल रहा है। पटियाला में पूरी सुविधाएं मेडिकल, कोचिंग आदि मिल रही है। इंगलैंड में पिछले 2 महीने कैंप लगे थे तो सरकार ने भेजा था। विकास खेल से इतना जुड़ा है कि वह किसी रिश्तेदारी में शादी समारोह में नहीं जाता। उसका मनना है कि यदि वह 4 से 5 दिन प्रैक्टिस से दूर रहा तो 1 महीना पीछे चला जाएगा।
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