बजरंग-विनेश के खिलाफ याचिका पर सुनवाई आज: ट्रायल में छूट के फैसले को पहलवानों की चुनौती; कहा- जूनियर को किनारे करने की साजिश

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पानीपत31 मिनट पहले

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बजरंग-विनेश के खिलाफ याचिका पर सुनवाई आज: ट्रायल में छूट के फैसले को पहलवानों की चुनौती; कहा- जूनियर को किनारे करने की साजिश

एशियन गेम्स के ट्रायल में पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया को छूट देकर डायरेक्ट एंट्री पर भारतीय ओलिंपिक संघ (IOA) की एडहॉक कमेटी के फैसले को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दे दी है। अंतिम पंघाल और विशाल कालीरमन ने इस बारे में आवाज उठाई है। अंतिम के अलावा दूसरे पहलवान संजीत कलकल ने दिल्ली हाईकोर्ट में पिटीशन दायर कर दी है। इस मामले में गुरुवार सुबह साढ़े 10 बजे सुनवाई होगी। दोनों पहलवानों की संयुक्त याचिका दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा के समक्ष पेश की गई है।

याचिका उनके वकील ऋषिकेश बरुआ और अक्षय कुमार ने दायर की है, जिसमें मांग की गई है कि आईओए की तीदर्थ समिति द्वारा दो वर्गों (पुरुष फ्रीस्टाइल 65 किलोग्राम और महिलाओं की 53 किलोग्राम) के संदर्भ में जारी किए गए निर्देशों को खारिज कर बजरंग और विनेश को दी गई छूट नामंजूर की जाए। दरअसल, इस फैसले पर सबसे पहले BJP नेता एवं पूर्व रेसलर योगेश्वर दत्त ने आपत्ति जताई। साथ ही बाकी पहलवानों और विभिन्न कुश्ती संघों को भी इसके खिलाफ आवाज उठाने के बारे में कहा। जिसके बाद पहलवान पहलवानों ने आवाज उठाई है।

पहलवान अंतिम पंघाल और विशाल कालीरमन के ट्रायल में छूट देने के विरोध के वीडियो सामने आए हैं।

पहलवान अंतिम पंघाल और विशाल कालीरमन के ट्रायल में छूट देने के विरोध के वीडियो सामने आए हैं।

बता दें कि भारतीय ओलिंपिक संघ (IOA) की तदर्थ समिति ने मंगलवार को तय किया कि 22 और 23 जुलाई को केडी जाधव इंडोर स्टेडियम में ट्रायल होंगे। इसमें विनेश और बजरंग हिस्सा नहीं लेंगे। भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने वाले पहलवान बजरंग और विनेश फोगाट को बिना ट्रायल के एशियाई खेलों की टीम में शामिल कर लिया गया है। तदर्थ समिति ने दोनों को टीम के मुख्य प्रशिक्षकों की मर्जी के खिलाफ टीम में जगह दी है। इस फैसले के खिलाफ इन दोनों के भारवर्ग के दूसरे पहलवानों में रोष व्याप्त है।
निष्पक्ष ट्रायल की मांग
याचिका में मांग की गई है कि ट्रायल निष्पक्ष तरीके से होना चाहिए। किसी भी पहलवान को कोई छूट नहीं दी जानी चाहिए। पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जानी चाहिए। याचिका में दलील दी गई है कि इन पहलवानों ने जंतर मंतर पर अपने विरोध प्रदर्शन के दौरान कहा था कि उनकी लड़ाई न्याय और जूनियर पहलवानों के हित के लिए है, अब वे जूनियर पहलवानों को किनारे करना चाहते हैं। इसलिए हमें इस फैसले के खिलाफ अदालत का रुख करना पड़ा। याचिका में खासतौर से कहा गया है कि विनेश फोगाट व बजरंग पूनिया को ट्रायल के बगैर सीधा एशियन गेम्स में शामिल होने की अनुमति देना न्यायसंगत नहीं है।

अंतिम पंघाल ने कहा वह विनेश को हरा देंगी
अंतिम पंघाल का कहना है कि वह विनेश के साथ कुश्ती के लिए तैयार हैं। उन्हें भरोसा है कि वह विनेश को हरा देंगी। इतना ही नहीं याचिका में कहा गया है कि विनेश फोगाट ने पिछले 1 साल से पहलवानी का अभ्यास नहीं किया है। बावजूद इसके इन सभी तथ्यों को नजरअंदाज कर उन्हें बगैर ट्रायल के एशियन गेम्स में जाने की अनुमति दे दी गई है। सुजीत ने कहा कि 65 किलोग्राम वर्ग में देश में 5-6 पहलवान हैं, जो बजरंग को हराने में सक्षम हैं।

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