27 आपराधिक मामलों में शामिल बुराक: अपने गुस्से पर काबू पाने के लिए बॉक्सिंग क्लब से जुड़े; अब बच्चों को भी देते हैं ट्रेनिंग

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2 दिन पहले

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27 आपराधिक मामलों में शामिल बुराक: अपने गुस्से पर काबू पाने के लिए बॉक्सिंग क्लब से जुड़े; अब बच्चों को भी देते हैं ट्रेनिंग

बुराक और सेस्किया एक ही स्कूल में पढ़ते थे।

म्यूनिख के रहने वाले वाले 30 साल के बुराक बस्कट ने जब पहली बार किसी से मारपीट की थी तब अपने प्रतिद्वंद्वी का खून बहता देखकर उसको अच्छा महसूस हुआ था। फिर उसकी दोस्ती शहर के कुछ बदमाशों से हो गई। 15-16 साल की उम्र में बुराक के लिए अपने गुस्से पर काबू रखना मुश्किल हो गया। बुराक ने बताया कि बदमाशों के गैंग का हिस्सा बनने के बाद वे अक्सर एक-दूसरे से मारपीट करते थे। बुराक के ऊपर 27 आपराधिक मामले दर्ज हैं। 21 साल की उम्र में बुराक ने बॉक्सिंग की शुरुआत की और वे अब म्यूनिख के 1860 लॉयंस बॉक्सिंग क्लब का हिस्सा हैं। उन्हीं की तरह इस बॉक्सिंग क्लब की एक और मेंबर सेस्किया बैजन का बचपन भी काफी मुश्किलों से घिरा रहा। वे पढ़ने-लिखने में अच्छी नहीं थीं। काफी छोटी उम्र में उसने अपने पिता को भी खो दिया।

सेस्किया और बुराक एक ही स्कूल में जाते थे और फिर कई सालों बाद वे बॉक्सिंग क्लब में मिले। यहां उनके कोच बॉक्सिंग क्लब के हेड अली क्यूकर हैं। 60 वर्षीय अली 80 स्टूडेंट्स के कोच और उनके दोस्त भी हैं। अली ने बताया कि उनके लिए सबसे जरूरी काम अपने सभी स्टूडेंट्स को परिवार की तरह रखना है। वे हमेशा उन्हें लड़ाई और झगड़ों से दूर रहने के लिए कहते हैं। बॉक्सिंग रिंग में चोट से कैसे बचना है ये सिखाना उनके लिए सबसे जरूरी है। अली ने बुराक के अंदर के गुस्से को समझा तो उसे रिंग में और ज्यादा प्रैक्टिस करने के लिए कहा। उसे हमेशा खुद से बेहतर प्रतिद्वंद्वी चुनने के लिए कहा गया। इससे उसे एहसास हुआ कि हमेशा कोई उससे बेहतर मौजूद है।

बुराक ने कहा कि बॉक्सिंग क्लब से जुड़ने के बाद मुझे एहसास हुआ कि पंच सड़कों पर लड़ने के लिए नहीं बल्कि रिंग के लिए बने हैं। पहले ये मेरे लिए सिर्फ लड़ने जैसा था, लेकिन अब ये एक सीरियस स्पोर्ट है। बुराक ने बताया कि अगर अली का कोई स्टूडेंट सड़क पर लड़ाई करके आता है तो वे रिंग में बॉक्सिंग के जरिए सबके सामने उसपर गुस्सा निकालते हैं, जो काफी अपमानजनक होता है। अली हमेशा अपने स्टूडेंट्स की रक्षा करते हैं। उन्होंने 2016 में स्टूडेंट्स के लिए घाना की एक ट्रिप भी आयोजित की थी। इससे उन्हें दूसरे देशों के लोग और वहां की दिक्कतों को समझने का मौका मिला। अली ने उन्हें दुनिया को एक अलग नजरिए से देखने में मदद की। उनके गाइडेंस में अब बुराक और सेस्किया म्यूनिख में कई बच्चों को बॉक्सिंग की ट्रेनिंग देते हैं।

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