2 साल बाद वर्ल्डकप मेडल जीतकर बोलीं मनु भाकर: सब्र का फल मीठा होता है, एशियाड-ओलिंपिक में मददगार होगा होम क्राउड का प्रेशर
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भोपालकुछ ही क्षण पहले
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स्टार निशानेबाज मनु भाकर ने भोपाल में चल रहे ISSF शूटिंग वर्ल्ड कप में ब्रॉन्ज मेडल जीता है। 21 साल की भाकर ने 2 साल और करीब आधा दर्जन वर्ल्डकप के बाद कोई मेडल जीता है। यह मेडल उन्हें सुकून देने वाला होगा, क्योंकि टोक्यो ओलिंपिक से खाली हाथ लौटने के बाद उनकी खूब आलोचना हुई थी। इस जीत के बाद मनु ने दैनिक भास्कर से ऐसे ही कुछ विषयों पर संक्षिप्त बातचीत की।
इस मेडल पर मनु ने कहा, ‘सब्र का फल मीठा होता है। मैंने रफ टाइम में भी ट्रेनिंग नहीं छोड़ी। घरेलू फैंस के सामने मेडल जीतना बेहतरीन अनुभव था। होम क्राउड का प्रेशर मुझे एशियाड और ओलिंपिक के गेम प्रेशर को हैंडल करने में मदद करेगा।’ आगे भास्कर के सवाल पर पढ़ेंगे मनु भाकर के जवाब…
पहले ग्राफिक में देखिए मनु भाकर के अचीवमेंट्स…
सवाल: 4-5 वर्ल्ड कप के बाद मेडल आया है, क्या करेंगी?
मनु : खुश हूं…सबसे ज्यादा खुशी घरेलू फैंस की थी कि फैंस इतनी बड़ी संख्या में आकर मेरा हौसला बढ़ा रहे थे। लोग जैसे नारे लगाकर चियर कर रहे थे, मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। इंडिया में वर्ल्ड कप खेलना मुझे हमेशा अच्छा लगता है, क्योंकि यहां बहुत सारे लोग आते हैं और जो अपना प्यार देते हैं और सपोर्ट देते हैं। भोपाल वर्ल्ड कप बहुत ही बेहतरीन था और उसकी एंडिंग और भी अच्छी हुई है।
पिछली बार बहुत ही छोटे से अंतर से मेडल मिस हुआ था। इस बार मुझे ब्रॉन्ज मिला। खुशी इस बात की है कि अपने ही मैदान पर अपनी ही रेंज में फैंस के सामने मेडल जीता। सभी पैरेंट्स और फ्रेंड्स मौजूद रहे। उनके सामने खेलना अच्छा था।
मेडल जीतने के बाद फैंस का अभिवादन करते हुए गोल्ड मेडलिस्ट वी डोरेन (बीच में), लेफ्ट में सिल्वर मेडलिस्ट चीन की डु जियन और राइट में ब्रॉन्ज मेडलिस्ट मनु भाकर।
सवाल: दो-तीन साल के अप-डाउन के बाद अच्छी वापसी हुई है। इसे कैसे देखती हैं?
मनु : पिछले साल भी एशियन चैंपियनशिप जीती थी, नेशनल में भी मेडल आए थे। ऐसा नहीं है कि मैं शूटिंग से पूरी तरह हट गई थी। इतना कहूंगी कि इस मेडल के बाद अच्छा महसूस कर रही हूं और ग्रो कर रही हूं। मेरे कोचेज जैसा प्लान करते हैं उसी के हिसाब से ट्रेनिंग करती हूं।
कहते हैं सब्र का फल मीठा होता है, मैंने अपनी प्रैक्टिस कभी नहीं छोड़ी। थोड़े से अप-डाउन थे, थोड़ा रफ टाइम था, मैं इंतजार कर रही थी, मैंने ट्रेनिंग वैसी ही रखी। मैं उम्मीद करती हूं कि यहां से जो सिक्वेंस स्टार्ट हुआ है आगे के लिए वह जारी रहे।
फाइनल के फर्स्ट रैंकिंग मैच के दौरान शूट करती मनु भाकर (दूसरे नंबर में)।
सवाल: इसी साल एशियाड भी है, जो बीजिंग में होगा। चाइनीज से ही कॉम्पीट किया। कितना हेल्पफुल होगा?
मनु : हर एक मैच बहुत ही हेल्पफुल होता है, जैसा प्रेशर होम रेंज में घरेलू फैंस के सामने खेलकर फेस करते हैं। वैसा ही प्रेशर फॉरेन कंट्रीज में फेस करते हैं। दिमाग में आता है, हमारे सारे रिलेटिव, फैमली मेंबर्स और फ्रेंड्स देख रहे होंगे। वो भी एक अलग तरीके का प्रेशर है। यह प्रेशर एशियाड और ओलिंपिक के गेम प्रेशर को हैंडल करने में मदद करेगा।
25 मीटर विमेंन पिस्टल इवेंट का मेडल जीतने के बाद मनु भाकर।
सवाल: मनु खुद को कैसे तैयार कर रही हैं?
मनु: अभी कुछ खास प्लान्स नहीं हैं। इसके बाद बीजिंग एशियाड को ही प्लान करना है, जैसी प्लानिंग होती, वैसी तैयारी करेंगे।
सवाल: इसी रेंज के कुछ कड़वे अनुभव भी रहे हैं, क्या इस बार भी एशियाड की तैयारी यहीं करना चाहेंगी?
मनु : नहीं, कड़वे अनुभव नहीं थे, यहां तैयारी करके मैंने एशियाड में वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था।
25 मीटर विमेंन पिस्टल इवेंट की मेडल सेरेमनी के बाद तीनों मेडलिस्ट एक साथ।
सवाल: ओलिंपिक से ठीक पहले जो हुआ, जैसे- ऐन मौके पर आपकी गन खराब हुई, उससे पहले टीम का माहौल…इन बातों ने कितना इम्पैक्ट किया?
मनु : जो बीत गया, सो बीत गया। मैं कुछ बदल नहीं सकती हूं, हमने उस टाइम पर भी ट्राई किया, जो बेस्ट पॉसिबल हो सकता था, लेकिन मुझे लगता है कि पास्ट को पास्ट ही रहने दें तो अच्छा होगा।
सवाल: शूटिंग के अलावा क्या-क्या पसंद है?
मनु : मुझे पढ़ना अच्छा लगता है, हॉर्स राइडिंग पसंद है और स्केचिंग करना पसंद करती हूं।
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