हॉकी खिलाड़ी अभिषेक के घर जश्न: मां बोली- पूरी टीम का जोरदार स्वागत करेंगे; बेटे ने टीम में खेलने के लिए खूब मेहनत की

सोनीपतकुछ ही क्षण पहले

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कॉमनवेल्थ गेम में हॉकी में सिल्वर मेडल मिलने के बाद हरियाणा के सोनीपत में हॉकी खिलाड़ी अभिषेक के घर खुशी मनाई गई। भारत और ऑस्ट्रेलिया का मैच देखने के लिए पूरा परिवार टीवी के आगे जमा था। अभिषेक की मां सूरती देवी ने कहा कि गोल्ड न मिलने का मलाल है, लेकिन टीम सिल्वर लेकर आ रही है। पूरी टीम का जोरदार स्वागत करेंगे। टीम इंडिया का हिस्सा बनना उसके बेटे का सपना था। यह उसका पहला कॉमनवेल्थ मैच रहा। अभिषेक हॉकी के प्रति समर्पित है और छोटी सी उम्र मे ही मेहनत करने लगा था। भाई आशीष ने बताया कि उनकी अभिषेक से बात हुई थी, उस समेत टीम में 4-5 खिलाड़ियों के पैरों में चोटें लगी थी, जिससे वो सही खेल नहीं पाए।

सोनीपत शहर में मयूर विहार निवासी अभिषेक के घर सोमवार शाम को पिता सत्यनारायण, मां सूरती देवी और भाई आशीष के साथ आस पड़ोस के लोग भी भारत-ऑस्ट्रेलिया का मैच देखने पहुंचे। हालांकि इंडिया के फाइनल में हारने से परिजनों को निराश हुई, लेकिन टीम सिल्वर मेडल लेकर लौट रही है, इस पर परिजनों ने संतोष जताया और मिठाई बांटी। मां ने कहा कि उनका बेटा टीम इंडिया का हिस्सा है और इस कारण वे पूरी टीम का ही देश में लौटने पर जोरदार स्वागत करेंगे।

टीवी पर बेटे अभिषेक कसा हॉकी मैच देखते माता-पिता और भाई।

टीवी पर बेटे अभिषेक कसा हॉकी मैच देखते माता-पिता और भाई।

बचपन से हॉकी को समर्पित है अभिषेक

अभिषेक की मां ने बताया कि उसका बेटा बचपन से ही हॉकी को समर्पित है। टीम इंडिया में जाने के लिए उसने बहुत मेहनत की। हालांकि परिजन उसे खेलने से रोकते थे, क्योंकि उन्हें हमेशा भय रहता था कि कहीं चोट खाकर घर न आए। अभिषेक के पिता सत्यनारायण सेना से रिटायर्ड हैं। वे कहते हैं कि अब उन्हें मलाल है कि आखिर वे क्यों उसके खेलने के पक्ष में नहीं थे। हालांकि बाद में हॉकी के प्रति अभिषेक की लग्न देखकर सहयोग करने लगा था। अब वो हॉकी में शिखर पर है तो उनको खुशी है कि बेटा देश-प्रदेश और परिवार का नाम रोशन कर रहा है।

इंडिया टीम में कब खेलूंगा, यही सपना देखता था

अभिषेक के भाई आशीष ने कहा कि भाई हर समय यही सपना देखता था कि आखिर वह कब भारतीय हॉकी का हिस्सा बनेगा। देश के लिए मेडल जीतना उसका लक्ष्य रहा है। कभी भी प्रैक्टिस मिस नहीं की। पूरा परिवार सो रहा होता था, लेकिन वह हर परिस्थिति में सुबह 4 बजे मैदान पर अभ्यास करने चला जाता था। अभिषेक ने बहुत मेहनत की है।

7 महीने पहले हुआ सलेक्शन

बता दें कि इंडिया की हॉकी टीम में अभिषेक का सलेक्शन जनवरी 2022 में ही हुआ है। यह उसका पहला कॉमनवेल्थ मुकाबला था। परिजनों की मानें तो उसके पांव में चोट लगी थी, जिससे वह सही से खेल नहीं पाया। हॉकी कोच संदीप सांगवान ने कहा कि हॉकी में अभिषेक का भविष्य उज्जवल है। वह हर मुकाबले के लिए बड़ी मेहनत करता है। इसी के बल पर वह टीम इंडिया का हिस्सा है। राष्ट्रीय जूनियर हॉकी प्रतियोगिता में हरियाणा ने रजत पदक जीता था इसके बाद खेलों इंडिया में भी अभिषेक के प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया।

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