स्केटबोर्डिंग एक ग्रुप के लिए आजादी की भावना का खेल: 6,700 किमी का सफर तय किया; अब उनपर बन रही ‘वुल्फ वीमेन’ फिल्म
लंदन41 मिनट पहले
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एन्ना पिक्सनेर और जेनी शॉएर्टे के साथ जस्मिन हनेग्राफ, लिसा पीटर्स और एलेजांद्रा गुतिरेज।
पांच महिलाओं का ग्रुप पहाड़ों से डाउनहिल स्केटबोर्डिंग कर रहा है। देसी भाषा में लकड़ी के फट्टे पर चार पहिए लगाने को स्केटबोर्ड कहते हैं। उसी स्केटबोर्ड से जब पहाड़ों से तेज रफ्तार में नीचे उतरते हैं तो इस खेल को डाउनहिल स्केटबोर्डिंग कहा जाता है। ये बहुत ही खतरनाक खेल है क्योंकि एक छोटा पत्थर भी स्केटबोर्ड को पलटने की क्षमता रखता है और राइडर को पटखनी दे सकता है।
पुरुषों के बीच खड़ी हुई अकेली महिला
पढ़ने और सुनने में खतरनाक सा लगने वाला खेल पांच महिलाओं के ग्रुप के लिए आजादी की भावना है। एन्ना पिक्सनेर 6 साल से डाउनहिल स्केटिंग कर रही हैं। शुरुआती सालों में वे सैकड़ों मर्दों के बीच इकलौती महिला हुआ करती थीं। ये बात उन्हें कभी भूलने नहीं दी जाती। कई पत्रकार उन्हें बातों-बातों में ये जता दिया करते थे कि वो इस पुरुष प्रधान खेल में अकेली महिला हैं। वे कहती हैं, ‘इस खेल में महिला और पुरुषों के बीच कोई खास अंतर नहीं है।
एक विशेष अंतर यही है कि हमारे पास कोई प्रेरणा नहीं है, क्योंकि इस फील्ड में ज्यादा राइडर पुरुष हैं। अगर हमारे पास कोई महिला प्रेरणा होती तो इस खेल में ज्यादा महिला खिलाड़ी हिस्सा लेतीं। जब मैंने डाउनहिल स्केटिंग शुरू की तो मुझे पता चला कि इस खेल में भी महिला खिलाड़ी हैं। हालांकि, उन्हें वो पहचान नहीं मिल रही, जो मिलनी चाहिए थी।’
पुरुषों के साथ डाउनहिल स्केटबोर्डिंग शुरू करने के बाद एन्ना पिक्सनेर ने 3 महिलाओं के साथ स्केटबोर्डिंग ग्रुप बनाया।
एन्ना के ग्रुप पर बन रही फिल्म ‘वुल्फ वीमेन’
एन्ना समेत इनकी ग्रुप की चार महिलाओं के सफर पर एक फिल्म बनाई गई है। फिल्म का नाम ‘वुल्फ वीमेन’ है। इस फिल्म में पांच महिलाओं के 2019 के सफर को दिखाया जाएगा। साल 2019 में ये ग्रुप लंदन से सफर की शुरुआत करते हुए ऑस्ट्रिया के रास्ते तुर्की के पहाड़ों पर गया था। यह सफर 6 हजार 700 किमी का था। राइडर जेनी शॉएर्टे के लिए ये सफर काफी भावुक था। उसी साल उन्होंने पिता को खोया था। एन्ना, जेनी के साथ जस्मिन हनेग्राफ, लिसा पीटर्स और एलेजांद्रा गुतिरेज भी इस सफर में शामिल थीं।
फिल्म के निर्माता बताते हैं कि उन्होंने न सिर्फ इस ग्रुप की बहादुरी को दर्शाने की कोशिश की है, बल्कि इसमें जेनी पिता की मौत के बाद कैसे अपने मानसिक स्वास्थ्य को संभालती हैं, ये भी दर्शाया गया है। पिक्सनेर बताती हैं कि इस खेल की खास बात है कि इसमें आपको लगातार अपने डर पर काबू पाना होता है। साथ ही, अपनी कमजोरियों से भी उबरना होता है।
महिलाओं पर बहुत कम एडवेंचर स्टोरी बनती है। अक्सर पुरुषों को ही ग्रुप में जाकर मजे करते हुए दिखाया जाता है। हालांकि, एक महिला के तौर पर हम भी ये बदलाव धीरे-धीरे देख रहे हैं। साथ ही, इसे महसूस करने की भी कोशिश कर रहे हैं।
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