शिफ्ट हो गया है टीम इंडिया का पावर सेंटर: रोहित-विराट नहीं अब पंत-पंड्या हैं सबसे बड़े सुपरस्टार्स, टीम का बैटिंग फायर पावर मिडिल ऑर्डर के पास

लंदन2 मिनट पहले

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शिफ्ट हो गया है टीम इंडिया का पावर सेंटर: रोहित-विराट नहीं अब पंत-पंड्या हैं सबसे बड़े सुपरस्टार्स, टीम का बैटिंग फायर पावर मिडिल ऑर्डर के पास

जिस तरह भारत मिडिल क्लास का देश माना जाता है उसी तरह अब टीम इंडिया भी अब मिडिल ऑर्डर की टीम बनती जा रही है। फॉर्मेट चाहे टेस्ट हो, वनडे हो या टी-20, अब लगता है कि दो से तीन विकेट गिरने के बाद ही हमारी असली बैटिंग शुरू होगी। इंग्लैंड दौरे पर तीनों फॉर्मेट को मिलाकर हुए सात मुकाबलों में कम से कम पांच बार हमें इससे जुड़े संकेत मिले। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया दौरे और घरेलू सीरीज के मुकाबलों में भी ऐसा ही हुआ।

कुल मिलाकर यह कहा जाने लगा है कि भले ही पब्लिक परसेप्शन और सोशल मीडिया में विराट कोहली और रोहित शर्मा मौजूदा दौर के सबसे बड़े क्रिकेटिंग स्टार्स बने हुए हों, ग्राउंड पर तस्वीर बदल गई है। अब ऋषभ पंत और हार्दिक पंड्या का जमाना आ गया है। चलिए विस्तार से जानते हैं कैसे?

भारत के टॉप थ्री से आगे अमेरिका, UAE और ओमान के बल्लेबाज
साल 2019 तक परफॉर्मेंस के लिहाज से भारत का पावर सेंटर टॉप ऑर्डर बल्लेबाजों के पास रहता था। वनडे और टी-20 में रोहित शर्मा और शिखर धवन की जोड़ी होती थी और नंबर-3 पर विराट कोहली आते थे। भारत के करीब 60% मैचों में इन तीनों में से कोई न कोई बिग परफॉर्मर जरूर बनता था। लेकिन, 2020 की शुरुआत से स्थिति बदल गई। वनडे क्रिकेट में भारत के लिए टॉप-3 पॉजीशन पर 11 खिलाड़ी आजमाए गए। इनमें विराट, रोहित और धवन भी शामिल थे। इस दौरान भारत की ओर से 24 वनडे मैचों में टॉप-3 की ओर से सिर्फ 1 शतक आया।

नडे में इस दौरान इससे ज्यादा शतक अमेरिका (4 शतक), UAE (5 शतक) और ओमान (7 शतक) जैसे देशों से आए। पाकिस्तान इस मामले में सबसे आगे रहा। पाक टीम के टॉप-3 बल्लेबाजों ने 2020 से अब तक 15 मैचों में ही 10 शतक जमा दिए हैं।

टी-20 में भी पाकिस्तान से पीछे हमारे टॉप-थ्री
इस साल अक्टूबर-नवंबर में ऑस्ट्रेलिया में टी-20 वर्ल्ड कप होना है। लेकिन, इस फॉर्मेट में भी हमारे टॉप-3 ने बहुत अच्छा खेल नहीं दिखलाया है। 1 जनवरी 2020 से अब तक भारत ने रोहित, विराट और धवन सहित कुल 15 बल्लेबाजों ने टॉप-3 पॉजीशंस में बल्लेबाजी की। इन्होंने 33 की औसत से रन बनाए। वहीं, पाकिस्तान के टॉप-3 बल्लेबाजों ने इस दौरान 40 की औसत से रन बनाए हैं।

फिर मिडिल ऑर्डर के सितारे टीम को जीत दिलाते हैं
अच्छी बात यह है कि विराट, धवन और रोहित जैसे शूरमाओं के फ्लॉप होने के बावजूद टीम इंडिया ज्यादातर मैच जीत रही। बल्लेबाजी में इन फ्लॉप सितारों के बदले एक्स्ट्रा लोड हमारे मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज उठा रहे हैं। 1 जनवरी 2020 से अब तक 24 वनडे मैचों में भारत के नंबर-4 से नंबर-7 बल्लेबाजों ने मिलकर 44.91 की औसत से रन बनाए हैं। दुनिया में सबसे बेहतर औसत। इन बल्लेबाजों की ओर से 4 शतक बने हैं। इससे ज्यादा 5 शतक सिर्फ न्यूजीलैंड के नंबर 4 से 7 तक के बल्लेबाजों ने बनाए हैं।

टी-20 में भी यही हाल है। हमारे नंबर-4 से नंबर 7 ने 2020 से अब तक 43 मैचों में 31 की औसत से रन बनाए हैं। दुनिया में सबसे ज्यादा औसत। स्ट्राइक रेट 140 का रखा है। यह इंग्लैंड के लगभग बराबर है और दुनिया के बाकी तमान अन्य देशों के नंबर-4 से नंबर-7 की तुलना में ज्यादा है।

पंत बने तारणहार, पंड्या मिस्टर कंसिसटेंट
ऋषभ पंत का पिछले एक साल से तीनों फॉर्मेट को मिलाकर टीम इंडिया के बेस्ट बल्लेबाज साबित हुए हैँ। इंग्लैंड के इस दौरे की शुरुआत उन्होंने बर्मिंघम टेस्ट में शतक बनाकर की और समापन मैनचेस्टर वनडे में तूफानी शतकीय पारी खेल कर की।
पंत ने 1 जुलाई 2021 से अब तस 36 इंटरनेशनल मैचों में 1287 रन बनाए हैं। इनमें तीन शतक भी शामिल हैं। रोहित शर्मा 29 मैचों में 1144 रन बनाकर दूसरे स्थान पर जरूर मौजूद हैं लेकिन उन्होंने पिछले टी-20 वर्ल्ड कप से अब तक कोई खास कमाल नहीं किया है।

विराट कोहली ने 27 मैचों में सिर्फ 851 रन बनाए हैँ। इनमें 7 अर्धशतक शामिल हैं लेकिन शतक एक भी नहीं। एक साल तो छोड़िए वे पिछले तीन करीब साल से कोई शतक नहीं बना पाए हैं।

हार्दिक पंड्या फिटनेस के कारण अभी टेस्ट नहीं खेलते लेकिन पिछले एक साल में उन्होंने 21 मैचों में 415 रन बनाए हैँ। साथ ही उन्होंने 15 विकेट भी लिए हैं।

पंड्या भारत के इकलौते ऐसे ऑलराउंडर भी बन गए हैं जिन्होंने तीनों फॉर्मेट में एक ही मैच में 50+ रन की पारी खेलने के साथ-साथ 4 विकेट लेने का कारनामा भी किया है।

पंत और पंड्या दोनों ही IPL टीमों के कप्तान भी हैं। पंड्या ने पहली ही कोशिश IPL खिताब जीतकर अपनी लीडरशिप स्किल्स का लोहा भी मनवा लिया है। दूसरी ओर रोहित शर्मा 35 साल के हैं वहीं विराट कोहली नवंबर में 34 साल के हो जाएंगे। यानी ये दोनों अपने-अपने करियर के आखिरी कुछ सालों में हैं। अगर इन्होंने अगले दो-तीन महीनों में अपना रुतबा वापस हासिल नहीं किया तो पंड्या और हार्दिक जैसे खिलाड़ी न सिर्फ ग्राउंड पर बल्कि पब्लिक परसेप्शन और सोशल मीडिया में भी इनके ऊपर भारी पड़ सकते हैं।

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