वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप में दिखी अनोखी जोड़ी: 33 साल के बेटे को पार्टनर नहीं मिला तो 64 साल की मां खुद कोर्ट में उतरीं, मिस्र को हराया

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टोक्यो9 मिनट पहले

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वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप में दिखी अनोखी जोड़ी: 33 साल के बेटे को पार्टनर नहीं मिला तो 64 साल की मां खुद कोर्ट में उतरीं, मिस्र को हराया

मां-बेटे की जोड़ी ने मिस्र के एल्गामल-दोहा को 2-1 से हराया

टोक्यो में चल रही बैडमिंटन वर्ल्ड चैंपियनशिप में मां-बेटे की अनोखी जोड़ी खेलने उतरी। यहां 64 साल की मां स्वेतलाना और अपने 33 साल के बेटे मीसा के साथ इजरायल की ओर से मिक्स डबल्स मुकाबला खेल रही थीं। इस जोड़ी ने पहले मुकाबले में मिस्र के अदम हतेम एल्गामल और दोहा की टीम को 2-1 से हराया।

इस जीत के साथ स्वेतलाना जिल्बरमैन बैडमिंटन वर्ल्ड चैंपियनशिप में मैच जीतने वाली दुनिया की सबसे ज्यादा उम्र की बैडमिंटन खिलाड़ी बन गई हैं। बैडमिंटन वर्ल्ड चैंपियनशिप में उनसे छोटे खिलाड़ी की उम्र 21 साल कम है।

जीत के बाद बोलीं स्वेतलाना- बेटे के साथ ओलिंपिक खेलने का सपना है
स्वेतलाना कहती हैं, अगले साल कोपेनहेगन में होने वाले टूर्नामेंट में हिस्सा लेकर अपना ये रिकॉर्ड वे और बेहतर करेंगी। इसके बाद उनका सपना बेटे के साथ ओलिंपिक खेलने का भी है। वे अपने बेटे की कोच भी हैं। जब उनके बेटे को कोई पार्टनर नहीं मिला तो वे खुद बैडमिंटन कोर्ट में उतर गईं।

इस जोड़ी ने 16-21, 21-18, 21-11 से पहला मैच जीता।

इस जोड़ी ने 16-21, 21-18, 21-11 से पहला मैच जीता।

बेटे के साथ रोज 4 घंटे प्रैक्टिस करती हैं स्वेतलाना
इसके बाद 25 साल की उम्र में सोवियत यूनियन की तरफ से उन्हें इसलिए नहीं खेलने दिया गया था कि उनकी उम्र ज्यादा थी। उसके बाद वे अपने पति और कोच के साथ इजरायल चली आईं। अब करीब 4 दशक बाद वे दुनिया की सबसे बड़ी बैडमिंटन प्रतियोगिता में सबसे ज्यादा उम्र की खिलाड़ी बन गई हैं। वे अपने बेटे के साथ रोज 4 घंटे प्रैक्टिस करती हैं।

30 साल की उम्र में रिटायरमेंट का सोच रहा था: मीसा

बेटे की कोच भी हैं स्वेतलाना, सोवियत यूनियन से खेलने नहीं दिया गया था ।

बेटे की कोच भी हैं स्वेतलाना, सोवियत यूनियन से खेलने नहीं दिया गया था ।

स्वेतलाना कहती हैं, हम चीन और दक्षिण कोरिया जैसी टीमों को हराने के लिए खेल रहे हैं। एक दिन हम कुछ बड़ा करेंगे। दुनिया के 47वें नंबर के खिलाड़ी मीसा कहते हैं, मैं 30 साल की उम्र में रिटायरमेंट के बारे में सोच रहा था, लेकिन मेरी मां मेरी प्रेरणा हैं। वे अब भी खेल रही हैं। शायद मैं भी कभी रिटायर नहीं होऊंगा।

वे कहते हैं, कोर्ट पर उनका संबंध दूसरे मिक्स्ड डबल्स खिलाड़ियों जैसा ही है। वे अपना खेल बेहतर करने और जीतने पर बात करते हैं। वे कहते हैं, हम परिणाम पर नहीं खेल पर ध्यान दे रहे हैं। जब हम दोनों मिक्स डबल्स के पहले मैच में जीते तो ये शानदार अनुभव था।

इजरायल में बैडमिंटन खेलना मुश्किल, देश में एक ट्रेनिंग सेंटर तक नहीं
इजरायल में ज्यादा बैडमिंटन खिलाड़ी नहीं हैं। इजरायल बैडमिंटन एसोसिएशन है, लेकिन उसके पास ट्रेनिंग सेंटर तक नहीं है। खिलाड़ी अलग-अलग प्रैक्टिस करते हैं और महीने में एक दिन इकट्‌ठे होते हैं। जहां सभी एक-दूसरे के साथ 3-4 घंटे तक ट्रेनिंग करते हैं।

पहले भी धमाल मचा चुकी है यह जोड़ी

मां-बेटे की उम्र में 20 साल का अंतर है। पर कोर्ट में संबंध डबल्स प्लेयर जैसा है।

मां-बेटे की उम्र में 20 साल का अंतर है। पर कोर्ट में संबंध डबल्स प्लेयर जैसा है।

पहले 2009 में भी हैदराबाद में हुए बैडमिंटन वर्ल्ड चैंपियनशिप में मां-बेटे की जोड़ी ने धमाल मचाया था। तब स्वेतलाना की उम्र 51 और मीसा की 20 साल थी। बेलारूस में जन्मी स्वेतलाना ने 1986 की यूरोपियन चैंपियनशिप में वुमन सिंगल्स में कांस्य पदक जीता था।

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