रात 11:30 बजे बजरंग पूनिया रिहा: विनेश फोगाट की सुरक्षा में आए पुलिसकर्मियों से बहस; बोली- हमारा एनकाउंटर करना चाहते हो

पानीपतएक मिनट पहले

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रात 11:30 बजे बजरंग पूनिया रिहा: विनेश फोगाट की सुरक्षा में आए पुलिसकर्मियों से बहस; बोली- हमारा एनकाउंटर करना चाहते हो

देर रात पहलवान बजरंग पूनिया को रिहा किया गया।

दिल्ली में नए संसद भवन के सामने महापंचायत करने जा रहे पहलवानों और पुलिस के बीच झड़प हो गई। इस दौरान पुलिस ने पहलवानों को हिरासत में लिया। इसके साथ ही जंतर-मंतर से पहलवानों के टेंट भी उखाड़ दिए। देर रात पहलवानों के खिलाफ दंगा करने, गैरकानूनी जमावड़ा करने, ड्यूटी के दौरान पुलिस के काम में बाधा डालने के आरोप में केस दर्ज किया है।

दिल्ली पुलिस ने विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया को रविवार को सुरक्षा घेरा तोड़कर महिला ‘महापंचायत’ के लिए नए संसद भवन की ओर बढ़ने की कोशिश करने के बाद कानून और व्यवस्था के उल्लंघन को लेकर हिरासत में लिया था।

उनमें से महिला पहलवानों साक्षी मलिक, संगीता फोगाट और विनेश फोगाट को शाम को ही रिहा कर दिया गया था। जबकि बजरंग पूनिया को देर रात 11:30 बजे हिरासत से छोड़ा गया। इस दौरान पुलिस ने सभी पहलवानों को अलग-अलग थानों में रखा था।

वहीं इस मामले में विनेश फोगाट की उनके साथ आए सुरक्षाकर्मियों से जमकर बहस हुई। विनेश ने कहा कि क्या वे हमारा एनकाउंटर करने आए हैं।

बीते कल पहलवान साक्षी मलिक को महिला पुलिस कर्मी उठाकर अपने साथ ले गईं।

बीते कल पहलवान साक्षी मलिक को महिला पुलिस कर्मी उठाकर अपने साथ ले गईं।

विनेश बोली- हमारा एनकाउंटर करना चाहते हैं क्या?
विनेश फोगाट ने कहा कि दिल्ली से पहलवान सामान लेकर वापस जा रहे थे तो दिल्ली पुलिस का दलबल उनके पीछे लग गया। जिसके बाद करनाल बाइपास पर पहलवानों ने अपनी गाड़ी रोकी और पुलिस से इसका कारण पूछा। पुलिस ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन है कि आपको सिक्योरिटी देनी है।

जिस पर विनेश ने कहा कि उन्हें कल शाम 7:30 बजे थाने से छोड़ा गया था, उसके बाद से ये PSO कहां थे। अगर PSO होते तो इतनी पुलिस का पीछा करने की क्या जरूरत है। क्या हमारा एनकाउंटर करना चाहते हो। हमें नहीं पता कि ये दिल्ली पुलिस से ही हैं क्या। विनेश ने कहा कि हो सकता है कि पुलिस के भेष में ये बृजभूषण ने ही भेजे हों। सभी के पास हथियार हैं। हो सकता है कि हमारा एनकाउंटर कर दिया जाए।

खिलाड़ियों के खिलाफ इन धाराओं में केस
उनमें धारा 147 (दंगा करने), धारा 149 (गैरकानूनी जमावड़ा), 186 (सरकारी कर्मचारियों के काम में बाधा डालना), 188 (सरकारी कर्मचारी के विधिवत आदेश की अवहेलना), 332 (सरकारी कर्मचारी को चोट पहुंचाना) और 353 (सरकारी कर्मचारी को ड्यूटी से रोकने के लिए आपराधिक बल) के साथ प्रदर्शनकारियों पर सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम की धारा 3 के तहत भी आरोप लगाए गए हैं।

साक्षी मलिक ने कहा- सारी दुनिया देख रही है
इसको लेकर पहलवान साक्षी मलिक ने कहा कि दिल्ली पुलिस को यौन शोषण करने वाले बृजभूषण के खिलाफ FIR दर्ज करने में 7 दिन लगते हैं और शांतिपूर्ण आंदोलन करने पर हमारे खिलाफ FIR दर्ज करने में 7 घंटे भी नहीं लगाए। क्या इस देश में तानाशाही शुरू हो गई है ? सारी दुनिया देख रही है कैसे सरकार अपने खिलाड़ियों के साथ बर्ताव कर रही है।

उन्होंने कहा कि हमारा आंदोलन खत्म नहीं हुआ है। हम वापस जंतर-मंतर पर अपना सत्याग्रह शुरू करेंगे। इस देश में अब तानाशाही नहीं, बल्कि महिला पहलवानों का सत्याग्रह चलेगा।

अखिलेश यादव के ट्वीट ने बढ़ाई खलबली
यूपी से सपा नेता अखिलेश यादव ने भी पहली बार पहलवानों के समर्थन में ट्वीट किया है। उन्होंने पहलवानों को हिरासत में लिए जाने की वीडियो को शेयर करते हुए लिखा कि सच्चे खिलाड़ियों का अपमान भाजपा की नकारात्मक राजनीति का खेल है। देश नारी का ये अपमान नहीं भूलेगा।

उनके इस ट्वीट से खलबली यूं मची कि शुरुआत से ही बृजभूषण, अखिलेश के एक भी शब्द न बोलने पर अभिमान जता रहे थे। उन्होंने कहा था कि अखिलेश यादव मेरे बचपन के मित्र हैं। हम दोनों एक दूसरे को बहुत अच्छे से जानते हैं। उन्हें पता है कि आरोप झूठे हैं। इसलिए वे इस मामले में एक भी शब्द नहीं बोल रहे हैं।

रोहतक में दिल्ली जा रहे महिलाओं के जत्थे को पुलिस ने रोक लिया था। पुलिस ने महिलाओं को हिरासत में ले लिया था। इस दौरान जमकर खींचतान हुई।

रोहतक में दिल्ली जा रहे महिलाओं के जत्थे को पुलिस ने रोक लिया था। पुलिस ने महिलाओं को हिरासत में ले लिया था। इस दौरान जमकर खींचतान हुई।

हरियाणा-यूपी-पंजाब समेत 5 राज्यों के किसान आने वाले थे महिला महापंचायत में
बीते कल नई संसद भवन के सामने महिला महापंचायत बुलाई गई थी। इसमें हरियाणा के अलावा यूपी, राजस्थान, उत्तराखंड, पंजाब और दिल्ली की खापों के लोग और किसानों शामिल होने वाले थे, लेकिन पुलिस ने इस सब को रोक लिया। पुलिस ने कई किसान नेताओं को रास्ते से हिरासत में लिया तो कई घरों में नजरबंद किए। इस दौरान हरियाणा में पुलिस और किसानों के बीच झड़प भी हुई।

अब पढ़िए धरने में अब तक क्या हुआ…

  • 18 जनवरी 2023 को दिल्ली के जंतर-मंतर पर विनेश फोगाट, साक्षी मलिक के साथ बजरंग पूनिया ने धरना शुरू किया। आरोप लगाया कि WFI अध्यक्ष बृजभूषण सिंह ने कई महिला पहलवानों का यौन शोषण किया। विनेश ने आरोप लगाया कि बृजभूषण होटल के उसी फ्लोर पर रुकते थे, जहां महिला पहलवान ठहरती थीं।
  • 21 जनवरी को विवाद बढ़ने के बाद केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने पहलवानों से मुलाकात की और धरना खत्म कराया। अनुराग ठाकुर ने भरोसा दिया कि मामले की जांच के लिए बनाई गई कमेटी की रिपोर्ट चार हफ्ते के अंदर आएगी, तब तक बृजभूषण के अधिकार छीने जाते हैं। बाद में जांच की मियाद दो हफ्ते बढ़ा दी गई। हालांकि कमेटी की रिपोर्ट आज तक सार्वजनिक नहीं हुई।
  • 23 अप्रैल को पहलवान एक बार फिर जंतर-मंतर पर धरने पर बैठ गए। उन्होंने कहा कि इंसाफ नहीं मिला है और जब तक बृजभूषण की गिरफ्तारी नहीं होती, धरना जारी रहेगा।
  • 28 अप्रैल को पहलवानों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद दिल्ली पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज कर ली। इनमें से एक एफआईआर नाबालिग पहलवान के यौन उत्पीड़न की है जिसमें पॉक्सो एक्ट लगा है। दूसरी एफआईआर वयस्क महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के संबंध में है।
  • 3 मई की रात को पहलवानों और पुलिसकर्मियों के बीच जंतर-मंतर पर झड़प हो गई। झड़प में पहलवान राकेश यादव और विनेश फोगाट के भाई दुष्यंत को चोटें आई। वहीं दिल्ली पुलिस का कहना है कि रेसलर पर बल प्रयोग नहीं किया गया और पहलवानों की ओर से की गई मारपीट में 5 पुलिस वाले घायल हुए।
  • 7 मई को जंतर-मंतर पर हरियाणा, यूपी, राजस्थान और पंजाब की खापों की महापंचायत हुई। इसमें बृजभूषण की गिरफ्तारी के लिए केंद्र सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया गया। कोई एक्शन न होने पर 21 मई को फिर महापंचायत हुई। इसमें इंडिया गेट पर कैंडल मार्च और 28 मई को नए संसद भवन पर महिला महापंचायत करने का फैसला लिया गया। 21 मई की शाम को बृजभूषण ने अपना और पहलवानों का नार्को टेस्ट करवाने की बात कही।
  • 22 मई को पहलवानों ने जंतर-मंतर से पत्रकार वार्ता कर बृजभूषण की नार्को टेस्ट करवाने की चुनौती को स्वीकार किया। साथ ही कहा कि टेस्ट प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो और पूरा टेलीकास्ट लाइव हो।
  • 25 मई को विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया जींद में हुई महापंचायत में पहुंचे और लोगों को 28 मई को नए संसद भवन के सामने होने वाली महिला महापंचायत में शामिल होने का आंमत्रण दिया।
  • 26 मई को पहलवानों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि 28 मई को वे धरना स्थल से नए संसद भवन तक पैदल मार्च करेंगे। इस बीच दिल्ली पुलिस उन्हें जहां रोकेगी, वे वहीं पर महापंचायत शुरू कर देंगे।

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संसद की नई बिल्डिंग के सामने पुलिस और धरना दे रहे पहलवानों के बीच झड़प हो गई। पहलवान बैरिकेड्स लांघकर नई संसद की तरफ जा रहे थे। पुलिस ने उन्हें रोका और बजरंग पूनिया, विनेश-संगीता फोगाट, साक्षी मलिक सहित अन्य को हिरासत में ले लिया। इसके बाद पुलिस ने धरना स्थल जंतर-मंतर पर लगे टेंट, कुर्सियां और दूसरा सामान हटाकर शाम 4 बजे उसे पूरी तरह खाली कर दिया (पढ़ें पूरी खबर)

रेसलर्स पर पुलिस एक्शन से विपक्ष भड़का: खड़गे-प्रियंका, केजरीवाल समेत तमाम नेताओं ने केंद्र सरकार को घेरा

दिल्ली पुलिस के जंतर-मंतर पर धरना दे रहे रेसलर्स के खिलाफ रविवार को लिए गए एक्शन का तमाम विपक्षी पार्टियों ने विरोध किया है। दिल्ली पुलिस ने नए संसद भवन के सामने महापंचायत करने जा रहे पहलवानों को न सिर्फ हिरासत में लिया बल्कि उनके टेंट वगैरह भी उखाड़ दिए। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, प्रियंका गांधी, राहुल गांधी से लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने खिलाड़ियों के साथ की गई धक्कामुक्की का विरोध किया। (पूरी खबर पढ़ें)

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