महिला एलीट इवेंट में हिस्सा नहीं लेंगी ट्रांसजेंडर तैराक: फीना के फैसले से लिया थॉमस को लगा झटका, महिला तैराकी में बनी थी चैंपियन
स्पोर्ट्स डेस्क14 मिनट पहले
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स्विमिंग की वर्ल्ड गवर्निंग बॉडी फीना ने महिला कैटेगरी में शामिल होने वाली तैराकों को लेकर सख्त नियम लागू किए हैं। कोई भी ट्रांसजेंडर तैराक महिला इंटरनेशनल एलीट कॉम्पिटीशन में हिस्सा नहीं ले सकेगी।
एक ओपन कैटेगरी बनाने का फैसला किया गया है, जिसमें सभी तरह के तैराक हिस्सा ले सकेंगे। फीना के इस फैसले के बाद अमेरिका की लिया थॉमस जैसी तैराक वर्ल्ड चैंपियनशिप जैसे बड़े इवेंट्स में हिस्सा नहीं ले सकेंगी।
थॉमस इसी साल महिला तैराकी में चैंपियन बनने वाली पहली ट्रांसजेंडर बनी थीं। थॉमस शुरुआत में तीन साल तक पुरुषों की कैटेगरी में हिस्सा ले रही थीं। उन्होंने इसी कैटेगरी में अपनी तैयारी की थी।
इसके बाद वे महिला कैटेगरी में शामिल हुईं और कई रिकॉर्ड बनाए। उन्हें लेकर काफी विवाद हुए थे। इसके बाद तैराकी और खेल में कैटेगरी को लेकर काफी चर्चा हुई थी। कई लोगों का यह मानना था कि महिलाओं की कैटेगरी में ट्रांसजेंडर के शामिल होने से महिलाओं को बराबर का मौका नहीं मिल रहा।
कई लोगों का मानना था कि महिलाओं के अंदर युवा अवस्था में प्रवेश करते समय पुरुषों वाले लक्षण दिखते हैं।
सिर्फ बड़े टूर्नामेंट के लिए है नया नियम
फिना का नया नियम सिर्फ वर्ल्ड चैंपियनशिप जैसी प्रतियोगिताओं के लिए है, जो खुद फिना आयोजित कराता है। जहां तैराकों की पात्रता का पैमाना फिना तय करता है। इससे ओलंपिक में ट्रांसजेंडर खिलाड़ियों की भागीदारी और महिला कैटेगरी में विश्व रिकॉर्ड का पैमाना भी प्रभावित होगा।
हालांकि, राष्ट्रीय स्तर या स्थानीय स्तर पर फिना के नए नियम का पालन जरूरी नहीं होगा। राष्ट्रीय फेडेरेशन अपने टूर्नामेंट में अपना खुद का पैमाना तय कर सकते हैं। नया नियम सिर्फ महिला कैटेगरी में भाग लेने वाली ट्रांसजेंडर तैराकों के लिए है। पुरुष कैटेगरी में भाग लेने वाले ट्रांसजेंडर पहले की तरह सभी प्रतियोगिताओं में शामिल हो सकेंगे। वहीं, एक ओपन कैटेगरी भी बनाई जाएगी, जिसमें सभी तरह के तैराक शामिल हो सकेंगे।
क्यों लिया गया ये फैसला?
फिना ने एक रिसर्च के बाद यह फैसला लिया है। इस रिसर्च में खिलाड़ियों, विज्ञान और दवाई और मानव अधिकार से जुड़े समूह शामिल थे। सदस्यों ने फिना के अधिकारियों को बताया कि जिन महिलाओं के युवा बनने के दौरान उनमें पुरुषों वाले लक्षण आए थे।
उनके अंदर हमेशा के लिए शारीरिक क्षमता ज्यादा हो जाती है। इसी कारण ट्रांसजेंडर महिला एथलीट के अंदर सामान्य महिला एथलीट की तुलना में ज्यादा क्षमता होती है।
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