भास्कर एनालिसिस: इंडिया ए प्रोग्राम ठंडे बस्ते में, अब लिमिटेड ओवर की सीरीज खेल टीम में आ जाते हैं खिलाड़ी, रेड बॉल क्रिकेट काे नुकसान
8 मिनट पहले
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इंटरनेशनल क्रिकेट कैलेंडर में भारत के व्यस्त शेड्यूल ने खिलाड़ियों के लिए कई संभावनाएं पैदा कर दी हैं। बीसीसीआई सचिव जय शाह भी कह चुके हैं कि टीम इंडिया को आगामी महीनों में कई सीरीज खेलनी है, जिससे नए खिलाड़ियों को मौके मिलेंगे। लेकिन शाह ने जो नहीं कहा वो यह कि एक ही समय पर दो टीमों के लिए खिलाड़ी कहां से आएंगे।
उन्होंने इंडिया ए कार्यक्रम के बारे में कुछ नहीं कहा जबकि इसके जरिए पिछले कुछ सालों में टेस्ट टीम में कई खिलाड़ी शामिल हुए थे। इंडिया ए प्रोग्राम 2014-15 में विशेष रूप से राहुल द्रविड़ द्वारा संचालित किया गया था। लेकिन दुख की बात यह है कि फरवरी 2021 के बाद इंडिया ए प्रोग्राम ठंडे बस्ते में चला गया। इंग्लैंड में इंडिया और इंडिया ए के बीच मैच होने वाला था। इंडिया ए की टीम को वहां का दौरा करना था, लेकिन कोविड की वजह से वह टूर रद्द करना पड़ा था।
2003-04 से इंडिया ए का घरेलू सीजन नहीं हो रहा
इंडिया ए 2003-04 से घरेलू सीजन नहीं खेल रही है। इंडिया ए ने एक सीरीज द. अफ्रीका के खिलाफ खेली थी, जब भारतीय टीम ने द. अफ्रीका का दौरा किया था। उस इंडिया ए टीम ने तीन अनऑफिशियल टेस्ट खेले थे, जिससे हनुमा विहारी जैसे खिलाड़ियों को मदद मिली। यहां तक कि स्पीड किंग उमरान ने द. अफ्रीका में 2021-22 सीजन में इंडिया ए दौरे पर फर्स्ट क्लास में डेब्यू किया था।
ऑस्ट्रेलिया में भारत की सीरीज जीत का श्रेय इंडिया ए प्रोग्राम को दिया गया, जिससे द्रविड़ ने उन खिलाड़ियों की पहचान की, जो अलग-अलग प्रारूपों में भारतीय टीम में जगह बना सकते हैं। शुभमन, पृथ्वी, सिराज, मयंक, विहारी ये सभी लाल गेंद की क्रिकेट में इंडिया ए से आए। भारत की टेस्ट टीम में जगह बनाने के लिए इंडिया ए अच्छा पुल था। सिराज के आईपीएल के जरिए भारतीय टीम में जगह बनाने का सिद्धांत गलत है। सिराज ने हैदराबाद और इंडिया ए की ओर से रेड बॉल क्रिकेट में कई विकेट लिए, जिसके बाद उन्हें टेस्ट टीम में मौका मिला।
सरफराज, सौरभ जैसे युवाओं को करना पड़ेगा लंबा इंतजार
भारत को टी20 वर्ल्ड कप के पहले कई द्विपक्षीय सीरीज खेलनी हैं, जिससे कई खिलाड़ियों के पास भारत की ओर से डेब्यू करने का मौका रहेगा। यानी अपकमिंग खिलाड़ियों के लिए इंडिया ही नया इंडिया ए है। लेकिन यह सफेद गेंद के विशेषज्ञों के लिए ठीक है। रेड बॉल के खिलाड़ियों के लिए क्या अवसर हैं? उन्हें इंतजार करना हाेगा क्योंकि भारत को 2023 की शुरुआत तक बहुत कम टेस्ट खेलना हैं। इसका मतलब यह है कि सरफराज, सौरभ कुमार, यश दयाल के अलावा टेस्ट स्पेशलिस्ट पुजारा, विहारी, रहाणे, उमेश यादव, अश्विन और शमी जैसे खिलाड़ियों को इंतजार करना होगा। या फिर अवसर पैदा करने होंगे।
टेस्ट स्पेशलिस्ट को दलीप ट्राॅफी या रणजी ट्रॉफी जैसे घरेलू सीजन की उम्मीद करनी होगी। भारत के लिए खेलना बहुत सम्मान की बात है। क्या दूसरे देश के बोर्ड को लाभ पहुंचाने के लिए द्विपक्षीय टी20 सीरीज होनी चाहिए? अगर भारत के प्रमुख खिलाड़ी इन सीरीज में नहीं खेलते तो ऐसी प्रतियोगिताओं का क्या मतलब है?
इंग्लैंड 2 टीम योजना बनाकर लाया था
इंग्लैंड की एक टीम नीदरलैंड के खिलाफ वनडे खेल रही है जबकि दूसरी टीम न्यूजीलैंड से टेस्ट में भिड़ रही है। ऑस्ट्रेलिया ने भी पिछले साल ऐसा किया था, जब उनकी टेस्ट टीम ने द. अफ्रीका का दौरा किया था और टी20 टीम न्यूजीलैंड गई थी। भारत ने भी पिछले साल श्रीलंका दौरे पर ऐसा ही किया था।
एनसीए के प्रमुख वीवीएस लक्ष्मण की क्या भूमिका है, जब वे उन दौरों पर कोच बनकर टीम के साथ जा रहे हैं, जहां द्रविड़ नहीं गए। इंग्लैंड ने दो टीम और दो कोच की परंपरा शुरू करने के लिए योजना बनाई और फिर उसे लागू किया। भारत में यह बिना किसी प्लानिंग के अगले 12 महीने में डिफॉल्ट तरीके से लागू हो जाएगा।
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