भारतीय मूल के बल्लेबाजों ने ही भारत से छीना मैच: ड्रॉ मुकाबले में फिरकी गेंदबाजों का दिखा जादू, बेहतरीन विकेट के लिए क्यूरेटर को मिला इनाम
कानपुर6 घंटे पहलेलेखक: शलभ आनंद बाजपेयी
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बैड लाइट के चलते अंपायारों से चर्चा करते खिलाड़ी
पांचवें दिन जैसे ही सूरज अपनी तपिश दिखाई मानों विकेट पर स्पिन गेंदबाजों के लिए जान फूंक दी गई हो। भारत और न्यूजीलैंड के बीच कानपुर में खेले जा रहे टेस्ट मैच के पांचवें दिन लंच के पहले तक मजबूत लग रही कीवी टीम लड़खड़ाने लगी। लेकिन मैच के आखिरी सेशन में न्यूजीलैंड की टीम की ओर से खेल रहे भारतीय मूल के बल्लेबाज मैच बचाने में सफल रही। दरअसल, गंगा नदी का किनारा होने के चलते विकेट पर पहले घंटे नमी रहती है। जिसके चलते तेज गेंदबाज असरदार साबित होतें हैं। जैसा कि पहले व दूसरे दिन देखने को मिला। लेकिन तीसरे दिन के बाद से विकेट स्पिनरों के मुफीद हो जाती है और जैसे-जैसे आसमान पर सूरज चढ़ता है। मैदान पर स्पिन गेंदबाज़ भी हावी होने लगते है। विकेट पर गेंद स्पिन होने के साथ-साथ स्किन होने लगता है। लंच के बाद जैसे ही विकेट टूटना शुरू भारतीय स्पिनरों ने शानदार गेंदबाजी की। लेकिन कीवी टीम की ओर से आई रचिन रवींद्र व एजाज़ पटेल की अंतिम जोड़ी में मैच को ड्रॉ पर रोक दिया।
46 पर तीन प्रमुख बल्लेबाज लौटे पवेलियन…
लंच से पहले एक विकेट खोकर सौ रन का आंकड़ा पार कर चुकी कीवी टीम दूसरे सेशन में भारतीय बल्लेबाजों के सामने स्ट्रगल करती नजर आई। कीवी टीम ने मात्र 46 रन पर अपने चार प्रमुख बल्लेबाजों को खो दिया। इसमें सबसे पहले उमेश यादव ने लंच के बाद पहली ही गेंद पर नाइट वॉचमैन के रूप में आए विल समरविल को चलता किया। इसके बाद अर्धशतकीय पारी खेलकर टीम की नैया पार लगाने की कोशिश कर रहे टॉम लाथम भी रविचंद्रन अश्विन की बाल पर क्लीन बोल्ड हो गए। लाथम को आउट होता देख कीवी टीम में खलबली मचल गई। दरअसल, 54 वें ओवर की दूसरी गेंद हाफ पिच पर पड़ने के बाद घुटने के नीचे रही और बैट का इनसाइड एज लेते हुए स्टंप को जा लगी। वहीं, सेशन पूरा होने तक टेलर भी जडेजा का शिकार बन गए। यह गेंद भी विकेट पर सामान्य से कम उछला था।
टी के बाद रंग में नजर आई टीम इंडिया…
दर्शकों से खचा-खचा भरे ग्रीन पार्क स्टेडियम में टी के बाद मैच का रोमांच अपने चरम पर पहुँच गया। न्यूजीलैंड की टीम के एक के बाद ताश के पत्तों की तरह बिखर गई। सबसे पहले कीवी कप्तान विलियमसन टी के बाद दूसरे ओवर की पहली ही गेंद पर जडेजा का शिकार हुए। इसके बाद टॉम ब्लैंडल भी मात्र दो रन टीम के खाते में जोड़कर अश्विन का शिकार हो गए। इसके बाद जेमिंसन और टिम साउदी भी जल्द ही जडेजा का शिकार बन गए। रचिन ओर एजाज के रूप में आई कीवी टीम की अंतिम जोड़ी मैच बचाने में सफल रही।
भारतीय मूल के बल्लेबाजों ने ही बचाया मैच…
दरअसल रचिन रवींद्र और एजाज पटेल दोनों ही मूल रूप से भारत के रहने वाले है। रचिन जहां कर्नाटक के बेंगलुरु के रहने वाले है। उनके पिता कृष्णमूर्ति एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। जो नौकरी के चलते में न्यूजीलैंड शिफ्ट हो गए। उनके पिता के पसंदीदा खिलाड़ी टीम इंडिया के कोच राहुल द्रविड़ व मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर हैं। जिसके चलते पिता ने उनका नाम रचिन रखा था। वहीं, एजाज़ पटेल का जन्म मुंबई में हुआ था। वह आठ साल की उम्र में न्यूजीलैंड शिफ्ट हुए थे। इन दोनों भारतीय मूल के खिलाड़ियों ने ही भारत की झोली में मैच जाते-जाते रोक दिया और ड्रॉ पर समाप्त कर दिया।
बेहतरीन विकेट के लिए राहुल द्रविड़ ने पिच क्यूरेटर व ग्राउंड स्टाफ़ को किया सम्मानित…
ग्रीन पार्क के विकेट में पिछले पाँच टेस्ट मैच से देखने में आता था कि मैच पाँचवें दिन अंतिम सेशन तक नहीं जा पाता था. जिसके चलते पिच की काफ़ी निंदा भी होती थी। लेकिन भारत व न्यूजीलैंड की टीम के बीच खेला गया रोमांचक मुकाबले में मैच अंतिम गेंद तक गया। इस दौरान पहले दो दिन जहां तेज व अंतिम तीन दिन फिरकी गेंदबाज़ रंग में नजर आए। इस बेहतरीन व स्पोर्टिंग विकेट से संतुष्ट हो कर टीम इंडिया के मुख्य कोच ने पिच क्यूरेटर व सपोर्ट स्टाफ को 35 हजार रुपये की धनराशि सम्मान स्वरूप दी है। यह सम्मान राशि पाने के बाद पिच क्यूरेटर शिव कुमार ने बताया कि यह मेरे लिए अविस्मरणीय लम्हा है। यह हमारी सालों की मेहनत का नतीजा है। यह हमारी पूरी टीम और ग्राउंड स्टाफ के कारण ही मुमकिन हो पाया।
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