भारतीय फुटबॉल में फिक्सिंग: CBI ने जांच शुरू की…संदेह के घेरे में कई फुटबॉल क्लब; महासंघ से भी पूछताछ हुई
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कुछ ही क्षण पहले
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क्रिकेट के बाद अब भारतीय फुटबॉल में भी फिक्सिंग के दाग लग गए हैं। CBI (केंद्रीय जांच ब्यूरो ) ने एक क्लब फुटबॉल मैच में कथित फिक्सिंग मामलों पर प्राथमिक जांच शुरू की है। भारतीय फुटबॉल में पहली बार फिक्सिंग का मामला खुलकर सामने आया है।
ANI के मुताबिक, रविवार को भारत के क्लब फुटबॉल में मैच में फिक्सिंग का मामला उठा है। CBI को एक इंटरनेशनल फिक्सर के बारे में जानकारी मिली थी। जिसने शेल कंपनियों के माध्यम से कम से कम 5 भारतीय फुटबॉल क्लबों में कथित तौर पर बड़ी राशि खर्च की है। इसके बाद CBI ने जांच शुरू की है।
सूत्र बताते हैं- ‘आई-लीग में शामिल टीम इंडियन एरोज पर भी गंभीर आरोप लगे हैं। यह जांच का एक गंभीर मामला है कि इंडियन एरोज कैसे फिक्सिंग घोटाले में उतरे। एरोज को एआईएफएफ और ओडिशा सरकार द्वारा फंड दिया गया था और इसमें कोई विदेशी खिलाड़ी या विदेशी कर्मचारी नहीं था (पिछले चार वर्षों से)। यह संभवत: टीम से जुड़े कुछ लोग हो सकते हैं।’
CBI की टीम ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) से क्लबों और उनके निवेश के बारे में जानकारी मांगी थी। उसने क्लबों से भी विदेशी खिलाड़ियों और तकनीकी कर्मचारियों के हस्ताक्षर में शामिल एजेंसियों के अलावा सभी अनुबंधों, प्रायोजकों के बारे में जानकारी मांगी है। टीम कुछ दिन पहले महासंघ के दिल्ली स्थित ऑफिस गई थी।
सिंगापुर से जुड़े तार
इस फिक्सिंग के तार सिंगापुर से जुड़े हैं। रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि इस मामले के पीछे सिंगापुर के मैच फिक्सर विल्सन राज पेरुमल का हाथ है। उसने लिविंग 3डी होल्डिंग्स लिमिटेड के जरिए भारतीय क्लबों में निवेश किया था। वह 1995 में सिंगापुर में मैच फिक्सिंग के लिए पहली बार जेल गया था और फिनलैंड और हंगरी में भी दोषी ठहराया गया था।
बड़े मैचों में फिक्सिंग की आशंका
बताया जा रहा है कि इस मामले के बाद बड़े मैचों में भी फिक्सिंग की आशंका जताई जा रही है। फिक्सर ओलंपिक, विश्व कप क्वालिफायर, महिला विश्व कप, CONCACAF गोल्ड कप और अफ्रीकी कप ऑफ नेशंस सहित अन्य प्रतिष्ठित टूर्नामेंटों से भी जुड़ा रहा है।
प्रभाकरन बोले- फिक्सिंग बर्दाश्त नहीं
भारतीय महासंघ के सचिव शाजी प्रभाकरन ने कहा है- ‘AIFF मैच फिक्सिंग को कतई बर्दाश्त नहीं करता है और हमने क्लबों को जांच में सहयोग करने के लिए कहा है। फिक्सर से जुड़ी शेल कंपनियों द्वारा किए गए निवेश को लेकर चिंताएं हैं। हम यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे कि भारतीय फुटबॉल का मैच फिक्सिंग से दूर-दूर तक जुड़े किसी व्यक्ति से कोई संबंध न हो।’
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