फीफा वर्ल्ड कप के बीच कतर पहुंचा भगोड़ा जाकिर नाइक: खेल के बहाने इस्लामिक प्रचार करेगा; फुटबॉल फैंस को देगा उपदेश
दोहाएक घंटा पहले
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![फीफा वर्ल्ड कप के बीच कतर पहुंचा भगोड़ा जाकिर नाइक: खेल के बहाने इस्लामिक प्रचार करेगा; फुटबॉल फैंस को देगा उपदेश फीफा वर्ल्ड कप के बीच कतर पहुंचा भगोड़ा जाकिर नाइक: खेल के बहाने इस्लामिक प्रचार करेगा; फुटबॉल फैंस को देगा उपदेश](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2022/11/21/_1668997271.jpg)
भारत में मनी लॉन्ड्रिंग और जहरीले भाषण देने के आरोपी जाकिर नाइक को कतर की सरकार ने फुटबॉल वर्ल्ड कप के दौरान इस्लामिक उपदेश देने के लिए बुलाया है। गिरफ्तारी के डर से भारत से फरार होने के बाद इंडोनेशिया से संगठन चला रहा नाइक कतर पहुंच भी चुका है। कतर के सरकारी स्पोर्ट्स चैनल अलकास के टेलीविजन प्रेजेंटर अल्हाजरी ने बताया है कि नाइक फुटबॉल फैंस को उपदेश देगा।
दरअसल, फीफा वर्ल्ड कप का आयोजन पहली बार मुस्लिम देश में हो रहा है। एक्सपर्ट इसे इस्लामिक प्रचार के टूल्स के रूप में देख रहे हैं। कतर ने ही विवादित भारतीय चित्रकार एमएफ हुसैन को शरण दी थी। नूपुर शर्मा विवाद में भी कतर विरोध जताने वाले देशों का स्वयंभू नेतृत्व कर रहा था। कुछ दिन पहले कतर सरकार ने 558 फुटबॉल फैंस के इस्लाम कबूल करने का प्रचार किया था।
जाकिर नाइक अभी क्यों चर्चा में है?
भारतीय गृह मंत्रालय ने 17 नवंबर को जाकिर नाइक के NGO इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन पर 5 साल के लिए बैन लगाया था, जो 17 नवंबर को खत्म होने वाला था। बैन खत्म होने वाले दिन ही सरकार ने बैन की अवधि 5 साल बढ़ा दी है। यानी अब 2026 तक इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन पर बैन लगा रहेगा।
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NGO पर बैन क्यों बढ़ाया गया?
सरकार ने बैन बढ़ाने के पीछे कहा है कि इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन ऐसी गतिविधियों में शामिल है जो देश की सुरक्षा के लिए खतरा हैं। इससे देश की शांति, सांप्रदायिक सद्भाव और धर्मनिरपेक्षता पर खतरा है।
साथ ही गृह मंत्रालय ने कहा कि नाइक के बयान आपत्तिजनक और विध्वंसक हैं और उनके जरिए वह धार्मिक समूहों के बीच नफरत को बढ़ावा दे रहा है। नाइक भारत और विदेशों में एक खास धर्म के युवाओं को आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रेरित कर रहा है।
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बैन क्यों लगाया गया था वो भी जान लीजिए
जुलाई 2016 में बांग्लादेश की राजधानी ढाका में 5 आतंकियों ने एक हमले को अंजाम दिया था, जिसमें 29 लोग मारे गए थे। इस घटना की जांच में जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया उनमें से एक ने बताया था कि वो जाकिर नाइक के भाषणों से प्रभावित है। इसके बाद मुंबई पुलिस की स्पेशल ब्रांच ने मामले की जांच की।
शुरुआती जांच के बाद जाकिर नाइक के NGO पर UAPA के तहत बैन लगा दिया गया। 2016 में ही जाकिर नाइक भारत छोड़ मलेशिया भाग गया था।
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