पैरालिंपियन योगेश का इंटरव्यू: डिस्कस का सिल्वर जीतने पर कहा- लक्ष्य वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाना था, तीसरा थ्रो फाउल नहीं होता, तो गोल्ड हमारा होता

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टोक्यो15 घंटे पहलेलेखक: राजकिशोर

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टोक्यो पैरालिंपिक में योगेश कथुनिया ने 44.38 मीटर डिस्कस फेंककर भारत के लिए तीसरा सिल्वर मेडल जीता। बहादुरगढ़ के रहने वाले योगेश टोक्यो में गोल्ड मेडल न मिलने से निराश हैं। योगेश ने भास्कर से कहा कि वे वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने का लक्ष्य लेकर टोक्यो गए थे। उनकी तैयारी अच्छी थी और उन्हें पूरा भरोसा था कि वे वर्ल्ड रिकॉर्ड के साथ ही गोल्ड मेडल जीतेंगे।

योगेश ने कहा कि अगर तीसरा थ्रो फाउल नहीं होता, तो वे वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने में सफल हो जाते। योगेश ने सिल्वर मेडल अपनी मां को समर्पित किया। बोले कि मां ने हमेशा प्रेरित किया। खेल को करियर बनाने में पूरा साथ दिया और उन्होंने सिर्फ इतना कहा था कि जो भी करना, पूरी लगन से करना। पैरालिंपिक में मेडल जीतना बड़ी बात है।

2006 में 9 साल की उम्र में हो गया था पोलियो
योगेश तीन भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं। इनसे बड़ी दो बहनें हैं। दोनों की शादी हो चुकी है। पिता आर्मी से रिटायर हैं। योगेश ने बताया कि 2006 में 9 साल की उम्र में पोलियो हो गया था, जिसके बाद उनके हाथ-पैर की नस कमजोर हो गई। योगेश ने बताया कि 2017 में कॉलेज में जाने के बाद दोस्तों का सपोर्ट मिला और दोस्तों ने पैरा स्पोर्ट्स के बारे में बताया।

जब वे ग्राउंड में गए, तो कुछ लड़कों को डिस्कस थ्रो करते देखा। उन्हें डिस्कस के बारे में कुछ भी पता नहीं था, पर उन्हें यह अच्छा लगा, तो उन्होंने इसका ही अभ्यास शुरू कर दिया।

रोज 70 किलोमीटर की दूरी तय कर नेहरू स्टेडियम आते थे
योगेश ने बताया कि वे जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में कोच नवल सिंह की निगरानी में अभ्यास करते हैं। वह बहादुरगढ़ के रहने वाले हैं और रोजाना करीब 70 किलोमीटर की दूरी तय कर आते थे। बाद में नेशनल कैंप में चयन होने के बाद से वे दिल्ली में ही रहने लगे।

योगेश कथुनिया ने F56 कैटेगरी में डिस्कस थ्रो में भारत के लिए सिल्वर जीता। ब्राजील के बतिस्ता डॉस सैंटोस क्लॉडनी ने 45.25 मीटर के थ्रो के साथ इस इवेंट में गोल्ड मेडल जीता। क्यूबा के डियाज अल्दाना लियोनार्डो ने ब्रॉन्ज अपने नाम किया।

योगेश कथुनिया ने F56 कैटेगरी में डिस्कस थ्रो में भारत के लिए सिल्वर जीता। ब्राजील के बतिस्ता डॉस सैंटोस क्लॉडनी ने 45.25 मीटर के थ्रो के साथ इस इवेंट में गोल्ड मेडल जीता। क्यूबा के डियाज अल्दाना लियोनार्डो ने ब्रॉन्ज अपने नाम किया।

2019 में वर्ल्ड चैंपियनशिप में जीत चुके हैं ब्रॉन्ज मेडल
योगेश ने बताया कि उन्होंने अपना पहला इंटरनेशनल मेडल वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में जीता था। 2019 में दुबई में हुए वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता। उसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने 2019 में पेरिस में हुए ओपन पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप के डिस्कस थ्रो में ब्रॉन्ज मेडल जीता। वहीं 2019 में ही बैंगलुरु में आयोजित इंडियन ग्रैंड प्रिक्स में भी गोल्ड मेडल जीता।

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