पैरालिंपिक के पदकवीरों का मोदी ने किया सम्मान: सिल्वर जीतने वाले नोएडा के DM ने PM से कहा- स्कूल ने 3 बार एडमिशन नहीं दिया था, आज आपके पास बैठा हूं

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नई दिल्ली16 घंटे पहले

भारत ने टोक्यो पैरालिंपिक में ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए 19 मेडल जीते। इनमें 5 गोल्ड, 8 सिल्वर और 6 ब्रॉन्ज मेडल शामिल रहे। यह किसी भी पैरालिंपिक में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। टीम के वापस लौटने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को खिलाड़ियों से मुलाकात की। इस मुलाकात का वीडियो रविवार को जारी किया गया।

पैरालिंपिक में सिल्वर मेडल जीतने वाले नोएडा के DM सुहास एलवाई ने प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान कहा कि उन्हें स्कूल ने 3 बार दाखिला नहीं दिया था। ओलिंपिक में सिल्वर जीतने के बाद अब उन्हें PM के बाजू में बैठने का मौका मिला है।

मोदी ने कहा कि भारतीय पैरा एथलीट्स ने टोक्यो में बेहतरीन प्रदर्शन किया। आगे भी वे अच्छा प्रदर्शन करें इसके लिए हर संभव उपाय किए जाएंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि 130 करोड़ देशवासी अपने पैरा एथलीट्स के साथ हैं

PM इससे पहले टूर्नामेंट के दौरान भी ऐथलीटों के प्रदर्शन पर पैनी नजर बनाए हुए थे और उनकी लगातार हौसला अफजाई कर रहे थे। हर मेडल विनर को उन्होंने सोशल मीडिया पर बधाई दी और फोन कर बात भी की।

टोक्यो पैरालिंपिक में बैडमिंटन में सिल्वर मेडल जीतने वाले नोएडा के डीएम सुहास यथिराज को प्रधामंत्री बधाई देते हुए।

टोक्यो पैरालिंपिक में बैडमिंटन में सिल्वर मेडल जीतने वाले नोएडा के डीएम सुहास यथिराज को प्रधामंत्री बधाई देते हुए।

PM से मिलकर गौरवान्वित हुए भारतीय पैराएथलीट
प्रधानमंत्री से मिलने वाले सभी खिलाड़ियों ने कहा कि यह उनके लिए गौरव का पल है। खिलाड़ियों ने कहा कि सब उन्हें पहले विकलांग बोलते थे। प्रधानमंत्री ने उन्हें दिव्यांग कहकर उनके सम्मान में इजाफा किया। पैरालिंपिक के दौरान दूसरे देशों के एथलीट हैरत में थे कि भारत के प्रधानमंत्री अपने एथलीटों से बात करते हैं और उनका हौसला बढ़ाते हैं।

टोक्यो पैरालिंपिक में बैडमिंटन में गोल्ड मेडल जीतने वाले कृष्णा नागर सहित अन्य खिलाड़ियों से उनके अनुभवों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जाना।

टोक्यो पैरालिंपिक में बैडमिंटन में गोल्ड मेडल जीतने वाले कृष्णा नागर सहित अन्य खिलाड़ियों से उनके अनुभवों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जाना।

मेडल न जीतने वालों का भी हौसला बढ़ाया
सम्मान समारोह में वैसे एथलीट भी पहुंचे थे जो टोक्यो में मेडल नहीं जीत पाए। प्रधानमंत्री ने उनसे कहा कि यह बात दिल से निकाल दीजिए कि आप मेडल नहीं जीत पाए। आपने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और देश के लिए यह भी गौरव की बात है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय पैरा एथलीट्स ने टोक्यो में भारत का मान ऊंचा किया।

टोक्यो पैरालिंपिक में भाग लेने वाली बैडमिंटन खिलाड़ी पलक कोहली से उनके यहां तक के सफर के अनुभवों के बारे में प्रधानमंत्री ने जाना।

टोक्यो पैरालिंपिक में भाग लेने वाली बैडमिंटन खिलाड़ी पलक कोहली से उनके यहां तक के सफर के अनुभवों के बारे में प्रधानमंत्री ने जाना।

जब तक मेडल नहीं मिलेगा, कोशिश जारी रहेगी
संवाद के दौरान एक खिलाड़ी ने पीएम मोदी से कहा- मेडल न जीत पाने का अफसोस है, लेकिन इस हार ने हमें और मजबूत बना दिया है। हम अगली बार फिर से जीतने के लिए जी जान लगा देंगे। जब तक मेडल मिलेगा नहीं, तबतक कोशिश करना नहीं छोड़ेंगे। प्रधानमंत्री ने खेल में हारने वाले खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाते हुए कहा कि हमारी सबसे बड़ी ताकत हार कर जीतना होता है। इसलिए हार से कभी मनोबल को कम करने की जरूरत नहीं है।

पैरालिंपिक में जेवलिन थ्रो में तीन बार मेडल जीतने वाले देवेंद्र झाझरिया को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई दी। झाझरिया ने इस बार सिल्वर मेडल जीता।

पैरालिंपिक में जेवलिन थ्रो में तीन बार मेडल जीतने वाले देवेंद्र झाझरिया को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई दी। झाझरिया ने इस बार सिल्वर मेडल जीता।

दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए वर्कशॉप आयोजित हो
दिव्यांग खिलाड़ियों पर बात करते हुए पीएम ने कहा कि दिव्यांग खिलाड़ियों को कोचिंग कराना ज्यादा मुश्किल है, क्योंकि उनकी शारीरिक क्षमता ही नहीं बल्कि वो मानसिक तौर पर भी आम खिलाड़ी से अलग हैं और उन्हें समझना पड़ता है। उन्होंने कहा कि ऐसे खिलाड़ियों के लिए वर्कशॉप आयोजित किया जाना चाहिए।

इससे पहले कुल 12 मेडल ही आए थे
टोक्यो पैरालिंपिक से पहले 53 साल में 11 पैरालिंपिक्स में 12 मेडल आए थे। 1960 से पैरालिंपिक हो रहा है। भारत 1968 से पैरालिंपिक में भाग ले रहा है। वहीं 1976 और 1980 में भारत ने भाग नहीं लिया था।

प्रधानमंत्री ने पहली बार पावर लिफ्टिंग में भाग लेने वाली खिलाड़ी सकीना खातून और कोच फरमान बाशा से उनके अनुभवों के बारे में जाना।

प्रधानमंत्री ने पहली बार पावर लिफ्टिंग में भाग लेने वाली खिलाड़ी सकीना खातून और कोच फरमान बाशा से उनके अनुभवों के बारे में जाना।

सभी रंगों के मेडल का रिकॉर्ड
भारत ने इस बार सभी तरह के मेडल जीतने का भी रिकॉर्ड कायम कर दिया। इस बार भारत के नाम 5 गोल्ड रहे। इससे पहले भारत किसी भी पैरालिंपिक गेम्स में 2 से ज्यादा गोल्ड नहीं जीत पाया था। इसी तरह भारत ने टोक्यो में 8 सिल्वर जीते। भारत ने इससे पहले कुल मिलाकर 4 सिल्वर जीते थे। एक पैरालिंपिक में इससे पहले कभी 2 से ज्यादा सिल्वर नहीं आए थे। ब्रॉन्ज इस बार 6 जीते। इससे पहले कुल 4 ब्रॉन्ज जीते थे। ब्रॉन्ज भी इससे पहले किसी एक पैरालिंपिक में 2 से ज्यादा नहीं मिले थे।

टोक्यो पैरालिंपिक में 19 मेडल मिले। जिसमें पांच गोल्ड मेडल शामिल है। प्रधानमंत्री ने सभी पदकवीरो से अपने आवास पर मिले और उन्हें सम्मानित किया।

टोक्यो पैरालिंपिक में 19 मेडल मिले। जिसमें पांच गोल्ड मेडल शामिल है। प्रधानमंत्री ने सभी पदकवीरो से अपने आवास पर मिले और उन्हें सम्मानित किया।

अवनि से हुई थी गोल्ड की शुरुआत

पैरालिंपिक खेलों में देश के लिए सबसे पहला गोल्ड शूटिंग स्पर्धा में अवनि लेखरा ने जीता। जयपुर की अवनि ने महिलाओं की आर-2 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग SH1 में पहला स्थान हासिल करके गोल्ड मेडल जीता। भारत के लिए दूसरा गोल्ड जेवलिन थ्रो में सुमित अंतिल के खाते में आया। सुमित ने जेवलिन थ्रो की F64 कैटेगरी में वर्ल्ड रिकॉर्ड के साथ गोल्ड मेडल अपने नाम किया। उन्होंने फाइनल में 68.55 मीटर के बेस्ट थ्रो के साथ मेडल जीता।

तीसरा गोल्ड 19 वर्षीय शूटर मनीष नरवाल के खाते में आया। मनीष ने मिक्सड 50 मीटर SH1 में गोल्ड मेडल जीता। नरवाल ने फाइनल में 209.1 का स्कोर किया। वहीं दो गोल्ड बैडमिंटन में आए। प्रमोद भगत SL3 में चौथा गोल्ड जीता। वहीं SH6 में कृष्णा नागर ने आखिरी दिन भारत को गोल्ड दिलाया।

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