टेबल टेनिस खिलाड़ी हरमीत देसाई ने उठाए सिलेक्शन पर सवाल: जकार्ता एशियन गेम्स में 60 साल बाद मेडल विनर टीम का हिस्सा रहे
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नई दिल्ली4 घंटे पहले
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भारत के टॉप टेबल टेनिस खिलाड़ियों में शामिल हरमीत देसाई ने एशियन गेम्स के लिए हुए भारतीय टेबल टेनिस टीम के सिलेक्शन पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि उन्हें हांगझोउ एशियन गेम्स की सिंगल्स कैटेगरी से गलत तरीके से बाहर कर दिया गया है।
हरमीत जकार्ता एशियन गेम्स में 60 साल बाद मेडल जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे। वे हरमीत पिछले 10 साल से भारतीय टेबल टेनिस टीम के एक महत्वपूर्ण सदस्य हैं। उन्हें एशियाई खेलों की टीम में चुना गया है, लेकिन वे केवल टीम और मिश्रित युगल स्पर्धाओं में ही भाग लेंगे।
हरमीत ने न्यूज एजेंसी PTI से कहा- ‘यह मेरा तीसरा एशियाड है और चयन मानदंडों में घरेलू और इंटरनेशनल दोनों प्रदर्शन शामिल हैं। इसके अनुसार मुझे टीम और युगल के साथ एकल खेलने का भी मौका मिलना चाहिए।’
सूरत के इस 29 वर्षीय खिलाड़ी ने पिछले महीने शानदार प्रदर्शन किया था जिसके बाद मंगलवार को वह भारत के सर्वोच्च रैंक वाले पुरुष एकल खिलाड़ी बन गए। उनसे पहले, मुक्केबाज अमित पंघाल ने मुक्केबाजी टीम के सिलेक्शन पर सवाल उठाए थे और कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। आगे जानिए क्या है टेनिस टेनिस सिलेक्शन विवाद…
अनुभवी शरत कमल-साथियान को अहमियत दी
एशियन गेम्स में एक कैटेगरी में 2 खिलाड़ी के प्रवेश की अनुमति है और मेंस सिंगल्स कैटेगरी के लिए अनुभवी शरत कमल और जी साथियान को हरमीत पर अहमियत दी गई है।
रैंकिंग में शरत और साथियान से आगे
हरमीत लागोस में WTT कंटेंडर के सेमीफाइनल और ट्यूनिस में WTT कंटेंडर के प्री-क्वार्टर फाइनल में पहुंचे थे। उन्होंने रैंकिंग में शीर्ष-20 में शामिल 2 खिलाड़ियों को हराया था। वे अब शरत (69) और साथियान (88) से आगे 64वें स्थान पर हैं।
लेटेस्ट रैंकिंग में 64वें स्थान पर हैं हरमीत देसाई।
फिर क्यों हुआ विवाद…?
भारतीय टीम का चयन 27 जून को हुआ था। तब हरमीत 71वें स्थान पर थे, जबकि शरत (54) और साथियान (60) उनसे आगे थे, लेकिन हालिया रैंकिंग में हरमीत को फायदा हुआ और वे इन दोनों से आगे निकल गए।
भारतीय टेबल टेनिस महासंघ (TTFI) के महासचिव कमलेश मेहता ने कहा कि चयन समिति का निर्णय सर्वसम्मत था और चयन के समय इंटरनेशनल रैंकिंग के अनुसार खिलाड़ियों को सिंगल्स इवेंट के लिए चुना गया था। भारत के पूर्व खिलाड़ी और अर्जुन पुरस्कार विजेता मेहता ने कहा कि यह चयनकर्ताओं द्वारा सर्वसम्मति से लिया गया फैसला था, जिन्होंने चयन के समय वर्ल्ड रैंकिंग को ध्यान में रखा था।
OCA को नाम भेजने की तारीख निकली
भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को खिलाड़ियों की प्रविष्टियाँ जमा करने की अंतिम तिथि 30 जून और एशिया ओलंपिक परिषद (ओसीए) को भेजने की अंतिम तिथि 15 जुलाई थी।
शरत-साथियान के साथ मिलकर जीता था ब्रॉन्ज
हरमीत, शरत और साथियान एशियाई खेलों की उस टीम का हिस्सा थे, जिसने जकार्ता में पिछले सत्र में इतिहास रचा था। भारत ने इन खेलों में टीम इवेंट में ब्रॉन्ज के साथ 60 साल के इंतजार को खत्म किया था। फिर बाद में शरत और मनिका बत्रा ने मिक्स्ड डबल्स में ब्रॉन्ज हासिल कर इसे और यादगार बनाया था।
CWG से पहले भी भेदभाव के आरोप लगे
पिछले साल राष्ट्रमंडल खेलों से पहले भी कई भारतीय खिलाड़ियों ने चयन में भेदभाव करने का आरोप लगाया था। भारतीय टीम में नहीं चुने जाने पर मानुष शाह, अर्चना कामथ, स्वास्तिका घोष और दीया चितले ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था। इनमें से हालांकि सिर्फ चितले ही टीटीएफआई के फैसले को पलटवाने में कामयाब रही थी।
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