टीम इंडिया का रोडमैप: रोहित के नेतृत्व में युवा कप्तान तराशना होगा, कोहली बन सकते हैं टेस्ट स्पेशलिस्ट

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23 मिनट पहले

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टीम इंडिया का रोडमैप: रोहित के नेतृत्व में युवा कप्तान तराशना होगा, कोहली बन सकते हैं टेस्ट स्पेशलिस्ट

पुजारा-रहाणे की जगह युवाओं को मिल सकता है मौका।

भारत के लिए नई वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप का साइकल जुलाई में वेस्टइंडीज दौरे से शुरू होगा। 12 जुलाई से शुरू होने वाले इस दौरे पर भारतीय टीम दो टेस्ट की सीरीज खेलेगी। दो साल के साइकल में फाइनल 2025 में लाॅर्ड्स पर खेला जाएगा। तब तक रोहित व अश्विन 38 साल के हो जाएंगे जबकि पुजारा व रहाणे 37, कोहली व जडेजा 36 और शमी 34 साल के हो जाएंगे।

जब अधिकतर खिलाड़ी 35+ की उम्र की ओर बढ़ रहे हैं तो यह देखना होगा कि भारतीय टीम प्रबंधन उनके क्या विकल्प तैयार कर रहा है। इसके अलावा भी कुछ सवाल हैं, जिनके जवाब भारत को इन दो साल में तलाशने होंगे। जानते हैं कि अगले दो साल में भारत का टेस्ट को लेकर रोडमैप क्या हो सकता है…

युवा खिलाड़ी को उप-कप्तान बनाना होगा
गुजरात टाइटंस की सफलतापूर्वक कप्तानी करके हार्दिक सीमित ओवर वाली टीम के लिए रोहित के प्रबल उत्तराधिकारी बनकर उभरे हैं। हालांकि, टेस्ट में कप्तानी कौन करेगा, इसका जवाब नहीं मिल सका है। कार दुर्घटना से पहले ऋषभपंत प्रबल दावेदार थे। गिल भी एक दावेदार हैं, लेकिन उन्हें विदेश में खुद को साबित करना बाकी है।

इंग्लैंड के खिलाफ बर्मिंघम टेस्ट में बुमराह ने कप्तानी की थी, लेकिन हाल में हुई पीठ की सर्जरी के बाद तीनों फॉर्मेट में अब उनका भी वर्कलोड कम किया जा सकता है। भारत को एक ऐसे खिलाड़ी को टेस्ट उपकप्तान बनाना चाहिए, जो युवा हो और धीरे-धीरे कप्तान के तौर पर विकसित हो सके।

इंडिया ए में अच्छा करने वालों को मिल सकती है जगह, यशस्वी-सरफराज टीम में आ सकते हैं
रहाणे और पुजारा पर लगातार तलवार लटकी रहती है। दोनों ने घरेलू और काउंटी क्रिकेट में रन बनाने के बाद वापसी की। यह लगभग तय है कि दोनों जुलाई में विंडीज दौरा करेंगे, लेकिन मध्यक्रम में कई युवा अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। उन्हें पर्याप्त मौका देने की जरूरत है।
अभिमन्यु ईश्वरन ने इंडिया ए, बंगाल और दलीप ट्रॉफी में कई साल तक रन बनाए हैं। मुंबई के यशस्वी और सरफराज ने तो रणजी में लगातार परफॉर्म किया है। मप्र के रजत पाटीदार ने अच्छा प्रदर्शन कर इंडिया ए के मिडिल ऑर्डर में जगह बनाई। तिलक वर्मा और रुतुराज ने इंडिया ए व आईपीएल दोनों में खुद को साबित किया। ये युवा रहाणे-पुजारा की जगह लेने के लिए तैयार हैं।

यशस्वी जायसवाल को टेस्ट टीम में मौका मिल सकता है।

यशस्वी जायसवाल को टेस्ट टीम में मौका मिल सकता है।

टीम प्रबंधन को जल्द ही रोहित शर्मा और कोहली के उत्तराधिकारी तलाशने होंगे
कोहली 8479 रन बना चुके हैं और वे जल्द ही टॉप-4 रन स्कोरर बन सकते हैं। वे 10 हजार रन बनाने वाले भारतीयों की सूची में शामिल हो सकते हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या भारतीय टीम प्रबंधन उन्हें 2025 के बाद भी टेस्ट योजना में देखता है? अगर नहीं, तो उनके पास क्या विकल्प हैं? यही सवाल रोहित के लिए भी उठता है, जिनका टेस्ट करियर फॉर्म और फिटनेस की वजह से कुछ अधिक लंबा नहीं हो पाया।

ऐसे में भारत को रोहित व कोहली के उत्तराधिकारी तलाशने होंगे। पहला विकल्प श्रेयस अय्यर हैं, लेकिन जिस तरह से वे चोटिल हो रहे हैं या सर्जरी से गुजर रहे हैं, उनकी वापसी दिसंबर में द. अफ्रीका दौरे से पहले संभव नहीं दिख रही। नंबर-4 के लिए शुभमन गिल का विकल्प भी हो सकता है। ऐसे में वे विंडीज दौरे पर मध्यक्रम में खेलते नजर आ सकते हैं।

श्रेयस अय्यर रोहित- विराट के विकल्प हो सकते हैं।

श्रेयस अय्यर रोहित- विराट के विकल्प हो सकते हैं।

तेज गेंदबाजों से वर्कलोड कम करना जरूरी, वर्ल्ड कप के बाद शमी बन सकते हैं टेस्ट स्पेशलिस्ट
29 साल के बुमराह ने पीठ की चोट के कारण 2022 टी20 वर्ल्ड कप से ही कोई मैच नहीं खेला है। टीम प्रबंधन चाहेगा कि वे वर्ल्ड कप के लिए उपलब्ध रहें। वर्ल्ड कप के बाद भारत को 8 मैच की सीरीज के लिए द. अफ्रीका जाना है। इसके बाद 5 टेस्ट की सीरीज के लिए इंग्लैंड की टीम भारत आएगी। फिर 2024 का आईपीएल और टी20 वर्ल्ड कप होगा।

ऐसे में उनके वर्कलोड मैनेजमेंट पर ध्यान देना हाेगा। वहीं, 32 साल के शमी चोटिल तो नहीं हैं, लेकिन वे भी तीनों फॉर्मेट खेलते हैं। वे वनडे और टी20 वर्ल्ड कप में भारत के लिए अहम होंगे, लेकिन उसके बाद टीम मैनेजमेंट को उन्हें सिर्फ टेस्ट स्पेशलिस्ट के रूप में देखना चाहिए, ताकि उनका करियर चोट से प्रभावित न हो।

अक्षर के साथ सौरभ व राहुल चाहर उठा सकते हैं स्पिन विभाग की जिम्मेदारी
अश्विन ने हाल ही में बताया कि घुटने के दर्द के कारण उन्होंने अपना एक्शन बदला है, जिससे उनको कुछ राहत है। उनके स्पिन जोड़ीदार जडेजा की भी पिछले सितंबर में घुटनों की सर्जरी हुई थी। अब देखना होगा कि इन दोनों गेंदबाजों का शरीर कब तक साथ देता है और उनके विकल्प क्या हैं?

अक्षर पटेल तो एक विकल्प हैं, लेकिन कुलदीप यादव, सौरभ कुमार और राहुल चाहर लगातार इंडिया ए की ओर से खेले हैं। उन्हाेंने वहां खुद को साबित किया है। अगर उन्हें थोड़ा और तराशा जाए, तो वे भारत के स्पिन विभाग की जिम्मेदारी उठा सकते हैं।

अक्षर पटेल स्पिन में अच्छे विकल्प हैं।

अक्षर पटेल स्पिन में अच्छे विकल्प हैं।

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