गुजरात टाइटंस का सक्सेस फॉर्मूला: चेज मास्टर टीम, 2022 से सबसे ज्यादा रन बनाए; पर्पल-ऑरेंज कैप होल्डर प्लेयर भी इन्हीं के
स्पोर्ट्स डेस्क2 घंटे पहले
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IPL-2023 में आज रिजर्व-डे पर डिफेंडिंग चैंपियन गुजरात टाइटंस और 4 बार की विजेता चेन्नई सुपरकिंग्स के बीच मुकाबला होगा। गुजरात टाइटंस का सफर इस IPL में उतार-चढ़ाव से भरा रहा।
जहां टीम के टाॅप प्लेयर में से एक केन विलियमसन पहले मुकाबले में ही इंजर्ड हुए। वहीं, टीम ने KKR के खिलाफ 5 छक्के खा कर हारने के बाद भी अगले मुकाबलों में कमबैक किया और टेबल में 20 पॉइंट्स के साथ टाॅप पर फिनिश भी किया।
टीम ने 2022 से सबसे ज्यादा रन बनाए और विकेट भी लिए। इस टीम के पास ही पर्पल कैप होल्डर मोहम्मद शमी और ऑरेंज कैप होल्डर शुभमन गिल भी हैं।
इस स्टोरी में हम यह जानने की कोशिश करेंगे कि गुजरात ने नई टीम होने के बावजूद 2 सालों में इतना जबर्दस्त प्रदर्शन कैसे किया? गुजरात टाइटंस की सक्सेस को डीकोड करने के लिए हमने 6 फैक्टर्स शॉर्टलिस्ट किए हैं। इनमें लीडरशिप, टीम, मैनेजमेंट, कोचिंग, स्ट्रैटजी और लीगेसी शामिल हैं।
1. शुरुआत लीडरशिप से करते हैं…हार्दिक पंड्या टीम के लीडर यानी कप्तान हैं
पंड्या की पहली खूबीः पिछले दो सीजन में सबसे सक्सेसफुल कप्तान
हार्दिक पंड्या जब तक मुंबई इंडियंस के लिए खेले उनको कप्तान मटेरियल नहीं माना गया। गुजरात ने पंड्या को कप्तान बनाया और उन्होंने अब तक बतौर कप्तान 30 में से 22 IPL मुकाबले जीत लिए हैं। 2022 से कोई भी दूसरा कप्तान 16 का आंकड़ा पार नहीं कर पाया है।
दूसरी खूबीः बॉलिंग और बैटिंग दोनों में टीम के टॉप-3 में
पंड्या ऐसे कप्तान नहीं हैं जो सिर्फ कप्तान होने के लिए टीम में हों। वे पिछले दो सीजन को मिलाकर अपनी टीम के दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज और तीसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। पंड्या गुजरात की ओर से खेलते हुए दो सीजन में अब तक 812 रन बनाने के साथ-साथ 11 विकेट भी ले चुके हैं। सभी टीमों के कप्तानों के आंकड़ों पर गौर करें तो सिर्फ फाफ डुप्लेसिस (1334 रन), केएल राहुल (890 रन) और संजू सैमसन (820 रन) ही रन बनाने में पंड्या से आगे रहे।
यह ध्यान रखना होगा कि इनमें से तमाम अपनी टीम में बतौर स्पेशलिस्ट बल्लेबाज शामिल हैं। सैमसन और राहुल कीपिंग भी करते हैं, लेकिन उनका प्राइमरी काम रन बनाना ही है। पंड्या रन बनाने के साथ-साथ विकेट भी लेते हैं। पंड्या से ज्यादा विकेट किसी और टीम के कप्तान ने नहीं लिए।
तीसरी खूबीः गलतियों से सीखना और सुधार करना
ऐसा नहीं है कि पंड्या आते ही बेहतरीन कप्तानी करने लगे। कुछ मोर्चों पर उनमें कमियां भी थीं। पिछले सीजन की शुरुआत में वे खराब प्रदर्शन करने पर खिलाड़ियों पर झल्लाते हुए भी दिखे थे। मोहम्मद शमी की खराब फील्डिंग पर पंड्या का चिल्लाना सुर्खियों में आया था, लेकिन इसके बाद से उन्होंने इस फ्रंट पर बहुत काम किया। अब वे लीग के सबसे कूल-काम-कंपोज्ड कप्तान में से एक माने जाते हैं। मैच में उनका कोई फैसला गलत साबित होता है तो वे इसे सार्वजनिक तौर पर स्वीकार करते नजर आते हैं और आने वाले मैचों में इसे नहीं दोहराते।
अगले तीन ग्राफिक्स में आप पंड्या का कप्तानी रिकॉर्ड और गुजरात की अब तक की जीत-हार का रिकॉर्ड देख सकते हैं।
अब दूसरा फैक्टरः गुजरात की टीम है कैसी?
2022 से सबसे ज्यादा मैच जीतने वाली, सबसे ज्यादा रन बनाने वाली और सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली टीम
ठीक ऊपर मौजूद ग्राफिक में आपने देखा कि गुजरात ने अब तक 31 में से 23 मैच जीते हैं और 9 मुकाबले हारे। पिछले दो सीजन को मिलाकर यह सबसे ज्यादा मुकाबले जीतने वाली टीम है। राजस्थान रॉयल्स (31 मैचों में 17 जीत) और लखनऊ सुपर जायंट्स (30 में 17 जीत) कंबांइड रूप से दूसरे नंबर पर है। टीमों को आंकने के लिए जीत और हार के नंबर से भी बेहतर पैमाना जीत और हार के रेश्यो को माना जाता है। आप जीत की संख्या को हार की संख्या से डिवाइड करते हैं तो यह रेश्यो मिलता है।
पिछले दो सीजन में गुजरात की जीत/हार का रेश्यो 2.555 है। दूसरे नंबर पर मौजूद लखनऊ का रेश्यो 1.416 है। नंबर-2 के ऊपर इतनी बड़ी बढ़त यह साबित करता है कि गुजरात जब से IPL खेल रही है लीग की बेस्ट टीम है।
इसी तरह गुजरात ने पिछले दो सीजन को मिलाकर 5213 रन बनाए हैं। सबसे ज्यादा। 5094 रन के साथ राजस्थान दूसरे नंबर पर है। गुजरात ने इन दो सीजन में 203 विकेट लिए हैं। यह भी सबसे ज्यादा। 181 विकेट के साथ लखनऊ दूसरे नंबर पर है।
गुजरात की बैटिंग और बॉलिंग रन रेट में 0.57 का अंतर, सबसे ज्यादा
लिमिटेड ओवर क्रिकेट मैच जीतने के लिए सबसे जरूरी शर्त क्या होती है? आप प्रतिद्वंद्वी टीम से ज्यादा रन बनाएं और मैच जीतें। गुजरात की टीम जब से IPL में आई है इस काम में सबसे बेहतर है। गुजरात ने में हर ओवर में 8.81 के रन रेट से बैटिंग की। वहीं टीम ने गेंदबाजी में हर ओवर में 8.24 रन ही खर्च किए। यानी टीम ने मैच में ओवरऑल हर ओवर में 0.57 रन बचाए। चेन्नई 0.52 के साथ इस मामले में दूसरे नंबर पर रही।
राजस्थान (0.46) तीसरे, लखनऊ (0.25) चौथे, कोलकाता (0.16) पांचवें नंबर पर रही। बेंगलुरु का स्कोर 0.00 है यानी टीम ने हर ओवर में जितने रन बनाए ठीक उतना ही गेंदबाजी में लुटाए भी। मुंबई (-0.11), दिल्ली (-0.17) और हैदराबाद (-0.42) का स्कोर तो निगेटिव में रहा। यानी इन टीमों ने बैटिंग में हर ओवर में जितने रन बनाए, गेंदबाजी में उससे ज्यादा लुटाए।
अगले ग्राफिक में आप पिछले दो सीजन में गुजरात में शामिल तमाम खिलाड़ियों की लिस्ट देख सकते हैं। इसमें कौन से खिलाड़ी पिछले ऑक्शन में खरीदे गए और कौन से रिलीज किए गए यह भी देख सकते हैं।
3. तीसरा फैक्टर, फ्रेंचाइजी का मैनेजमेंट कैसा है?
प्रोफेशनल स्पोर्ट में खास तौर पर ऐसी लीग में जिसमें अरबों रुपए खर्च कर टीम खरीदी जाती है, फ्रेंचाइजी मैनेजमेंट का किरदार काफी बड़ा हो जाता है। खेल में जीत के साथ-साथ हार भी मिलती है और खिलाड़ियों को मैनेज करने में कई तरह की चुनौतियां आती हैं। पंजाब, बेंगलुरु, दिल्ली जैसी टीमों ने पैसे काफी खर्च किए, लेकिन 16-16 अटेम्प्ट के बाद भी पहला खिताब नहीं जीत सकी हैं।
क्रिकेट मैनेजमेंट की बारीकियों को समझना और उसके मुताबिक धैर्य दिखाना और सही फैसले करना ऐसी कंपनियों के लिए मुश्किल होता है। गुजरात इस मामले में लकी है।
गुजरात टीम का मालिकाना हक CVC कैपिटल पार्टनर्स के पास है। यह कंपनी पहले भी स्पोर्ट्स में इन्वेस्ट कर चुकी है। CVC कैपिटल्स यूरोप की एक कंपनी है और इसने IPL 2022 में गुजरात की टीम को 5600 करोड़ रुपए में खरीदा था। इस कंपनी के चैयरमेन स्टीव कोल्ट्स हैं वे अपने स्पोर्ट्स इन्वेस्टमेंट के लिए जाने जाते हैं। कंपनी के पास फॉर्मूला 1, मोटो जीपी, रग्बी, फ्रेंच फुटबॉल लीग, ला लीगा, वॉलीबॉल जैसे खेलों में इन्वेस्टमेंट करने का 25 साल का अनुभव है।
फ्रेंचाइजी ने दो साल में ग्राउंड के अंदर और बाहर जैसा प्रदर्शन किया है वह काबिल-ए-तारीफ है। नई टीम होने के बावजूद इसका प्रदर्शन वर्ल्ड क्लास रहा है। देश में इस टीम की पॉपुलैरिटी भी काफी तेजी से बढ़ी है। इसे देश का सबसे बड़ा स्टेडियम मिला है और 1 साल के अंदर इस टीम का एक बल्लेबाज देश का सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज बनने की होड़ में है। नाम आप जानते ही हैं…शुभमन गिल। इस टीम का एक तेज गेंदबाज इस समय ऑल फॉर्मेट भारत का बेस्ट गेंदबाज है। मोहम्मद शमी। इस टीम का कप्तान भारतीय टीम का फ्यूचर कप्तान है। हार्दिक पंड्या।
अगर गुजरात रविवार को फाइनल मैच जीत जाती है तो यह दो सीजन में ही कोलकाता के साथ लीग की ऑल टाइम तीसरी सबसे सक्सेसफुल टीम बन जाएगी। मुंबई (16 सीजन में 5 खिताब), चेन्नई (14 सीजन में अब तक 4 खिताब) पहले दो स्थान पर हैं।
4. चौथा फैक्टर, टीम के गुरु कौन हैं?
गुजरात टाइटंस ने जब पिछले साल आशीष नेहरा को हेड कोच बनाने का फैसला किया तो क्रिकेट जगत में इसे हैरान करने वाला फैसला बताया गया। यह ताने भी मिले कि 5600 करोड़ की टीम को ऐसा कोच नहीं मिल पाया जो पहले भी कहीं हेड कोच रहा हो। नेहरा ने बहुत जल्द सबको गलत साबित कर दिया। नेहरा खुद एक तेज गेंदबाज रहे हैं और उन्होंने टीम को लीग की बेस्ट बॉलिंग टीम बना दिया। टीम की बॉलिंग कैसी है इसे हम दूसरे फैक्टर में पहले ही जान चुके हैं।
इसके अलावा नेहरा एक ईजी टु अप्रोच कोच माने जाते हैं। यानी खिलाड़ी बेहिचक उनके पास अपनी समस्या लेकर पहुंचते हैं। बल्लेबाजी कोच और मेंटरशिप की भूमिका साउथ अफ्रीका के दिग्गज गैरी कर्स्टन संभालते हैं। हर भारतीय क्रिकेट प्रेमी जानता है कि क्रिकेट में गैरी को बतौर कोच क्या मुकाम हासिल है। उनकी कोचिंग में ही भारत ने 2011 वनडे वर्ल्ड कप खिताब जीता था। टीम के तमाम सपोर्ट स्टाफ की लिस्ट आप अगले ग्राफिक में देख सकते हैं।
5. पांचवां फैक्टर, टीम की स्ट्रैटजी क्या है
GT को चेज पसंद है
इस सीजन में चैंपियन के रुतबे के साथ उतरी गुजरात टाइटंस ने अधिकांश मुकाबलों में चेज करना पसंद किया। कप्तान हार्दिक पंड्या और कोच नेहरा दोनों ऑन रिकॉर्ड कह चुके हैं कि अच्छी बैटिंग कंडीशंस में टीम टारगेट का पीछा करना पसंद करती है। हालांकि पहले बैटिंग करते हुए गुजरात ने अच्छा खेल दिखाया है। टीम ने सीजन के 6 मैच चेज करते हुए जीते हैं, जबकि 5 मुकाबले पहले बैटिंग करते हुए अपने नाम किए हैं।
मौजूदा सीजन लीग स्टेज में खेले गए 14 मुकाबलों में गुजरात ने 10 जीते हैं, जिसमें छह मैच चेज करते हुए जीती है। टीम के चेजिंग के आंकड़े देखते हुए उसे चेज मास्टर का नाम भी दिया गया है।
GT को टॉप ऑर्डर बैटर, 4 फिनिशर और 5 बॉलर्स अजेय बना रहे हैं, साथ ही भारत को वर्ल्ड चैंपियन बनाने वाले कोच गैरी कस्टर्न और आशीष नेहरा उसे रणनीति रूप से अभेद्य बनाते हैं।
टीम में आधा दर्जन से अधिक मैच विनर्स हैं। इस साल गुजरात की ओर से 6 खिलाड़ियों ने 11 मैन ऑफ द मैच ट्रॉफियां हासिल की हैं, इसमें शुभमन गिल ने सबसे ज्यादा 4, राशिद खान और मोहित शर्मा ने 2-2 और साई सुदर्शन, अभिनव मनोहर, जोशुआ लिटिल ने एक-एक ट्रॉफियां हासिल की हैं। साथ ही कप्तान हार्दिक पंड्या और मोहम्मद शमी भी टीम की जीत में अपना योगदान देते रहे हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि टीम में अनुभवी और युवा दोनों मैच विनर हैं।
6.आखिरी फैक्टर लीगेसी : पहले दो सीजन के फाइनल में पहुंचने वाली पहली टीम
गुजरात ने अपने पहले सीजन में ही खिताब उठाया और दूसरे सीजन के फाइनल में पहुंच गई है। यह टीम की लीगेसी है। उससे पहले कोई टीम ऐसा नहीं कर सकी है।
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