क्वालिफायर-1 की पूरी कहानी तस्वीरों में: पंत के हाथ से बल्ला छूटा और मैच भी; बल्ला उड़कर अंपायर के पास पहुंचा और मैच धोनी के पास
9 मिनट पहले
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IPL 2021 का पहले क्वालिफायर में चेन्नई सुपरकिंग्स ने दिल्ली कैपिटल्स को 4 विकेट से हराकर फाइनल में पहुंची। यह मैच सभी तरह के रोमांच से भरपूर था। इसमें महेंद्र सिंह धोनी पुराने अंदाज में अपने दम पर मैच जिताते दिखे, वहीं चेन्नई सुपरकिंग्स के फैन्स फूट-फूट कर रोते दिखे और साक्षी धोनी बेटी जीवा को छाती से लगाकर अपनी खुशी का इजहार करती दिखीं।
इस मैच में रॉबिन उथप्पा के छक्के दिखे, श्रेयस अय्यर का मैजिकल कैच दिखा, स्टेडियम में मैच देखने आईं एक्ट्रेस सना खान दिखीं, ऋषभ पंत का उड़ता बल्ला दिखा, पंत के नादानी भरे फैसले पर स्टैंड में गुस्साते कोच रिकी पोंटिग दिखे और सबकुछ के बाद हारे हुए कप्तान पंत की लड़खड़ाती हुई आवाज सुनाई दी। आइए आपको इस जर्नी की शुरुआत से लिए चलते हैं।
इस जबर्दस्त रोमांचक मैच की शुरुआत हुई, महेंद्र सिंह धोनी के फुटबॉल खेलने से। ये उनके प्रैक्टिस का जुदा अंदाज है। लोग मैच से पहले बैटिंग, बॉलिंग औैर कैच प्रैक्टिस का अभ्यास करते हैं। लेकिन धोनी मैच से पहले उसी मैदान में फुटबॉल खेलते है।
असल कहानी शुरू हुई मैच के टॉस से। इस मैच का पहला टशन टॉस में ही दिख गया। टॉस जीता महेंद्र सिंह धोनी ने। जब टॉस करके वो जाने लगे तो पंत जाने क्या बुदबुदाने लगे। जब वो कुछ देर बोलते रहे तो धोनी ने उन्हें वहां से चले जाने को कहा। धोनी बार-बार इस तरह का इशारा कर रहे थे जैसे- वक्त आने दो तुम्हें पता चल जाएगा।
जब धोनी टॉस जीतकर अपने ड्रेसिंग रूम की ओर जा रहे थे तब दिल्ली के दूसरे खिलाड़ी तो नहीं लेकिन पृथ्वी शॉ भागते हुए आए। उन्होंने धोनी को हैलो बोला और हाथ मिलाया। धोनी ने भी उन्हें गुड लक बोल दिया। इसके बाद दिल्ली की पारी शुरू करने आए पृथ्वी ने 34 गेंद में 60 रन बना डाले। एक बार धोनी ने उनका कैच भी ड्रॉप किया।
एक मैच पहले स्टेडियम में अपने प्यार का इजहार करने वाले चेन्नई के फास्ट बॉलर दीपक चाहर के लिए ये मैच अच्छा नहीं रहा। धोनी ने उनपर इतना भरोसा किया कि ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज जॉस हेजलवुड के रहते हुए भी पहला ओवर दीपक चाहर को दिया। लेकिन वो पहली ही गेंद पर लड़खड़ा गए। इसके बाद पूरे मैच में लय में वापस नहीं आ पाए। आलम ये रहा कि उनके 1 ओवर में पृथ्वी शॉ ने चार चौके जड़ दिए। इसके बाद धोनी ने दीपक से चौथा ओवर भी नहीं कराया।
किसी बड़ी लीग के बड़े मैच में बतौर कप्तान ऋषभ पंत का ये पहला मैच था। इसमें उन्होंने साहसिक फैसले भी किए। लेकिन उनके सारे फैसले गलत साबित हुए। इसलिए कमेंट्रेटर्स ने भी उन्हें युवा कप्तान कहकर मजाक बनाया। असल में जब दिल्ली की पारी के 2 विकेट गिरे तो उन्होंने अक्षर पटेल को बैटिंग के लिए भेज दिया। जबकि खुद और सिमरन हेटमायर जैसे बल्लेबाजों को स्टैंड में बिठाए रखा। अक्षर ने 11 गेंद में 10 रन की एक धीमी पारी खेली, जिससे दिल्ली के तेज रफ्तार से चल रही रन गति अचानक धीमी हो गई।
बैटिंग के दौरान पंत का बल्ला फेंक देना अब एकदम आम हो गया है। अब उनकी हर पारी में लोगों को पता रहता है कि वो एकाध बार शॉट मारते हुए बल्ला जरूर छोड़ देंगे। हालांकि अब तक उनके बल्ले से चोट भले किसी को न आई हो लेकिन यह जरूरी है कि भविष्य में उन्हें आगाह किया जाए कि वो इस तरह से बल्ला न छोड़ें। हुआ कुछ यों कि पंत ने दो छक्के लगाए। दोनों को मारते वक्त उनके एक हाथ से बल्ला छूट गया था। बाद में उन्होंने एक जोरदार शॉट लगाने की कोशिश की लेकिन बल्ला दोनों हाथों से छूट गया। उन्होंने ताकत इतनी लगाई थी कि बल्ला उड़ते हुए करीब 25 कदम दूर खड़े स्कवॉयर लेग अंपायर के पास जा पहुंचा। खुद अंपायर बल्ले को उठाकर लाकर उन्हें वापस किए।
इस बल्लेबाज की 44 गेंद में 63 रन की एक बेहद काम की पारी धोनी के स्मार्टनेस का नतीजा है। नाम है रॉबिन उथप्पा, चेन्नई सुपरकिंग्स की पीली ड्रेस में। 2007 के वर्ल्डकप में ये धोनी के साथ थे। इन्हें धोनी ने रैना को बाहर कर के खिलाया। और जरूरी मैच में नंबर तीन पर उतारा। जबकि उनके पास नंबर तीन के इन फॉर्म बल्लेबाज अंबाती रायडू थे। लेकिन धोनी का ये फैसला एकदम सटीक बैठा। उथप्पा ने गायकवाड़ के साथ मिलकर 100 रन से ज्यादा की पार्टनरशिप कर डाली। उन्होंने आवेश खान के एक ओवर में 2 चौके और 2 छक्के की मदद से 20 रन भी ठोंके।
उथप्पा की पारी का अंत भी बेहद रोमांचक तरीके से हुआ। दिल्ली के पूर्व कप्तान श्रेयस अय्यर ने उथप्पा को आउट करने के लिए अपनी पूरी जान लगा दी। उन्होंने जबर्दस्त सूझबूझ का परिचय दते हुए बाउंड्री लाइन से सिर्फ 6 इंच दूर गेंद को पकड़कर हवा में उछाल दिया। क्योंकि उनका शरीर बांउड्री के बाहर गिरा जा रहा था। लेकिन वो गेंद के नीचे गिरने से पहले बाउंड्री से अंदर आकर दोबारा कैच को पकड़ लिए। जबकि उनकी आंखों के ठीक सामने और एकदम करीब अक्षर पटेल आ गए थे। लेकिन उन्होंने कैच ड्रॉप नहीं किया।
श्रेयस अय्यर के एक कमाल के थ्रो के चलते चेन्नई के मध्य क्रम के सबसे तगड़े बल्लेबाज अंबाती रायडू भी रन आउट हो गए। यहां पर पहली बार लगा कि अब चेन्नई के हाथ से ये मैच निकल गया। क्योंकि उथप्पा जब आउट हुए तो चेन्नई का स्कोर113 रन पर 3 विकेट था। लेकिन सिर्फ 119 रन यानी 6 रन के बीच चेन्नई के 4 विकेट गिर चुके थे।
और यहां से शुरू होता है मैच का वो पीरियड जब CSK के फैन्स, धोनी के फैन्स और क्रिकेट के फैन्स की सांसे तेज हो गई थीं। चेन्नई की पारी के 19वें ओवर पहली गेंद थी और 70 रन बनाकर खेल रहे ऋतुराज गायकवाड़ आउट हो गए। अभी मैच जीतने के लिए 11 गेंद में 24 रन चाहिए थे। बल्ला लेकर मैदान में धोनी आ रहे थे। कमेंट्री कर रहे गावस्कर, पठान और आकाश चोपड़ा पहले से ही धोनी के उस फैसले की आलोचना कर रहे थे जो उन्होंने टॉप ऑर्डर में शार्दुल ठाकुर को बैटिंग करने भेज दिया था। अब ऐसे मौके पर धोनी के आने के फैसले पर भी आकाश बोले कि ये समय रवींद्र जडेजा को क्रीज पर होने का है। लेकिन धोनी खुद आए।
पहली गेंद पर धोनी ने बल्ला भांजा लेकिन आवेश खान की गेंद और धोनी के बल्ले में दूर तक कोई संपर्क नहीं। गेंद विकेट कीपर पंत के दस्ताने में जाकर समा गई। उधर स्टेडियम में चेन्नई की जर्सी पहनकर बैठी करीब 8 से 10 साल की एक बच्ची चीख-चीख कर रोने लगी। उसके साथ खड़ी महिला उसे गले लगाकर आंसू पोछ कर किसी तरह चुप कराने लगीं। लेकिन बच्ची ने चुप होने का नाम नहीं लिया।
आवेश अगली गेंद लेकर आए और धोनी ने उन्हें घुमाकर करारा स्ट्रोक जड़ा और धोनी के आने पर सवाल खड़े कर रहे कमेंट्रेटर बोले- माही मार रहा है। गेंद छक्का जा चुकी थी। स्टैंड में बैठी साक्षी धोनी (काले सर्कल के छापे वाली वाली चितकबरी ड्रेस में) ने मारे भावावेग में अपनी बेटी जीवा को उठाकर कसकर छाती से लगा लीं। बगल में खड़े एक और शख्स को गले लगाने लगीं। लेकिन इसके बाद फिर धोनी से गेंद नहीं लगीं। किसी तरह ओवर खत्म हुआ।
20वें ओवर में सबको उम्मीद थी कि 13 रन चाहिए तो कगिसो रबाड़ा ही बॉलिंग करेंगे। लेकिन पंत ने एक चौंकाने वाला फैसला किया। उन्होंने अपना पहला मैच खेल रहे टॉम करन (दिल्ली की नीली जर्सी में) को गेंद थमा दी। स्ट्राइक एंड पर मोइन अली खड़े थे। पहली गेंद पर मोइन ने ऑन साइड पर पुल के अंदाज में एक स्ट्रोक तो लगाया मगर गेंद सीधे फील्डर के हाथ में गई। मोइन अली आउट हो गए। उधर स्टेडियम बच्ची दहाड़े मार-मार कर रोने लगी। इस IPL में पहली बार स्टेडियम में एक अम्मा को आंखे बंदकर के हाथ जोड़कर भगवान से धोनी को जीताने के लिए प्रर्थना करते हुए देखा गया।
कैच पकड़े जाने से पहले धोनी और मोइन अली ने अपने छोर बदल लिए थे। इसिलए अब 5 गेंद में 13 रन बनाने थे महेंद्र सिंह धोनी को। धोनी ने सिर्फ 3 गेंद में ही लक्ष्य हासिल कर दिया। उन्होंने 3 लगतार चौके मारे। बीच में टॉम ने एक गेंद वाइड फेंक दी थी। इसलिए धोनी की चेन्नई ने 2 गेंद रहते ये मैच जीत लिया था। धोनी ने महज 6 गेंद में 18 रन की पारी खेली थी।
इधर धोनी ने विजयी चौका लगाया था उधर सुरेश रैना, दीपक चाहर और दूसरे खिलाड़ी स्टैंड में उछल पड़े थे।
मैच देखने आईं बिग बॉस फेम एक्ट्रेस सना खान भी चेन्नई की जीत पर उछल पड़ीं। इस पल में सबसे ज्यादा कोई दुखी था तो उसका नाम और फोटो- नीचे देख लीजिए।
जी हां, ये वही शख्स हैं। जो इस मैच में हार के बाद सबसे ज्यादा दुखी नजर आ रहे थे। ये दुख इसलिए भी था कि IPL के 14 सीजन हो चुके थे लेकिन दिल्ली कभी ये खिताफ जीत नहीं पाई है। सबसे ज्यादा शर्मिंदगी वाली बात ये हो जाती है कि ये टीम पूरे लीग में सबसे जबर्दस्त ढंग से खेलती है। ये इकलौती ऐसी टीम ने जिसने एक IPL में दो बार चेन्नई और दो बार मुंबई को हराया है। फिर भी जब पहले क्वालिफायर में हार मिली तो जवाब देने में पंत का गला भर आया। मैच के बाद जब उन्हें त्वरित टिप्पणी के लिए बुलाया गया और 20वें ओवर में रबाडा के बजाए टॉम से बॉलिंग कराने के बारे में पूछा गया तो बोले- नहीं बता सकता कैसा महसूस कर रहा हूं।
नीचे हमने एक ट्वीट लगाया है। उसमें एक वीडियो है। वो मैच का आखिरी लम्हा था। सबकुछ खत्म हो चुका था। सेरेमनी एरिया से भी सभी अवॉर्ड बंट चुके थे। सब लोग अपने-अपने घर जाने लगे थे। लेकिन तभी किसी ने धोनी को उस मासूम फैन के बारे में बताया दिया जो उनके लिए रो रही थी। धोनी स्टैंड में उस लड़की की ओर बढ़े लेकिन बायो बबल के चलते वो लड़की से मिल नहीं सकते थे। तो उन्होंने गेंद पर साइन कर के लड़की ओर उछाल दिया।
ये आखिरी तस्वीर IPL 2021 के ट्रॉफी की है। मैच शुरू होने के पहले चेन्नई के प्लेयर फाफ डु प्लेसिस आए और झुककर काफी देर तक इसपे लिखे नामों को पढ़ते रहे। शायद वो अपना नाम इस पर दर्ज कराने का मूड बना चुके हैं।
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