क्या हमने गुटबाजी में गंवाया टी-20 वर्ल्ड कप?: विराट, रोहित, धोनी और शास्त्री की मौजूदगी ज्यादा जोगी मठ उजाड़ जैसा साबित हुआ, कप्तानी का मुद्दा भी पड़ा भारी
एक घंटा पहले
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![क्या हमने गुटबाजी में गंवाया टी-20 वर्ल्ड कप?: विराट, रोहित, धोनी और शास्त्री की मौजूदगी ज्यादा जोगी मठ उजाड़ जैसा साबित हुआ, कप्तानी का मुद्दा भी पड़ा भारी क्या हमने गुटबाजी में गंवाया टी-20 वर्ल्ड कप?: विराट, रोहित, धोनी और शास्त्री की मौजूदगी ज्यादा जोगी मठ उजाड़ जैसा साबित हुआ, कप्तानी का मुद्दा भी पड़ा भारी](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2021/11/10/1_1636483444.gif)
क्रिकेट एक टीम गेम है, लेकिन भारतीय टीम में तो इस वक्त कुछ अलग ही खिचड़ी पक रही है। जी हां, यहां हम बात कर रहे हैं खिलाड़ियों के बीच आई दरार के बारे में। पहले भी कई बार ये बात सामने आई है कि भारतीय टीम दो गुटों में बंटी हुई है, लेकिन अब टी-20 विश्व कप में भारत के हालात तो इस बात की गवाही पेश कर रहे हैं।
एक मयान में दो तलवार नहीं रह सकती… ये कहावत तो आपने कई बार सुनी होगी, मगर ये रोहित शर्मा और विराट कोहली पर लागू हो रही है। दोनों ही बड़े खिलाड़ी हैं, लेकिन आपस में कुछ खास नहीं जमती। इसका एक कारण तो बड़ा कद है, दूसरा विचार।
ये कम था कि BCCI ने टीम में धोनी को भी शामिल कर दिया। अब विराट, रोहित, धोनी, शास्त्री जैसे दिग्गज टीम का हिस्सा बन गए और जब इतने लोग हैं, तो जाहिर है कि सबके विचार तो मिलने नहीं वाले, ऐसे में पावर में बैठे शास्त्री और विराट ने शायद अपनी-अपनी चलाकर टीम का बेड़ा गर्ग कर दिया!
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धोनी को टीम में शामिल करना कहीं BCCI की गलती तो नहीं
एमएस धोनी को BCCI ने सकारात्मक सोच के साथ टूर्नामेंट में शामिल किया था। सभी ने सोचा कि अब माही के रहते टीम मुश्किल वक्त में डटकर सामना करेगी। लेकिन मामला तो बिलकुल उल्टा पड़ गया। पाकिस्तान के खिलाफ भारत को हार मिली, लेकिन फिर भी उस मैच में भारतीय खिलाड़ियों की बॉडी लैंग्वेज फाइट वाली थी।
लेकिन जब न्यूजीलैंड के सामने हमने टॉस हारा, तो मानो वहीं पूरी टीम ने मैच गंवा दिया। बॉडी लैंग्वेज देख लगा ही नहीं कि वह उत्साह दिखा रहे हैं। विकेट के पीछे से ऋषभ पंत भी उस तरह कमेंट्री नहीं कर रहे थे, जिस तरह वह अमूमन का किया करते थे।
तो भई, फिर धोनी के टीम में आने का क्या फायदा हुआ। जिस काम के लिए उन्हें चुना गया, वो तो वही नहीं कर पाए। अब क्या यहां ये वाला एंगल भी है, कि धोनी की ड्रेसिंग रूम में चली ही नहीं… खैर
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विराट-रोहित के कारण दो गुटों में बंटी हुई है टीम
एक मयान में दो तलवार नहीं रह सकती…. विराट और रोहित उन दो तलवारों की ही तरह हैं, जो टीम इंडिया में एक साथ खेलते तो हैं, लेकिन एक साथ नहीं हैं। उड़ती-उड़ती खबरें आती ही रहती है कि टीम दो गुटों में बंटी हुई है। बताया जाता है कि विराट के ग्रुप में केएल राहुल, सिराज हैं, जबकि रोहित का पलड़ा इसमें भारी है और उनके ग्रुप में चहल, पंत, हार्दिक, बुमराह जैसे और भी कई नाम शामिल हैं।
तो अब जब टीम ही दो गुटों में है, तो प्रदर्शन एकसार कैसे हो सकता है। अब आप कप्तानी को ही ले लीजिए, जब विराट ने T20I की कप्तानी छोड़ी, तो खबरें आईं कि वह नहीं चाहते रोहित कैप्टन बनें… अब ये दरार नहीं तो भला क्या है।
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ज्यादा जोगी मठ उजाड़े
टी20 विश्व कप 2021 में भारतीय टीम में सलाह मशवरा करने के लिए मानो दिग्गजों की फौज तैयार कर दी गई। इसमें रोहित, कोहली, शास्त्री तो पहले से थे ही, BCCI ने एमएस धोनी को भी जोड़ दिया। हालांकि लगा था कि ये कॉम्बिनेशन काम आएगा, लेकिन इसका खतरनाक रिएक्शन हो गया। भई, जो टीम सेमीफाइनल तक तो कम से कम पहुंचती थी, वो लीग मैचों में ही बाहर हो गई।
इतने लोगों के बीच किसने क्या सलाह दी, किसने कौन सी सलाह मानी, इसका कोई ब्यौरा तो नहीं है। लेकिन ऊपर-ऊपर से देखने में लग तो यही रहा है कि यहां ज्यादा जोगी मठ उजाड़ वाली हालत हुई है।
कोहली नहीं रहते हर वक्त उपलब्ध, हो चुकी है शिकायत
कई बार, कई खिलाड़ी ऐसे बयान देते आए हैं कि एमएस धोनी जब कप्तान थे, तो उनके कमरे के दरवाजे सभी खिलाड़ियों के लिए 24 घंटे खुले रहते थे। वहीं रोहित शर्मा भी खिलाड़ियों से घुले-मिले रहते हैं, उन्हें डिनर पर लेकर जाते हैं। लेकिन ऐसा कुछ कभी कोहली के लिए सुनने को नहीं मिला है।
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बल्कि उनके खिलाफ तो इंग्लैंड सीरीज में कुछ खिलाड़ियों ने शिकायत करते हुए BCCI से ये तक कह दिया था कि विराट उन्हें असुरक्षित महसूस करा रहे हैं। रिपोर्ट्स में कुछ नाम भी सामने आए, मगर पुष्टि नहीं हुई। अब जब, कप्तान खिलाड़ियों के साथ मिक्स ही नहीं होता, सिर्फ मैदान पर आए, तो हाय-हैलो और फिर मैदान के बाहर जय श्री राम… तो ड्रेसिंग रूम में एकता कहां से आएगी। खैर, ड्रेसिंग रूम में क्या चलता है, ये तो खिलाड़ी ही जानते होंगे…. हम तो बस मिलने वाले परिणामों पर टकटकी लगाए बैठे रहते हैं…
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