क्या भारतीय फुटबॉल की किस्मत पलटने वाला होगा साल-2023: लगातार 2 टूर्नामेंट जीते, टॉप-100 में वापसी; किंग्स कप-एशियाड और FIFA क्वालिफायर्स खेलना है

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स्पोर्ट्स डेस्क6 मिनट पहले

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क्या भारतीय फुटबॉल की किस्मत पलटने वाला होगा साल-2023: लगातार 2 टूर्नामेंट जीते, टॉप-100 में वापसी; किंग्स कप-एशियाड और FIFA क्वालिफायर्स खेलना है

भारतीय फुटबॉल टीम ने सीजन में धमाकेदार आगाज किया है। टीम ने पिछले एक महीने में 3 बड़ी अचीवमेंट हासिल की हैं।

सुनील छेत्री की कप्तानी वाली टीम इंडिया ने अपने इंटरनेशनल कैंपेन की शुरुआत इंटरकॉन्टिनेंटल कप के खिताब से की। फिर FIFA की टॉप-100 रैंकिंग में 5 साल बाद वापसी और मंगलवार रात को तीसरी बार साउथ एशियन फुटबॉल चैंपियनशिप के टाइटल का सफल बचाव किया। अब तक कोई भी टीम ऐसा नहीं कर पाई। भारत ने फाइनल में कुवैत को पेनल्टी शूटआउट में 5-4 से हराया।

ऐसे में सवाल उठता है कि क्या साल-2023 भारतीय फुटबॉल के लिए गेम चेंजर होगा। क्या इस साल की सफलताएं भविष्य में भारतीय फुटबॉल को सुनहरे भविष्य की ओर ले जाएंगीं। ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब तलाशे हैं इस स्टोरी में। हमने दिसंबर-1992 में FIFA का रैंकिंग सिस्टम शुरू होने के बाद भारतीय टीम के उल्लेखनीय प्रदर्शन का एनालिसिस किया। आइए देखते हैं परिणाम…

शुरुआत करते हैं 3 अचीवमेंट से…

1. 5 साल बाद घर लौटा इंटरकॉन्टिनेंटल कप, लेबनान को 1977 के बाद हराया
18 जून को टीम इंडिया ने इंटरकॉन्टिनेंटल कप अपने नाम किया। यह कप 5 साल बाद घर आया है। इससे पहले भारतीय टीम 2018 में चैंपियन बनी थी।

भुवनेश्वर के कलिंगा स्टेडियम में भारतीय टीम ने फाइनल में लेबनन को 2-0 से हराया। भारत ने लेबनान को 46 साल बाद हराया। टीम इंडिया ने इससे पहले लेबनान को प्रेसिडेंट कप में 1977 में हराया था।

इस टूर्नामेंट की शुरुआत 2018 में हुई थी। भारत ही इसे हर बाद होस्ट करता है। टीम ने 3 सीजन में से दो जीते हैं।

2. अपनी चौथी बेस्ट रैंकिंग में पहुंचा भारत
इंटरकांटिनेंटल कप के बाद भारत को FIFA रैंकिंग में फायदा हुआ और टीम अपनी चौथी बेस्ट रैंकिंग में पहुंच गई। टीम ने 5 साल बाद टॉप-100 रैंकिंग में वापसी की थी। जो अच्छे संकेत देता है। आगे पढ़िए FIFA की हालिया रैंकिंग में भारत की स्थिति

3. 9वीं बार साउथ एशियन चैंपियन बना भारत
भारत ने SA FF चैंपियनशिप भी जीत ली। भारतीय टीम 9वीं बार साउथ एशियन चैंपियन बनी है। टीम ने कुवैत को पेनल्टी शूटआउट में कुवैत को 5-4 से हराया। पहल भारतीय टीम गोल खाने के बाद कमजोर पड़ जाती थी, लेकिन फाइनल में भारत ने अलग दिखाई। पहले गोल खाने के बावजूद भारत ने शानदार कमबैक किया और पेनल्टी में जीत हासिल की। पढ़ें पूरी मैच रिपोर्ट

सेमीफाइनल में लेबनान को पेनल्टी में हराया। टीम ने लेबनान को 15 दिन में दूसरी बार हराया। इससे पहले टीम ने कुवैत से ड्रॉ खेला था और नेपाल व पाकिस्तान को हराया।

अब 2 पॉइंट्स में पढ़िए भारत के सर्वश्रेष्ठ साल…

1. भूटिया-विजयन की जोड़ी ने 1996 में बेस्ट रैंकिंग दिलाई
दिसंबर-1992 में पहली बार FIFA रैंकिंग की शुरुआत हुई। तब भारत के पास आई एम विजयन, जो पॉल आंचेरी और ब्रूनो कॉटिन्हो के दमदार आक्रमण वाली टीम थी। तब भारत ने 1993 में शानदार प्रदर्शन किया और साउथ एशियन गेम्स में सिल्वर जीतकर वर्ष के अंत तक पहली बार टॉप-100 में प्रवेश किया।

उस साल भारत ने लेबनान से ड्रॉ खेला और 1994 फीफा विश्व कप क्वालिफ़ायर्स में हांगकांग पर जीत हासिल की। इतना ही नहीं, दो इंटरनेशनल मैच ड्रॉ कराए। टीम ने कैमरून और फ़िनलैंड को बराबरी पर रोका। जिसका फायदा रैंकिंग में मिला।

हालांकि, अगले एक-दो साल में ज्यादा इंटरनेशनल मैच नहीं मिलने से टीम की रैंकिंग 121 पहुंच गई। साल 1995 में भाईचुंग भूटिया के आने के बाद भारत की फारवर्ड लाइन पहले जैसी मजबूत और अक्रमक हो गई। टीम टीम इंडिया की फ्रंटलाइन में भूटिया और विजयन जैसे दमदार खिलाड़ी थे। 1996 में भूटिया और विजयन की जोड़ी ने ही भारत को ऑलटाइट बेस्ट 94वीं रैंकिंग में पहुंचाया।

इस दौरान भारत ने SAFF चैंपियनशिप (1997 और 1999) के लगातार दो खिताब अपने नाम किया। उसके बाद टीम इंडिया ने दो दफा और लगातार दो खिताब जीते हैं। इनमें 2009-11 और 2021-23 के सीजन जीते हैं। यानी कि मंगलवार को भारत ने तीसरी बार अपने खिताब का सफल बचाव किया है। जो अच्छे संकेत देता है।

(यहां पर साल 1996 की अचीवमेंट का ग्राफिक्स लगाएं।)

2. 2017 में अजेय रहा था भारत, 21 साल बाद टॉप-100 में वापसी की
टीम का बेहतरीन प्रदर्शन साल 2017 में दिखा, जब भारत पूरे कैलेंडर वर्ष में अजेय रहा, दो में ड्रॉ खेला और नौ में से सात मैचों में जीत हासिल की। इस प्रदर्शन के बल पर 2019 एएफसी एशियाई कप के लिए भी क्वालिफिकेशन हासिल की।

भारत ने 2017 के मई में 21 वर्षों में पहली बार फीफा रैंकिंग के शीर्ष 100 में प्रवेश किया और जुलाई में 96वें स्थान पर पहुंच गए। उन्होंने अंततः वर्ष को 105वें स्थान पर रहकर समाप्त किया।

(यहां पर साल 2017 की अचीवमेंट का ग्राफिक्स लगाएं।)

अब देखिए इस साल भारत के 4 अहम टास्क…

1. किंग्स कप: UAE को हराना चुनौतीपूर्ण होगा
किंग्स कप की शुरुआत 1968 में हुई थी। यह टूर्नामेंट फुटबॉल एसोसिएशन ऑफ थाईलैंड कराता है। भारत ने इस टूर्नामेंट में 1977 और 2019 में ब्रॉन्ज मैडल जीत चुका है। ब्लू टाइगर्स एक बार फिर टूर्नामेंट में भाग लेने के लिए तैयार हैं। टूर्नामेंट 7 सितंबर से 10 सितंबर के बीच होगा। इसमें UAE लेबनान, भारत और थाईलैंड हिस्सा लेंगे।

72 रैंकिंग वाली UAE के आगे भारत को अच्छा गेम खेलना होगा। अगर भारतीय टीम UAE को हराती है तो इससे टीम का मनोबल बढ़ेगा।

2. एशियाड-2023: 1970 से फुटबॉल का मेडल नहीं जीता भारत
एशियन गेम्स-2023 सितंबर से 8 अक्टूबर के बीच हांगझू, चीन में होगी। एशियाड में फुटबॉल में U-23 के मुकाबले ही खेले जाएंगे। इसमें सीनियर टीम के 3 खिलाड़ी साथ हिस्सा ले सकेंगे। भारत ने एशियन गेम्स (1951 और 1962) में दो मेडल जीते हैं, और 1970 में एक ब्रॉन्ज मैडल जीता था।

भारतीय टीम में चांग्ते और जैक्सन सिंह जैसे यंग खिलाड़ी है। इन्हे बड़े टूर्नामेंट में एशिया की टॉप टीम जैसे जापान, ईरान और साउथ कोरिया जैसी टीमों के खिलाफ खेलने का मौका मिलेगा। इस टूर्नामेंट से भारत की यंग टीम में पोटेंशियल जानने का मौका मिलेगा।

3. मर्डेका कप: पेलेस्टाइन से जीतना जरूरी
मलेशिया फुटबॉल एसोसिएशन मर्डेका कप का 42वां एडिशन 14 से 17 अक्टूबर, 2023 के बीच खेलेगा। इसमें भारत के अलावा, पेलेस्टाइन , लेबनान और मेजबान मलेशिया भाग लेंगे। फीफा रैंकिंग में पेलेस्टाइन भारत से बेहतर 96वें नंबर पर है। ऐसे में भारत के लिए पेलेस्टाइन के खिलाफ जीतना जरूरी होगा। पेलेस्टाइन एशियन कप में खेल चुका है। भारत के लिए पेलेस्टाइन के खिलाफ खेलना एशियन कप की तैयारी में मदद करेगा।

4. FIFA वर्ल्ड कप 2026 क्वालिफायर
वर्ल्ड कप 2026 टूर्नामेंट नहीं है, लेकिन यह भारत के लिए बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है। बेहतर रैंकिंग के कारण भारत को 2026 फीफा वर्ल्ड कप में एशिया क्वालिफायर के लिए राउंड 1 में हिस्सा नहीं लेना होगा। वह सीधे राउंड 2 में खेलगा। टोटल 5 राउंड होंगे। राउंड 2 के मुकाबले नवंबर में होंगे।

भारत के लिए सबसे मुश्किल यह क्वालिफिकेशन होगा। यहां उसका मुकाबला एशिया की टॉप टीमों से होगा। इसमें जापान या कोरिया के खिलाफ भी भारत खेल सकता है। ऐसे में यह जरूरी होगा कि टीम अपना बेस्ट दे।

इस समय एशिया में 46 देशों के बीच भारत 18वीं रैंक पर है। पॉइंट्स में समझे क्वालिफिकेशन प्रोसेस

  • पहला राउंड – एशिया की 27 से 46 रैंक की टीम एक दूसरे के खिलाफ खेलेगी। 10 विनर राउंड 2 में जाएंगे।
  • दूसरा राउंड : 1 से 26 रैंक की टीम और पहले राउंड की 10 टीम के बीच 4 टीमों के 9 ग्रुप बनेंगे। हर ग्रुप की टीम एक दूसरे के खिलाफ 2-2 मुकाबले खेलेगी। हर ग्रुप की टॉप 2 टीम तीसरे राउंड में जाएगी और एशियन कप के लिए क्वालिफाई कर जाएगी।
  • तीसरा राउंड – आगे जाने वाली 18 टीम के बीच 6 टीम के 3 ग्रुप बनेंगे। इसमें हर ग्रुप की टीम एक दूसरे के खिलाफ 2-2 मैच खेलेगी। इसमें हर ग्रुप की टॉप 2 टीम वर्ल्ड कप के लिए क्वालिफाई कर जाएगी।
  • चौथा राउंड – तीसरे राउंड में तीसरे और चौथे नंबर की 6 टीमों के बीच 2 ग्रुप बनेंगे। सब अपने ग्रुप के टीमों के खिलाफ खेलेंगे। दोनों ग्रुप की टॉप 2 टीम वर्ल्ड कप में जाएगी।
  • पांचवा राउंड – चौथे राउंड की रनर अप टीम एक दूसरे के खिलाफ खेलेगी। इसके विनर अन्तर-कॉन्फिडेरशन कप में एशिया की तरफ ऐसे जाएगा।

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