कोहली-रोहित बिजनेस के भी खिलाड़ी: विराट ने फूड-फैशन-फिटनेस में लगाया पैसा, धोनी की फिटनेस वर्ल्ड तो सचिन की स्पोर्ट्स-होटल इंडस्ट्री में धाक
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नई दिल्ली2 घंटे पहलेलेखक: संजीव कुमार
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देश में क्रिकेट को धर्म और खिलाड़ियों को भगवान भले ही माना जाता हो, पर शायद ही फैंस को इस बात का अंदाजा हो कि खेल और खिलाड़ियों के प्रति उनका दीवानापन ही है जो स्टार खिलाड़ियों को करोड़ों-अरबों रुपए में खेलने का मौका देता है। स्टार खिलाड़ियों की एक झलक पाने का ही यह नतीजा है कि वे सिनेमाई स्टारों की तरह खेल से हटकर अन्य तरीकों से पैसे कमा रहे हैं।
आइए-खिलाड़ियों के दूसरे कई बिजनेस से भी रूबरू हो लेते हैं, जिनकी बदौलत वे करोड़पतियों और अरबपतियों की कैटेगरी में आते हैं।
जैंटलमैन गेम में बेहिसाब पैसा, स्टार क्रिकेटरों के कई साइड बिजनेस
पिछले दो दशकों से खासकर IPL आने के बाद क्रिकेट में बेहिसाब पैसा आ रहा है। एक जमाने में क्रिकेटर्स का खेल के अलावा कमाई का सिर्फ एक जरिया होता था-विज्ञापन। शायद आपको याद भी होगा कि कपिल देव अक्सर ‘पामोलिव दा जवाब नहीं’ कहते दिख जाते थे, वहीं सुनील गावस्कर ‘दिनेश सूटिंग-शर्टिंग’ के विज्ञापन में आते थे, लेकिन अगर आप आजकल के विज्ञापनों पर नजर डालेंगे तो इंडियन क्रिकेट टीम का हर खिलाड़ी किसी-न-किसी विज्ञापन में दिख जाता है। क्रिकेटर्स ने इस फील्ड में बॉलीवुड के स्टार्स को भी पीछे छोड़ दिया है।
कपिल देव और सुनील गावस्कर ने भी अपने जमाने में क्रिकेट और विज्ञापन के अलावा बिजनेस के कई नए तरीके ढूंढ लिए। क्रिकेट फील्ड से बिजनेस वर्ल्ड में कदम रखने वाले सुनील गावस्कर पहले बड़े खिलाड़ी थे। गावस्कर ने 1985 में स्पोर्ट्स मैनेजमेंट कंपनी ‘प्रोफेशनल मैनेजमेंट ग्रुप’ की शुरुआत की। वहीं, कपिल देव के ‘कैप्टंस रिट्रीट’ नाम से चंडीगढ़ और पटना में 11 रेस्तरां हैं। उन्होंने फ्लड लाइट्स इंस्टॉलेशन कंपनी भी शुरू की, जिसका नाम ‘देव मसको लाइटिंग’ है। गावस्कर और कपिलदेव दोनों ही कमेंटरी के जरिए आज भी अच्छा-खासा पैसा कमा रहे हैं।
खिलाड़ी अपने भविष्य को सुरक्षित करने के लिए खेलने के साथ-साथ कई तरह के बिजनेस इन्वेस्टमेंट कर रहे हैं। यह उनका एक ऐसा निवेश होता है, जिनसे उनकी लगातार कमाई होती है। कई खिलाड़ियों ने तो खुद को एक ब्रैंड के तौर पर स्थापित कर लिया है।
फूड, फैशन और फिटनेस में लगाया है कोहली ने पैसा
विराट कोहली की गिनती आज दुनिया के बेहतरीन बल्लेबाजों में होती है। क्रिकेट का कोई भी फॉर्मेट हो, वह भारत के लिए मैच विनर हैं। ऑफ द फील्ड बिजनेस में भी वह विनर हैं। विराट कोहली ने पिछले सात बरसों में कई बिजनेस वेंचर्स में इन्वेस्ट किया। इस साल मार्च में उन्होंने रेग कॉफी (Rage Coffee) में बड़ा निवेश किया। उन्होंने सत्य सिन्हा के साथ मिलकर जनवरी 2015 में फिटनेस सेंटर चेन ‘चिज़ल’ की शुरुआत की।
यह फिटनेस सेंटर IT में काम करने वाले यूथ को ध्यान में रखकर शुरू किया गया। आज वह चिज़ल नेटवर्क को पूरे देश में फैलाने की योजना पर काम कर रहे हैं। बेंगलुरु स्थित इस कंपनी की योजना पूरे देश में सैकड़ों की संख्या में सेंटर बनाने की है। विराट कोहल और अनुष्का शर्मा ने मिलकर ‘ब्लू ट्राइब’ स्टार्टअप खोला है। इससे जुड़े प्लांट में मीट प्रोडक्ट जैसे-कीमा, मोमोज सॉस, चिकन नगेट्स बनाए जाते हैं। विराट ने अंजना रेड्डी की पार्टनरशिप में मेन्सवेयर ब्रैंड ‘रॉन’ (WROGN) भी लॉन्च किया है। इंडियन सुपर लीग की टीम FC गोवा में भी उनकी हिस्सेदारी है। 2015 में इंडियन टेनिस प्रीमियर लीग की टीम UAE रॉयल्स के को-ओनर भी बने।
विराट कोहली के पास लंदन की कंपनी टेक स्टार्टअप ‘स्पोर्ट कॉनवो’ के शेयर्स भी हैं। विराट की कुल सालाना कमाई करीब 100 करोड़ रुपए से ज्यादा है। एक अनुमान के मुताबिक उनकी नेट वैल्यू करीब 400 करोड़ रुपए के आसपास है।
महेंद्र सिंह धोनी साइड बिजनेस के किंग हैं
टीम इंडिया के पूर्व कैप्टन महेंद्र सिंह धोनी को उनके फैंस बतौर ‘कैप्टन कूल’, बेस्ट फिनिशर या उनके विख्यात ‘हेलिकॉप्टर शॉट्स’ के लिए याद करते हैं। लेकिन कई लोग नहीं जानते कि धोनी एक सफल इनवेस्टर और कामयाब कारोबारी भी हैं।
धोनी ने सबसे पहले साल 2012 में स्टार्टअप में निवेश किया था। अब वह कई बिजनेस में स्टेक होल्डर हैं। इनमें लोगों के लिए फिटनेस और डाइट प्लान बनाने वाली उनकी कंपनी ‘स्पोर्टफिट वर्ल्ड’ भी है। 41 साल के धोनी की फुटवियर ब्रैंड सेवन (Seven) में भी बड़ी हिस्सेदारी है। IPL में चेन्नई सुपर किंग्स के मेंबर धोनी चेन्नई स्थित फुटबॉल टीम ‘चेन्नैयिन FC’ के सहमालिक हैं। धोनी एक सुपर स्पोर्ट्स वर्ल्ड चैंपियनशिप टीम ‘माही रेसिंग टीम इंडिया’ के भी को-ओनर हैं। हाल में धोनी ने ‘रन एडम’ (Run Adam) में 25 फीसदी हिस्सेदारी ली है, जो चेन्नई में स्पोर्ट्स टेक स्टार्टअप है। आपने शायद खबर सुनी ही होगी कि इस साल धोनी ने झारखंड में सबसे ज्यादा करीब 12.17 करोड़ रुपए टैक्स दिया। फोर्ब्स मैगजीन ने 2015 में धोनी की ब्रैंड वैल्यू करीब 764 करोड़ रुपए आंकी थी।
सचिन का पोस्ट रिटायरमेंट बिजनेस-स्पोर्ट्स, फिटनेस और होटल
मास्टर ब्लास्टर सचिन ने क्रिकेट में परचम फहराने के बाद रिटायरमेंट ले लिया। क्रिकेट से इतर उन्होंने अपने पूरे जीवन में कई बड़े ब्रैंड में भी निवेश किया। आपमें से कई लोग नहीं जानते होंगे कि तेंदुलकर ‘स्मार्टरॉन’ कंपनी में प्रमुख इनवेस्टर्स में से एक हैं। सचिन ने इसके अलावा भी कई स्टार्टअप्स में पैसा लगाया है।
आईएसएल की टीम ‘केरल ब्लॉस्टर्स’ की अपनी हिस्सेदारी को उन्होंने हाल ही में बेचा है। वह संयुक्त अरब अमीरात स्थित कंपनी ‘मुसाफिर यात्रा’ के शेयरहोल्डर और ब्रैंड एंबेसडर भी हैं। मुंबई और बेंगलुरु में उनके रेस्तरां का नाम ‘सचिन्स’ और ‘तेंदुलकर्स’ है। तेंदुलकर ‘एस ड्राइव’ और ‘सैच’ में भी शेयरहोल्डर हैं, जो एक हेल्थ और फिटनेस प्रॉडक्ट चेन है।
ट्रेनिंग, रेस्तरां और स्कूल में इन्वेस्ट करते हैं सहवाग
आक्रामक सलामी बल्लेबाज रहे वीरेंद्र सहवाग ने 2012 से क्रिकेट से दूर होने पर बिजनेसमैन के तौर पर नई पारी की शुरुआत की। धोनी और कोहली के उलट वीरेंद्र सहवाग ने ‘सहवाग इंटरनेशनल स्कूल’ लॉन्च किया। सहवाग यहां खुद बच्चों को क्रिकेट की ट्रेनिंग देते हैं। वीरेंद्र सहवाग ने भी दिल्ली में रेस्तरां के बिजनेस में हाथ आजमाया था। हालांकि जल्द ही यह बंद हो गया। रेस्तरां का नाम ‘सहवाग्स फेवरेट’ था।
सहवाग ही नहीं कई ऐसे क्रिकेटर और भी हैं जिन्होंने कुछ अलग हटकर बिजनेस किए हैं। आइए, समझते हैं इस ग्राफिक के जरिए-
कैंसर से उबरकर युवराज सिंह ने बनाई ‘यूवीकैन’ संस्था
2011 वर्ल्ड कप में मैन ऑफ द सीरीज रहे युवराज सिंह बिजनेस में भी कहां पीछे रहने वाले। युवराज एक प्रेरक शख्सियत हैं। कैंसर से लड़ने के बाद भी उन्होंने उस वर्ल्ड कप में न सिर्फ हिस्सा लिया, बल्कि जीत में भी अहम योगदान दिया। उन्होंने उसके बाद ‘यूवीकैन’ (UV Can) नाम की संस्था शुरू कर दी, जो कैंसर और इसे दूर करने के तरीकों के बारे जागरूकता फैला रही है। युवराज ने स्पोर्ट्स बेस्ड ई-कॉमर्स स्टोर sports365.in लॉन्च करके एक बिजनेसमैन के रूप में अपने दूसरे करियर की शुरुआत की। यह वेबसाइट स्पोर्ट्स गियर और दूसरे फिटनस प्रोडक्ट्स बनाती और बेचती है। उन्होंने कई दूसरे स्टार्टअप्स में भी निवेश किया है। फिन ऐप के मुताबिक युवराज की वर्तमान नेट वर्थ करीब 160 करोड़ रुपए है।
इंजीनियर रहे कुंबले स्पोर्ट्स में प्रयोग कर रहे टेक्नोलॉजी
वर्ष 2018 में अनिल कुंबले ने स्पेक्टाकॉम (Spektacom) कंपनी बनाई। इस कंपनी ने एक पावर बैट बनाया है जिसमें एक चिप भी लगी है। कंपनी का फोकस स्पोर्ट्स के लिए टेक्नोलॉजी ड्रिवन एसेसरीज बनाने पर है। यह क्रिकेट में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के इस्तेमाल के लिए माइक्रोसॉफ्ट के साथ पार्टनरशिप भी किए हुए है। कभी इंजीनियर रहे कुंबले स्पोर्ट्स कंपनी ‘टेनविक’ (Tenvic) के कोओनर हैं। यह कंपनी खिलाड़ियों को प्रोफेशनल स्पोर्ट्स की ट्रेनिंग देती है। कुंबले के साथ इस कंपनी के सहमालिक वसंत भारद्वाज हैं। वसंत पूर्व टेबिल टेनिस खिलाड़ी हैं। इतना ही नहीं ‘जंबो’ नाम से लोकप्रिय रहे कुंबले ने चेतना कुंबले के साथ मिलकर 2010 में जंबो फाउंडेशन की भी स्थापना की। इस फाउंडेशन का काम वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन से जुड़ा है।
स्टार खिलाड़ियों को ब्रैंड का प्रोमोशन करने के बेशुमार मौके मिलते रहे हैं। यहां ग्राफिक के जरिए जानते चलिए कुछ खिलाड़ियों के ब्रैंड प्रोमोशन के बारे में-
खानदानी रईस सौरव गांगुली कमाई में भी ‘दादा’
सौरव गांगुली रईस खानदान से आते हैं। उनके पिता का प्रिंटिंग का बहुत बड़ा कारोबार रहा है और उनकी कंपनी एशिया की टॉप-3 में से एक कंपनी थी। पिता की राह पर चलते हुए पूर्व कप्तान ने भी कई जगह इन्वेस्टमेंट किया। ISL की टीम एटलेटिको डी कोलकाता के वह सहमालिक हैं। यह टीम पिछले साल की विजेता टीम थी। उन्होंने ‘सौरव्स’ (Sourav’s) नाम से 2004 में रेस्तरां भी शुरू किया था, लेकिन यह ज्यादा चल नहीं पाया और 2011 में इसे बंद करना पड़ा।
पहले वर्ल्ड कप विजेता कपिल देव ने भी चुनी बिजनेस की राह
‘हरियाणा हरिकेन’ के नाम से लोकप्रिय रहे कपिलदेव को 60 के दशक में देश के सबसे शानदार आल राउंडर्स में से एक माना जाता था। क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद उन्होंने अपने आपको बिजनेस की अलग-अलग रेंज में शामिल कर लिया।
क्रिकेट के अलावा टेनिस, बैडमिंटन, फुटबॉल और शूटिंग के दिग्गज खिलाड़ियों ने भी कई बिजनेस में हाथ आजमाया है।
स्पोर्ट्स ब्रांड से लेकर ब्यूटी केयर में इन्वेस्ट कर चुके हैं महेश भूपति
महेश भूपति ने वर्ष 2002 में ‘ग्लोबोस्पोर्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड’ की शुरुआत की, जोकि एक स्पोर्ट्स व एंटरटेनमेंट एजेंसी है। उनकी यह कंपनी भारत में टेनिस के टैलेंट को निखारती है। सानिया मिर्जा जैसी खिलाड़ियों को खड़ा करने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई है। साल 2016 में भूपति ने इंटरनेशनल टेनिस को हमेशा के लिए विदा कह दिया। महेश भूपति का गेम्स के प्रोडॅक्टस बेचने वाला ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ‘Sports365.in’ है। इसकी शुरुआत उन्होंने बेंगलुरू में आशुतोष चौधरी के साथ मिलकर 2012 में की थी। भूपति ने 4 साल पहले स्वैग फैशन हब प्राइवेट लिमिटेड में भी निवेश कर किया है।
68 करोड़ है बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु की नेटवर्थ
ओलिंपिक में 2 बार मेडल जीतने वाली पीवी सिंधु को साल 2018 और 2019 में फोर्ब्स मैगजीन ने दुनिया की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली महिला खिलाड़ियों में जगह दी थी।
हाल ही में स्टार शटलर पीवी सिंधु तीन साल बाद बैडमिंटन की वर्ल्ड रैंकिंग में टॉप-5 में जगह बनाने में कामयाब रही हैं।
फोर्ब्स के मुताबिक 2018 में उनकी नेटवर्थ करीब 60 करोड़ और 2019 में करीब 40 करोड़ रुपए थी। जबकि आज के समय उनकी नेटवर्थ करीब 68 करोड़ रुपए हो चुकी है। सिंधु कई कंपनियों की ब्रांड एंबेसडर हैं। बैंक ऑफ बड़ौदा, ब्रिजस्टोन, जेबीएल, पैनासोनिक और दूसरे कई बड़े ब्रांड्स इसमें शामिल हैं। इसके अलावा उनको राज्य सरकारों व PSU कंपनियों से भी पुरस्कार राशि मिलती रहती है।
सबसे ज्यादा कमाने वाली तीसरी बैडमिंटन प्लेयर हैं साइना नेहवाल
ओलिंपिक में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम करने वालीं बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल ब्रांड एंडोर्समेंट, विज्ञापनों, ब्रांड प्रमोशन से भी कमाती हैं। साइना उन लोगों की सूची में शामिल हैं, जो सबसे महंगे विज्ञापन करते हैं। वह महीने में 40 लाख से ज्यादा की कमाई करती हैं, वहीं सालाना 5 करोड़ से ज्यादा कमाती हैं।
हाल के दिनों में साइना नेहवाल का खेल उतना बेहतर नहीं रहा है लेकिन बैडमिंटन में उनकी उपलब्धियां कम नहीं हैं।
वह दुनिया की तीसरी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली महिला बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। साइना की नेटवर्थ लगभग 36 करोड़ रुपए है। वह हेल्थ स्टार्टअप और फीमेल हाइजीन किट के क्षेत्र में ‘परी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी’ की ब्रांड प्रमोटर भी रही हैं। योनेक्स (Yonex) बिजनेस का 4 प्रतिशत लाभ सीधे साइना को मिलता है।
बाइचुंग भूटिया इंडिया की सबसे अच्छी फुटबाल एकडेमी चलाते हैं
फुटबाल में राष्ट्रीय पहचान बना चुके बाइचुंग भूटिया ने पिछले महीने सिक्किम की राजनीति में भी कदम रखा है। उन्होंने ‘हमरो सिक्किम पार्टी’ का गठन किया है। हालांकि, बाइचुंग अपने बिजनेस को फुटबाल के क्षेत्र में आगे बढ़ाते रहे हैं। पिछले 12 साल से वे फुटबाल में यंग टेलेंट को तराशने के लिए बाइचुंग भूटिया फुटबाल स्कूल (BBFS) चला रहे हैं। यह उनकी इनकम का मेन सोर्स है। यह इंडिया की सबसे बड़ी और उच्चस्तरीय फुटबॉल एकेडमी है।
ओलिंपिक गोल्ड मेडलिस्ट अभिनव बिंद्रा का है स्पोर्ट्स साइंस बिजनेस
शूटिंग में ओलिंपिक गोल्ड जीतने वाले अभिनव ने साल 2016 में संन्यास लेकर स्पोर्ट्स साइंस से जुड़े बिजनेस पर फोकस किया। इस बिजनेस में फिटनेस और स्पोर्ट्स इंजरी से जुड़ा मेडिकल ट्रीटमेंट भी शामिल हैं। इससे पहले 2009 में इन्होंने अभिनव बिंद्रा फाउंडेशन की स्थापना की जिसमें स्किल्ड कोच और प्रिमियम फेसलिटी देने पर खास ध्यान रहा।
अभिनव फ्यूचरिस्टिक्स-इस नॉन-प्राफिट ऑर्गनाइजेशन के जरिए अभिनव इंडियन स्पोर्ट्स और हेल्थकेयर को सर्वश्रेष्ठ टेक्निकल सुविधाएं मुहैया कराने का काम करते हैं। ये भारत में वाल्दर अर्म्स (Walther arms) के एकमात्र डिस्ट्रिब्यूटर हैं।
ग्राफिक्स: सत्यम परिडा
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