कोर्ट के समन पर बोलें बृजभूषण: 18 जुलाई को होऊंगा पेश, मुझे नहीं चाहिए कोई छूट; सहायक सचिव विनोद तोमर को भी किया तलब
पानीपतएक घंटा पहले
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भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह।
भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण पर 6 बालिग पहलवानों के यौन शोषण केस की शुक्रवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने बृजभूषण शरण सिंह और उनके सेक्रेटरी विनोद तोमर को तलब किया है। इसको लेकर कोर्ट ने समन जारी कर दोनों को 18 जुलाई को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया।
जिसके बाद बृजभूषण ने एक न्यूज एजेंसी से कहा कि मैं 18 जुलाई को कोर्ट के सामने पेश होऊंगा। मुझे अदालत में पेश होने से कोई छूट नहीं चाहिए। कोर्ट WFI के सहायक सचिव विनोद तोमर को भी समन जारी किया है। इससे पहले भी बृजभूषण अपने बयानों में कहा चुकें हैं कि उन्हें न्यायपालिका पर पूरा विश्वास है। अब मामला न्यायालय में विचाराधीन है, इसलिए वह कोई टिप्पणी नहीं करेंगे।
कोर्ट में पेश होने के सवाल पर भी उन्होंने सिर्फ दो ही लाइन में अपनी बात खत्म कर दी। गौरतलब है कि इससे पहले इस केस की सुनवाई 1 जुलाई को हुई थी। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने यौन उत्पीड़न मामले में दायर आरोप पत्र पर संज्ञान लेने पर विचार के लिए 7 जुलाई की तारीख तय की थी।
नाबालिग पहलवान और उसके पिता को नोटिस दे चुकी कोर्ट
बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ नाबालिग पहलवान के बयानों पर दर्ज केस की क्लोजर रिपोर्ट पर बीते मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई। कैंसिलेशन रिपोर्ट पर चर्चा के बाद कोर्ट ने बयान बदलने पर नाबालिग पहलवान और उसके पिता को नोटिस जारी कर बयान बदलने की वजह पूछी है। कोर्ट ने 1 अगस्त तक जवाब मांगा है।
इस दौरान जज ने कहा कि कोर्ट नाबालिग का पक्ष जनना चाहता है। नाबालिग का पक्ष आने के बाद ही कोर्ट केस को रद्द करने पर फैसला लेगा। कुछ दिन पहले नाबालिग पहलवान ने कोर्ट में भी अपने बयानों को बदलते हुए कहा था कि मामला यौन शोषण का नहीं, भेदभाव का है। उसने झूठी शिकायत दी थी।
इस पर दिल्ली पुलिस ने 15 जून को कोर्ट में कैंसिलेशन रिपोर्ट दायर की थी। इसमें कहा था कि जांच में यौन शोषण के कोई सबूत नहीं मिले हैं। इसलिए इस केस को बंद कर रहे हैं।
15 जून को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश की थी चार्जशीट
बता दें कि दिल्ली पुलिस ने 15 जून को राउज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट पेश की थी। आरोपियों में बृजभूषण के अलावा WFI के असिस्टेंट सेक्रेटरी विनोद तोमर का नाम भी है। चार्जशीट में पहलवानों के मजिस्ट्रेट के सामने दिए गए बयान को अहम आधार माना गया है।
बृजभूषण के खिलाफ करीब 7 गवाह मिले हैं। वहीं यौन शोषण की कथित जगह पर उनकी मौजूदगी के भी सबूत मिले हैं। चार्जशीट की पहली सुनवाई पर कोर्ट ने इसे MP-MLA कोर्ट में ट्रांसफर किया था। इसके अलावा, सोमवार को कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को चार्जशीट की एक कॉपी शिकायतकर्ता पहलवानों को देने के आदेश दिए हैं।
रास्ता रोकने या पीछा करने का केस 2012 का
दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, बृजभूषण पर जो रास्ता रोकने या पीछा करने का केस है, वह 2012 का है। इसमें शिकायत करने वाली महिला पहलवान ने बताया था कि बृजभूषण ने एक टूर्नामेंट के दौरान उसकी मां से बात की और उसे अपने कमरे में बुलाकर कस कर गले लगाया।
जब महिला पहलवान घर लौटी तो अलग-अलग बहाने से कई बार उसकी मां के नंबर पर फोन करना शुरू कर दिया। उसने यह भी दावा किया कि बृजभषण की कॉल से बचने के लिए उसे अपना फोन नंबर तक बदलना पड़ा। हालांकि, इन आरोपों को साबित करने के मामले में कोई टेक्निकल एविडेंस नहीं मिले हैं।
बालिग पहलवानों के यौन शोषण की बताई जगहों पर आरोपी मौजूद थे
बालिग पहलवानों के केस में पुलिस ने 1500 पन्नों की चार्जशीट पेश की। इसमें पुलिस ने पहलवानों के CrPC की धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के आगे दिए बयान को चार्जशीट का प्रमुख आधार माना है। पुलिस ने कहा कि बालिग पहलवानों ने जिस जगह पर उनके साथ यौन शोषण के आरोप लगाए हैं, वहां आरोपियों की मौजूदगी के सबूत मिले हैं।
पहलवानों ने पुलिस को जांच के दौरान सबूत के तौर पर 5 फोटो सौंपी हैं। इसके अलावा और भी डिजिटल सबूत दिए गए, उन्हें पेन ड्राइव में कोर्ट को सौंपा गया है। चार्जशीट में करीब 25 गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं। 7 गवाहों ने पीड़ित बालिग पहलवानों के आरोपों का सपोर्ट किया है। बाकी आरोपियों के पक्ष में बोले हैं। ट्रायल के दौरान इनका क्रॉस एग्जामिनेशन होगा।
पुलिस ने कजाकिस्तान, मंगोलिया और इंडोनेशिया के कुश्ती संघों से उन जगहों की CCTV फुटेज और फोटो देने को कहा है, जहां महिला पहलवानों ने बृजभूषण पर यौन शोषण के आरोप लगाए हैं। अभी ये नहीं मिले हैं। इनके मिलने पर पुलिस केस में सप्लिमेंट्री चालान पेश करेगी।
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