कॉलेज टी-20 टीम में सुदर्शन को नहीं मिली थी जगह: IPL फाइनल में 200 से ज्यादा स्ट्राइकरेट से बनाए 96 रन, मां हैं फिटनेस ट्रेनर

38 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
कॉलेज टी-20 टीम में सुदर्शन को नहीं मिली थी जगह: IPL फाइनल में 200 से ज्यादा स्ट्राइकरेट से बनाए 96 रन, मां हैं फिटनेस ट्रेनर

IPLके 16 वें सीजन में गुजरात टाइटंस और चेन्नई सुपर किंग्स के बीच खेले गए फाइनल मैच में गुजरात के बल्लेबाज साईं सुदर्शन ने बेशक 200 की स्ट्राइक रेट से 47 गेंदों पर 96 रन बनाकर सबका दिल जीत लिया हो, लेकिन कभी साईं सुदर्शन को स्लो बल्लेबाजी की वजह से तमिलनाडु प्रीमियर लीग (TNPL) और कॉलेज की टी-20 टीम में भी जगह नहीं मिल पाई थी। पिछले IPLमें डेब्यू करने वाले सुदर्शन को इस सीजन में 8 मैचों में ही मौका मिला। उन्होंने 51 की औसत से 362 रन बनाए। उनका स्ट्राइक रेट 141.41 का रहा। उन्होंने 3 हाफ सेंचुरी भी लगाईं।

चेन्नई के 21 साल के साई सुदर्शन की मां उषा भारद्वाज वॉलीबॉल प्लेयर रह चुकी हैं और अभी वह RCB के विकेटकीपर बल्लेबाज दिनेश कार्तिक और उनकी पत्नी स्क्वाश खिलाड़ी दीपिका पल्लिकल की फिटनेस ट्रेनर भी हैं। इसके अलावा वह तमिलनाडु के कई इंटरनेशनल प्लेयर्स की पर्सनल फिटनेस ट्रेनर हैं। उनके पापा भी आर. भारद्वाज भी एथलीट रहे हैं।

TNPLमें धीमी बल्लेबाजी शैली के कारण नहीं मिला मौका
साईं सुदर्शन के पिता आर भारद्वाज ने दैनिक भास्कर को पिछले साल दिए एक इंटरव्यू में सुदर्शन के तेजी से खेलने को लेकर बताया था कि 2019 में वे तमिलनाडु प्रीमियर लीग में चेपॉक सुपर गिल्लीज टीम के हिस्सा थे, पर एक भी मैच में उन्हें प्लेइंग इलेवन में शामिल नहीं किया गया। वहीं कॉलेज की टी-20 टीम में भी उन्हें सब्स्टिट्यूट खिलाड़ी के तौर पर रखा गया था। साईं को यह बात बुरी लगी और उन्होंने इसे चैलेंज के रूप में स्वीकार करते हुए अपने को टी-20 फॉर्मेट के अनुरूप अपने बल्लेबाजी शैली में परिवर्तन करने का फैसला किया।
उनके पिता भारद्वाज ने कहा था कि सुदर्शन ने 2020 में जब कोरोना की वजह से क्रिकेट बंद हो गया, तो तब उन्होंने अपने को टी-20 फॉर्मेट में एडजस्ट करने पर फोकस किया। आपदा के मिले 2 साल को अपने लिए अवसर में बदला और इसका असर TNPL में दिखा और उन्होंने 2021 में लाइका कोवई किंग्स की ओर से डेब्यू मैच में सलेम स्पार्टन्स के खिलाफ 43 गेंदों में 87 रन बनाकर जता दिया, कि वह टी-20 के भी अच्छे बल्लेबाज हैं।

अंकल क्रिकेटर बनाना चाहते थे
सुदर्शन के पापा आर भारद्वाज साउथ एशियन गेम्स में देश के लिए मेडल जीत चुके हैं। वह चाहते थे कि सुदर्शन भी एथलीट बने। उन्होंने शुरुआत में स्प्रिंट की ट्रेनिंग दी। स्कूल में सुदर्शन स्प्रिंट ही करते थे और मेडल भी जीते। पर उनके पिता के बड़े भाई जो, डिवीजनल स्तर पर क्रिकेट खेल चुके थे, वह चाहते थे कि वह क्रिकेटर बने।

एकेडमी के मैच में ताबड़तोड़ पारी से सुदर्शन के पापा का मन बदला
दरअसल एक बार बीबी चंद्रशेखर क्रिकेट एकेडमी के मैच में सुदर्शन ने 13 गेंदों पर 29 रन बनाए। उस समय वह 13 साल के थे। तब उनके पापा को लगा कि इनके अंदर क्रिकेटर बनने की क्षमता है। उन्होंने सुदर्शन से पूछा आप क्या करना चाहते हो, उनका जवाब था कि क्रिकेटर बनना है। फिर उनके पापा ने पूरा फोकस इसी पर करने को कहा।

क्रिकेट के लिए स्कूल बदला
क्रिकेट के लिए सुदर्शन ने स्कूल बदला। दरअसल वह चेन्नई में स्थित गोपालपुरम स्थित डीएवी स्कूल में पढ़ते थे। उनका स्कूल पढ़ाई के लिए जाना जाता था। जबकि उनको तो क्रिकेटर बनना था। इसलिए उन्होंने अपने पापा से हेमांग बदानी और श्रीराम के स्कूल सैंथोम हाई सेकेंडरी स्कूल में एडिशन कराने के लिए अनुरोध किया। आठवीं के बाद उन्होंने सैंथोम हाई सेंकेंडरी स्कूल में ही पढ़ाई की और कोच शनमुंगम के पास ट्रेनिंग करना शुरू कर दिया।

खबरें और भी हैं…

For all the latest Sports News Click Here 

Read original article here

Denial of responsibility! TechAI is an automatic aggregator around the global media. All the content are available free on Internet. We have just arranged it in one platform for educational purpose only. In each content, the hyperlink to the primary source is specified. All trademarks belong to their rightful owners, all materials to their authors. If you are the owner of the content and do not want us to publish your materials on our website, please contact us by email – [email protected]. The content will be deleted within 24 hours.