किस काम के मेंटर धोनी: खराब फिटनेस के बाद भी हार्दिक को टीम में बनाए रखा, दबाव अभी भी ड्रेसिंग रूम में बरकरार

28 मिनट पहले

T-20 वर्ल्ड कप में बहुत ही उम्मीदों के साथ BCCI ने एमएस धोनी को टीम इंडिया के ड्रेसिंग रूम में शामिल किया था। उनकी मेंटरशिप में जिस तरह के प्रदर्शन की उम्मीद की गई थी, टीम इंडिया उससे उल्टा ही खेल दिखा रही है। विराट कोहली की कप्तानी में भले ही टीम इंडिया ट्रॉफी नहीं जीती, लेकिन लीग मैचों में अच्छे प्रदर्शन के साथ वह अंतिम चार में जगह बनाती रही है, लेकिन इस बार तो धोनी की मेंटरशिप में भारतीय टीम के टॉप-4 में पहुंचने के भी लाले पड़ गए हैं। पहले पाकिस्तान के हाथों शर्मनाक हार और अब न्यूजीलैंड के सामने मिली इस हार के बाद अब धोनी को आड़े हाथ लिया जा रहा है।

दबाव नहीं कर पाए दूर
धोनी को टीम से जोड़ने की बड़ी वजह यही थी कि वह वर्ल्ड कप जैसे बड़ी इवेंट में ड्रेसिंग रूम को तनाव मुक्त बनाकर रखें, लेकिन पिछले दोनों मैचों में भारतीय टीम पूरी तरह से दबाव में नजर आई। PAK के खिलाफ भारत ने 7 विकेट के नुकसान पर 151 रन बनाए थे। उस मैच में गेंदबाजों के पास लड़ने के लिए अच्छा टारगेट था, लेकिन सभी गेंदबाज पूरी तरह से बेबस नजर आए थे। पाकिस्तान के खिलाफ हमारे बॉलर्स ने 107 गेंदों डालीं और विकेट एक भी नहीं ले सके। नतीजा 29 सालों से पड़ोसी देश के खिलाफ वर्ल्ड कप में चला आ रहा जीत का सफर दुबई में थम गया।

अब बात करते हैं न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच की। भारत ने टॉस हारा और टीम को पहले बैटिंग का मौका मिला। रोहित की जगह वर्ल्ड कप में डेब्यू कर रहे ईशान किशन को ओपनिंग का मौका मिला। अब ये दबाव नहीं तो क्या है। टीम के ऊपर प्रेशर था और कप्तान कोहली ने हिटमैन की जगह ईशान को ओपनिंग के लिए मैदान पर उतार दिया और खुद नंबर-4 पर उतरे। धोनी ने ड्रेसिंग रूम में क्या किया? याद कीजिए धोनी जब खुद कप्तान हुआ करते थे, तब टीम के कॉम्बिनेशन में ऐसे फेरबदल नहीं करते थे। क्या बैटिंग ऑर्डर में चेंज करना धोनी का आइडिया था? या उन्होंने अपनी कोई राय ही नहीं दी?

हार्दिक को टीम में बनाए रखा
हाल ही में एक खबर सामने आई थी कि, IPL फेज-2 के बाद टीम इंडिया के चयनकर्ता हार्दिक पंड्या के फॉर्म और फिटनेस से खुश नहीं थे और वो उन्हें UAE से वापस भारत भेजना चाहते थे। टाइम्स ऑफ इंडिया ने सूत्रों के हवाले से बताया था कि, टीम इंडिया के मेंटर महेंद्र सिंह धोनी ने उन्हें बचा लिया। धोनी ने कहा कि पंड्या टीम इंडिया के जबरदस्त फिनिशर हैं। वो टी-20 WC में बहुत महत्वपूर्ण योगदान देंगे। उन्हें टीम के साथ रखा जाए। इसके बाद हार्दिक भारत नहीं गए और टीम के साथ जुड़े रहे।

पंड्या टीम के साथ रहे, लेकिन उन्होंने किया क्या…. PAK के खिलाफ आखिरी दो ओवरों में बैटिंग के लिए उतरे और 8 गेंदों में सिर्फ 11 रन ही बना सके। पंड्या ने कहने को दो चौके लगाए, लेकिन वो भी प्रॉपर क्रिकेटिंग शॉट नहीं थे। चलिए इस पारी के बाद ऐसा कहा जा सकता है कि उनके पास सिर्फ 12 ही गेंदे थीं। न्यूजीलैंड के खिलाफ हुए मैच को ले लीजिए… हार्दिक 11वें ओवर में बल्लेबाजी के लिए आए। उस समय भारतीय टीम संघर्ष कर रही थी और स्कोर 48/3 था। अनुभवी होने के नाते पंड्या से बड़ी पारी की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन वे 24 गेंदों में मात्र 23 रन ही बना सके। आमतौर पर बड़े-बड़े शॉट्स से डील करने वाले हार्दिक के बल्ले से केवल एक चौका देखने को मिला।

हार्दिक ने फॉर्म से फैंस का दिल दुखाया ही, साथ ही उनकी फिटनेस भी पहले जैसी नजर नहीं आई। धोनी का उनको वर्ल्ड कप जैसे टूर्नामेंट के लिए टीम इंडिया के साथ बनाए रखना अभी तक बहुत बड़ा गलत फैसला साबित हुआ।

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