एक्सक्लूसिव: जामनगर आते ही अपने पुराने दिनों को यादकर भावुक हो जाते हैं जडेजा, अपने साथ-साथ साथी खिलाड़ियों से जुड़े मजेदार किस्से भी शेयर करते हैं
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जामनगरएक घंटा पहलेलेखक: हिरेन हिरपरा
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बचपन के दोस्त चिराग पाठक के साथ रवींद्र जडेजा।
आज टी-20 वर्ल्ड कप का ऐसा मुकाबला होने जा रहा है, जिसका अधिकतर भारतीय फैन्स को इंतजार रहता है। 24 अक्टूबर को भारत और पाकिस्तान आमने-सामने होंगे। मैच दुबई में शाम के समय खेला जाएगा। विराट कोहली जहां भारत की अगुवाई करेंगे तो वहीं पाकिस्तान की कमान बाबर आजम के हाथों में होगी। टीम में गुजरात के कई खिलाड़ी शामिल हैं, जिनमें जामनगर के ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा भी शामिल हैं।
इसी मौके पर भास्कर ने उनके बचपन के दोस्त चिराग पाठक, जडेजा जामनगर के जिस ग्राउंड में प्रैक्टिस किया करते थे, वहां के ग्राउंड मैन दुदाभाई और क्रिकेट बंगला में के स्कोरर रहे दर्शित पांड्या से विशेष बातचीत की। पेश है बातचीत के विशेष अंश…
चिराग पाठक जडेजा के साथ दो बार आईपीएल में भी खेल चुके हैं।
सवाल: आप और रवींद्र जडेजा कितने समय से साथ में खेल रहे हैं?
जवाब: हम रवींद्र जडेजा जब 9 साल के थे, तबसे नवानगर क्रिकेट अकादमी में एक साथ क्रिकेट खेल रहे हैं। हमारे सर महेंद्रसिंह चौहान थे, जिनका कैंप है। हम दोनों अंडर 14, 16, 17, 19, 22 और रणजीत ट्रॉफी भी खेली है। इसके अलावा दो बार आईपीएल में भी उनके साथ खेल चुका हूं।
प्रश्न: जामनगर आने पर जडेजा पुरानी यादें शेयर करते हैं?
जवाब: जब अंतरराष्ट्रीय या आईपीएल क्रिकेट से ब्रेक होता है तो जडेजा सीधे जामनगर आते हैं और आने से पहले ही सभी दोस्तों को फोन कर देते हैं। हम रोजाना सुबह क्रिकेट बंगला ग्राउंड पर रनिंग करते हैं। हम बचपन में भी यहीं पर रनिंग करते थे और क्रिकेट खेलते थे। तब जडेजा का आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। वे साइकिल से यहां आया करते थे। जडेजा अपने उन पुराने दिनों को याद करके इमोशनल हो जाते हैं। जडेजा जामनगर आते हैं तो हम अक्सर साथ में नेट की प्रैक्टिस करते हैं। वह अक्सर अपने फार्म हाउस में बैठकर टीम इंडिया साथियों से जुड़ी मजेदार बातें भी शेयर करते हैं।
टीम के साथ जडेजा की बचपन की फोटो।
प्रश्न: जडेजा के साथ कोई यादगार मैच?
जवाब: हम पुणे (महाराष्ट्र) में एक दिवसीय अंडर-19 मैच खेल रहे थे। हमने पहली पारी में 261 रन बनाए थे। जवाब में महाराष्ट्र की टीम भी तेजी से रन बना रही थी। महाराष्ट्र की टीम ने 49वें ओवर में 6 विकेट पर 257 रन बना लिए थे। आखिरी ओवर में 4 रन बनाने थे और उनके पास तीन विकेट बचे थे। आखिरी ओवर करने की जिम्मेदारी जडेजा के हाथों में थी और उन्होंने पहली ही तीन गेंदों में हैट्रिक लगाकर पूरा मैच पलट दिया था और हमने यह मैच 3 रन से जीत लिया था। बॉलिंग के साथ जडेजा ने आखिरी ओवर में जबर्दस्त फील्डिंग भी की थी। उस समय जडेजा की उम्र 16 साल थी और उनकी चारों तरफ चर्चा हो रही थी।
कोच के साथ रवींद्र जडेजा।
सवाल: जडेजा के साथ खेल चुके और कई पुराने दोस्त?
जवाब: दरअसल, जामनगर में हमारा भी एक अंडर-19 ग्रुप था। जिसमें मैं, रवींद्र जडेजा, बालकृष्ण जडेजा, हरेंद्र जडेजा, विशाल जोशी, करण मकवाणा, आशुतोष पाठक, अभिराज झाला कई सालों तक साथ ही खेले। हम अपने सर महेंद्रसिंह चौहान के साथ क्रिकेट खेलते थे। हम सभी ने एक दूसरे का साथ दिया और आगे बढ़ने के लिए कड़ी मेहनत की। हम रोजाना सुबह 8 से 12 बजे तक और दोपहर 2 से 6 बजे तक प्रैक्टिस करते थे।
प्रश्नः रविंद्र जडेजा का स्वभाव वैसा ही है जैसा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आने से पहले था?
जवाब: जडेजा का मिजाज अब भी वही है। हालांकि अब वे एक अच्छे क्रिकेटर बन गए हैं, तो उनमें पहले से ज्यादा परिपक्वता आ गई है। हालांकि, हम दोस्तों के लिए वे आज तक नहीं बदले हैं। भले ही वह अभी दुनिया के नंबर 1 ऑलराउंडर हैं, लेकिन हम जब मिलते हैं तो अपने पुराने दिनों में पहुंच जाते हैं। वे बातों-बातों में ही हमें बैटिंग और बॉलिंग से जुड़ी कई बातें सिखाते हैं।
रणजी मैच के दौरान जामनगर टीम के साथ जडेजा।
सवाल: टी20 वर्ल्ड कप के बारे में आप क्या कहेंगे?
जवाब: कुछ दिन पहले ही मैंने वर्ल्ड कप को लेकर रवींद्र जडेजा से बात की थी। मैंने मैच को लेकर उनकी तैयारियों के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि ‘तैयारी बहुत अच्छी चल रही है। जब विराट टी-20 में आखिरी बार कप्तानी कर रहे हैं और हम विश्व कप जीतने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। मुझे विश्वास है कि यह वर्ल्ड कप इंडिया की टीम ही जीतकर लाएगी।
क्रिकेट बंगला ग्राउंड के ग्राउंड मैन दुदाभाई।
ग्राउंड मैन दुदाभाई से खास बातचीत
ग्राउंड मैन दुदाभाई ने कहते हैं कि ‘मैं पिछले कई सालों से क्रिकेट बंगला में ग्राउंड मैन के तौर पर काम कर रहा हूं। रवींद्र जडेजा पांच से छह साल के थे। तब से वे यहां अभ्यास करने आ रहे हैं। मैंने कई बार उनकी मदद की। जब भी उन्हें गेंद से चोट लग जाती थी तो मैं ही उनका इलाज करता था। किसी दिन उनका टिफिन नहीं आता था तो उस दिन वे मेरे टिफिन से ही खाना खाते थे। वे बचपन से ही बहुत अच्छे क्रिकेटर रहे हैं। बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों पर ही उनका फोकस रहता था। यह उनकी मेहनत ही है कि आज वे इस मुकाम पर हैं। उन्हें भारतीय टीम में खेलता देख बहुत खुशी होती है।
ग्राउंड के स्कोरर दर्शित पंड़्या।
क्रिकेट के हर फॉर्मेट में फिट हैं जडेजा : दर्शित
बंगला क्रिकेट ग्राउंड के स्कोरर दर्शित पंड़्या कहते हैं कि इस ग्राउंड में जडेजा जबसे प्रैकिट्स कर रहे हैं, मैं तबसे ही यहां पर स्कोरिंक करता आ रहा हूं। कई यादगार मैच रहे हैं, जिनकी मैंन स्कोरिंक की है। इनमें एक मैच मुझे अच्छी तरह से याद है, जो 2008 में यहां खेला गया था, इसमें जडेजा ने जबर्दस्त बैटिंग करते हुए जामनगर की टीम को एकतरफा जीत दिलाई थी। जडेजा की सबसे खास बात यही है कि वे क्रिकेट के हर फॉर्मेट यानी कि बैटिंग-बॉलिंग और फील्डिंग में बेस्ट हैं। मुझे उम्मीद है कि वे आज भी अपना बेस्ट देंगे और भारत पाकिस्तान को हराएगा।
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