इंग्लैंड से क्या सीख सकती है टीम इंडिया: 7 से ज्यादा बॉलिंग ऑप्शन, एग्रेसिव ओपनर्स और फियरलेस क्रिकेट…

स्पोर्ट्स डेस्क25 मिनट पहले

रविवार को इंग्लैंड क्रिकेट इतिहास का पहला डबल वर्ल्ड चैंपियन बना। इंग्लैंड ने मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर रविवार को खेले गए फाइनल में पाकिस्तान को 5 विकेट से हराकर दूसरी बार टी-20 वर्ल्ड कप का खिताब जीत लिया। इंग्लैंड के नाम इस समय वनडे वर्ल्ड कप खिताब भी है। पहली बार किसी टीम के पास एक साथ वनडे और टी-20 दोनों का वर्ल्ड टाइटल हैं।

इस वर्ल्ड कप से इंग्लैंड ने पूरी दुनिया को बताया है कि क्रिकेट का सबसे छोटा फॉर्मेट कैसे खेला जाता है। एक तरफ पाकिस्तान टीम थी, जिसके पास सबसे शानदार बॉलिंग लाइनअप थी। टीम इंडिया के पास शानदार बैटिंग, लेकिन दोनों टीमें वर्ल्ड कप नहीं जीत पाईं। दूसरी तरफ, इंग्लैंड के पास बल्लेबाजी और गेंदबाजी करने वाले कई प्लेयर थे। इस स्टोरी में हम आपको बताएंगे कि वर्ल्ड कप का फाइनल जीतने वाली इंग्लैंड से टीम इंडिया क्या सीख सकती है।

1. शानदार ओपनर्स
इंग्लैंड के पास इस वर्ल्ड कप में जोस बटलर और एलेक्स हेल्स के रूप में दो एग्रेसिव ओपनर थे। दोनों पावर-प्ले में बड़े-बड़े शॉट लगाते और शुरुआती 6 ओवर में 60 से 70 रन बना लेते थे। टीम इंडिया के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबले में दोनों ने तो 169 रन के टारगेट को 16 ओवर में ही चेज कर लिया था और वो भी बिना आउट हुए। पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल में भी हेल्स भले ही शुरुआत में आउट हो गए, लेकिन जोस बटलर ने 17 बॉल में 26 रन बनाए।

वहीं, इंडियन ओपनर पूरे वर्ल्ड कप में डिफेंसिव दिखे। इंग्लैंड के खिलाफ टीम इंडिया ने सेमीफाइनल के पावरप्ले में सिर्फ 38 बनाए थे। जरा अंदाजा लगाइए कि पूरे वर्ल्ड कप में भारतीय ओपनर्स ने पावरप्ले में 100 से भी कम के स्ट्राइक रेट से रन बनाए।

कप्तान रोहित शर्मा ने पावरप्ले में करीब 95 तो वहीं लोकेश राहुल ने लगभग 90 के स्ट्राइक रेट के साथ रन बनाए।

2. इंग्लैंड के पास 7 बॉलिंग ऑप्शन
इंग्लैंड के पास इस वर्ल्ड कप में 7 से ज्यादा बॉलिंग ऑप्शन थे। इससे कप्तान जोस बटलर का काम बहुत आसान हो गया था। बेन स्टोक्स, क्रिस वोक्स, सैम करन, आदिल रशीद, लियाम लिविंगस्टोन, मोईन अली, क्रिस वोक्स और क्रिस जॉर्डन स्पेशलिस्ट बॉलर ही हैं। अगर कोई गेंदबाज महंगा साबित होता था तो बटलर तुरंत उसकी जगह दूसरे गेंदबाज को ले आते थे।

दूसरी तरफ, टीम इंडिया के पास वर्ल्ड कप में 5 से 6 बॉलिंग ऑप्शन थे। अर्शदीप सिंह, मोहम्मद शमी, हार्दिक पंड्या, भुवनेश्वर कुमार, अक्षर पटेल और आर. अश्विन। अश्विन और अक्षर पटेल पूरे टूर्नामेंट में फ्लॉप रहे। सेमीफाइनल में जब सभी बॉलर्स पिट रहे थे तो रोहित समझ ही नहीं पा रहे थे किसे बॉलिंग दें। युजवेंद्र चहल जैसे रिस्ट स्पिनर को हमने पूरे वक्त बेंच पर बिठाए रखा।

3. ऐसा बल्लेबाज जो बॉलिंग भी कर सके
इंग्लैंड के पास टॉप-5 बल्लेबाजों में दो ऐसे प्लेयर थे जो बल्लेबाजी के साथ-साथ गेंदबाजी भी कर सकते थे। ये थे- लियाम लिविंगस्टोन और मोईन अली। दूसरी तरफ, टीम इंडिया के पास ऐसा कोई भी ऑप्शन नहीं था। लिविंगस्टोन ने तो सेमीफाइनल में 3 ओवर किए थे और सिर्फ 20 रन दिए।

पूरे वर्ल्ड कप में रोहित शर्मा, केएल राहुल, विराट कोहली और सूर्यकुमार यादव ने सिर्फ बल्लेबाजी की। ऐसा भी नहीं है कि कोहली और रोहित शर्मा गेंदबाजी नहीं करते। रोहित ने तो IPL में हैट्रिक तक ली है।

4. डीप बैटिंग लाइनअप
इंग्लैंड के पास इस वर्ल्ड कप में नंबर-10 और नंबर-11 तक बल्लेबाजी थी। जोस बटलर से लेकर नंबर-11 तक आने वाले आदिल रशीद सभी बल्लेबाजी कर सकते हैं।

वहीं, टीम इंडिया के पास बल्लेबाजों की इतनी कमी थी कि आर. अश्विन को टीम में रखना पड़ता था, क्योंकि टीम की बैटिंग थोड़ी डीप हो सके। शुरुआती विकेट गिरने के बाद नीचे बल्लेबाजों के ऑप्शन बहुत कम हो जाते थे।

5. फियरलेस क्रिकेट
पूरे टूर्नामेंट में इंग्लैंड ने दिखाया कि फियरलेस क्रिकेट क्या होती है। उन्होंने बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फील्डिंग तीनों जगह बिना बेखौफ क्रिकेट खेला। बैटर आते ही बड़े-बड़े शॉट लगाते।

हमारे ओपनर्स रोहित शर्मा और केएल राहुल का स्ट्राइक रेट तो मोईन अली और लियाम लिविंगस्टोन से भी कम रहा। मोईन ने 126 से ज्यादा और लियाम लिविंगस्टोन 122 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए। केएल राहुल का 120.75 और रोहित शर्मा का स्ट्राइक रेट 106 रहा।

टीम के नंबर 10 और 11 पर बल्लेबाजी इंग्लैंड के लोअर ऑर्डर की तरह मजबूत नहीं थे।

खबरें और भी हैं…

For all the latest Sports News Click Here 

Read original article here

Denial of responsibility! TechAI is an automatic aggregator around the global media. All the content are available free on Internet. We have just arranged it in one platform for educational purpose only. In each content, the hyperlink to the primary source is specified. All trademarks belong to their rightful owners, all materials to their authors. If you are the owner of the content and do not want us to publish your materials on our website, please contact us by email – [email protected]. The content will be deleted within 24 hours.