आपकी कहानी भास्कर ऐप पर: हाथ की दोनों हड्डियां टूट गई थीं, लेकिन UP के लड़के ने क्रिकेट खेलना नहीं छोड़ा
17 घंटे पहले
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क्रिकेट वाली यादों में फिर से आपका स्वागत है। ये कहानी UP के सोनभद्र के राजा पांडेय की है। इस कहानी को शुरू करने से पहले आपके से एक गुजारिश है। अपनी कहानियों को लिखकर भेजने के साथ अपनी कहानी सुनाते हुए वीडियो भी भेजिए।
हम आपकी कहानी को आपके वीडियो साथ भास्कर ऐप पर मौका देंगे। आइए अब इस कहानी की ओर चलते हैं।
पहले राइट हैंड से बैटिंग करते थे
राजा पांडेय शुरुआत से ही राइट हैंड बैटिंग और राइट हैंड बॉलिंग करता थे। एक दिन वो गिल्ली डंडा काटने के लिए एक बबूल के पेड़ पर चढ़े हुए थे। वो एक डाली के आगे वाले हिस्से पर थे। उनके ठीक पीछे एक लड़का उसी पेड़ की उसी डाली पर बैठा हुआ था। लड़का अचानक डाली से नीचे कूद गया। अचानक झटका लगने से राजा डाली से बुरी तरह नीचे गिरे।
गिल्ली-डंडा काटने में टूटा हाथ
राजा नीचे गिरे और उनका हाथ एक पत्थर के टुकड़े से टकराया। अचानक से हाथ का पूरा नक्शा ही बदल गया। जैसे कोहनी से हाथ मुड़ता है, ठीक वैसे ही कलाई के थोड़े ऊपर से मुड़ गया। ये उनका दाहिना हाथ ही था।
गांव से शहर गए। एक्सरे रिपोर्ट में दिखा कि हाथ की दोनों हड्डियां रेडियस और अल्ना टूट गई थीं। दो दिन बाद हाथ में पक्का प्लास्टर चढ़ा दिया गया। एक-दो और दर्द रहा। मुश्किल से एक हफ्ता बीता था कि राजा हाथ में प्लास्टर बांधे ही क्रिकेट ग्राउंड में उतर गया।
प्लास्टर कटने के बाद वो कभी दाएं हाथ से बल्लेबाजी नहीं कर पाए
राजा घर के आंगन में और क्रिकेट ग्राउंड में दोनों ही जगहों पर फिर से क्रिकेट खेलने लगा, लेकिन उसके दाएं हाथ में प्लास्टर लगा हुआ था। इसलिए जब वो बैटिंग करने उतरते तो दाईं ओर से ही झुककर बाएं हाथ बैटिंग करने लगे, लेकिन वो इतना सहज तरीका नहीं था। इसलिए कुछ दिन में उन्होंने बाईं ओर से बाएं हाथ से बैटिंग करनी शुरू की।
करीब 1 महीने बाद प्लास्टर कटा तो वो बाएं हाथ से ही बल्लेबाजी करते रहे। वो घटना ऐसी हुई कि वो फिर कभी दाएं हाथ से बल्लेबाजी नहीं कर पाए। वो हमेशा-हमेशा के लिए लेफ्टी हो गए।
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