अर्जुन अवॉर्डी गुरबचन रंधावा का इस्तीफा: भारतीय एथलेटिक्स फेडरेशन की चयन समिति का अध्यक्ष पद छोड़ा, बोले- अब 100% नहीं दे पाऊंगा

अमृतसर34 मिनट पहले

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अर्जुन अवॉर्डी गुरबचन रंधावा का इस्तीफा: भारतीय एथलेटिक्स फेडरेशन की चयन समिति का अध्यक्ष पद छोड़ा, बोले- अब 100% नहीं दे पाऊंगा

पद्म श्री गुरबचन सिंह रंधावा।

भारत के महान एथलीट और देश के पहले अर्जुन अवॉर्डी गुरबचन सिंह रंधावा ने भारतीय एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की चयन समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने 18 साल सेवाएं देने के बाद इस्तीफे का फैसला किया। ओलंपियन रंधावा ने हाल ही में एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया को पत्र लिखकर स्वेच्छा से अपना पद छोड़ने के अपने फैसले की जानकारी दी।

85 वर्ष के रंधावा ने कहा कि अब वह अपना 100 प्रतिशत समय नहीं दे सकते और युवा खिलाड़ियों को जिम्मेदारी सौंपने का मौका आ गया है। गुरबचन सिंह रंधावा के कार्यकाल में भारतीय एथलेटिक्स ने कई मील के पत्थर स्थापित किए, जिसमें नीरज चोपड़ा के रूप में भारत के पहले ओलिंपिक चैंपियन एथलीट भी शामिल हैं।

अंजू बॉबी जॉर्ज ने विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में पदक जीता। इसके अलावा एशियाई खेलों, कॉमनवेल्थ गेम्स, सेफ गेम्स, एशियन एथलेटिक्स चैम्पियनशिप सहित प्रमुख अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में भारतीय एथलीटों ने शानदार प्रदर्शन किया है।

भारत के पहले अर्जुन अवॉर्डी एथलीट गुरबचन सिंह रंधावा ने कहा कि एथलिटक्स उनके खून में है और उन्हें खुशी है कि जो सपना मिल्खा सिंह, पीटी उषा जैसे एथलीटों ने पूरा नहीं किया, वह नीरज चोपड़ा ने पूरा किया।

एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल जीता था
रंधावा ने 1962 जकार्ता एशियाई खेलों में डेकाथलॉन में स्वर्ण पदक जीता था। इसके साथ 1964 के टोक्यो ओलिंपिक खेलों में 110 मीटर बाधा दौड़ के फाइनल में पांचवें स्थान पर रहे। रंधावा को देश का चौथा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म श्री भी मिल चुका है। वह टोक्यो ओलिंपिक में भारतीय खेल टीम के ध्वजवाहक भी थे।

अमृतसर का नाम विश्व में किया रोशन
6 जून, 1939 को अमृतसर जिले के गांव नंगली (मेहता) में ओलंपियन रंधावा का जन्म हुआ था। रंधावा सीआरपीएफ से कमांडेंट के पद से सेवानिवृत्त हुए। अपने करियर में उन्होंने एक एथलीट होने के अलावा, एक कोच, सरकारी पर्यवेक्षक, चयन समिति के अध्यक्ष, पंजाबी विश्वविद्यालय पटियाला के खेल सलाहकार के रूप में भी काम किया है।

रंधावा के परिवार में उनके पिता मेजर तहिल सिंह रंधावा, पत्नी जसविंदर और बेटा रंजीत सिंह रंधावा एथलीट रह चुके हैं। जबकि भाई हरभजन सिंह रंधावा भारतीय एथलेटिक्स टीम के मुख्य कोच रह चुके हैं।

लंबे समय तक नई दिल्ली में रहने वाले ओलंपियन रंधावा की जीवनी ‘उड़ना बाज’ को खेल लेखक नवदीप सिंह गिल ने लिखा था। पंजाब सरकार द्वारा रंधावा की जीवनी स्कूल शिक्षा बोर्ड की शारीरिक शिक्षा पाठ्यपुस्तक में भी शामिल की गई है।

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